जैसलमेर खाना नहीं मिला तो गार्ड ,फोरमन,ने रोकी इंटरसिटी
जैसलमेर हिन्दुस्तान के इतिहास में ऐसा शायद पहले कभी नही हुआ होगा की रेल के ड्राईवर को खाना नहीं मिलने पर उसने रल चलाने से ही मना कर दिया हो . मगर गरुवार को येअजीब वाकया जैसलमेर रेलवे स्टेशन पर देखन को मिला जहां जैसलमेर दिल्ली इंटरसिटी एक्सप्रेस के ड्राईवर और गार्ड को खाना नहीं मिलने पर उन्होंने रेल ही चलने से मना कर दिया जिससे एक बार तो सब सकते में आ गए , 5 बजकर 15 मिनट पर ट्रेन के नहीं चलने पर यात्री गन सब परेशान हो गए और वजह तलाशने लगे, और जब उन्हें इसकी वजह पता चली तो सब हैरान हो गए , फिर रेलवे के अधिकारियों ने खाने का बंदोबस्त किया तब कहीं जाकर रेल 6 बजकर 50 मिनट पर यानी पूरे पौने दो घंटे देरी से रवाना हो सकी तब तक रायुल में सफ़र करने वाले यात्रियों को काफी असुविधा का सामना करना पडा
जैसलमेर रेलवे स्टेशन के गार्ड रनिंग रूम में ये अव्यवस्था गत तीन माह से जारी है। गत नवंबर माह में खाना बनाने का ठेका दिया गया था। लेकिन एक सप्ताह में ही ठेकेदार का आदमी काम छोड़ कर भाग गया। जिसके बाद से लेकर अव्यवस्थाएं जारी है। यहां वहां से व्यवस्था की जाकर स्टाफ का खाना बनाया जाता है। इस रनिंग रूम में जैसलमेर से चलने वाली तथा आने वाले सभी महत्वपूर्ण गाडिय़ों तथा मालगाडिय़ों का स्टाफ रुकता है तथा रिफ्रे श होकर अपनी रेल लेकर यहां से रवाना होता है। लेकिन गत तीन माह से खाना बनाने वाले की कमी के कारण भारी परेशानी उठानी पड़ रही है।
इंटरसिटी से जाने वाले यात्री गुरुवार को अजीब स्थिति में फंस गए। करीब डेढ़ घंटे इंटरसिटी प्लेटफार्म पर खड़ी रही। कारण था कि रेल के चालक, सहचालक व गार्ड को खाना नहीं मिला। जिसके चलते ट्रेन अपने तय समय से डेढ़ घंटा देरी से जैसलमेर से रवाना हुई। गार्ड रनिंग रूम की अव्यवस्थाओं के चलते रेल के महत्वपूर्ण स्टाफ को काफी असुविधा हो रही थी। जिस पर गुरुवार को ट्रेन के गार्ड, चालक, सहायक चालक आदि ने स्टेशन अधीक्षक से मिल कर गार्ड रनिंग रूम की अव्यवस्थाओं से अवगत करवाया। करीब चालीस से अधिक के स्टाफ ने रनिंग रूम में कर्मचारियों के अभाव में होने वाले समस्याओं के बारे में बताया। स्टाफ कर्मचारियों ने रसोइया नहीं होने पर गहरा रोष प्रकट किया। साथ ही शीघ्र ही रसोइये की व्यवस्था की मांग की। गुरुवार को विभिन्न ट्रेनों के इस स्टाफ को देर शाम तक रसोइया नहीं होने के कारण भूखा रहना पड़ा।
जैसलमेर हिन्दुस्तान के इतिहास में ऐसा शायद पहले कभी नही हुआ होगा की रेल के ड्राईवर को खाना नहीं मिलने पर उसने रल चलाने से ही मना कर दिया हो . मगर गरुवार को येअजीब वाकया जैसलमेर रेलवे स्टेशन पर देखन को मिला जहां जैसलमेर दिल्ली इंटरसिटी एक्सप्रेस के ड्राईवर और गार्ड को खाना नहीं मिलने पर उन्होंने रेल ही चलने से मना कर दिया जिससे एक बार तो सब सकते में आ गए , 5 बजकर 15 मिनट पर ट्रेन के नहीं चलने पर यात्री गन सब परेशान हो गए और वजह तलाशने लगे, और जब उन्हें इसकी वजह पता चली तो सब हैरान हो गए , फिर रेलवे के अधिकारियों ने खाने का बंदोबस्त किया तब कहीं जाकर रेल 6 बजकर 50 मिनट पर यानी पूरे पौने दो घंटे देरी से रवाना हो सकी तब तक रायुल में सफ़र करने वाले यात्रियों को काफी असुविधा का सामना करना पडा
जैसलमेर रेलवे स्टेशन के गार्ड रनिंग रूम में ये अव्यवस्था गत तीन माह से जारी है। गत नवंबर माह में खाना बनाने का ठेका दिया गया था। लेकिन एक सप्ताह में ही ठेकेदार का आदमी काम छोड़ कर भाग गया। जिसके बाद से लेकर अव्यवस्थाएं जारी है। यहां वहां से व्यवस्था की जाकर स्टाफ का खाना बनाया जाता है। इस रनिंग रूम में जैसलमेर से चलने वाली तथा आने वाले सभी महत्वपूर्ण गाडिय़ों तथा मालगाडिय़ों का स्टाफ रुकता है तथा रिफ्रे श होकर अपनी रेल लेकर यहां से रवाना होता है। लेकिन गत तीन माह से खाना बनाने वाले की कमी के कारण भारी परेशानी उठानी पड़ रही है।
इंटरसिटी से जाने वाले यात्री गुरुवार को अजीब स्थिति में फंस गए। करीब डेढ़ घंटे इंटरसिटी प्लेटफार्म पर खड़ी रही। कारण था कि रेल के चालक, सहचालक व गार्ड को खाना नहीं मिला। जिसके चलते ट्रेन अपने तय समय से डेढ़ घंटा देरी से जैसलमेर से रवाना हुई। गार्ड रनिंग रूम की अव्यवस्थाओं के चलते रेल के महत्वपूर्ण स्टाफ को काफी असुविधा हो रही थी। जिस पर गुरुवार को ट्रेन के गार्ड, चालक, सहायक चालक आदि ने स्टेशन अधीक्षक से मिल कर गार्ड रनिंग रूम की अव्यवस्थाओं से अवगत करवाया। करीब चालीस से अधिक के स्टाफ ने रनिंग रूम में कर्मचारियों के अभाव में होने वाले समस्याओं के बारे में बताया। स्टाफ कर्मचारियों ने रसोइया नहीं होने पर गहरा रोष प्रकट किया। साथ ही शीघ्र ही रसोइये की व्यवस्था की मांग की। गुरुवार को विभिन्न ट्रेनों के इस स्टाफ को देर शाम तक रसोइया नहीं होने के कारण भूखा रहना पड़ा।
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