बुधवार, 19 फ़रवरी 2014

लोकतंत्र फिर शर्मसार: राज्यसभा में बदसलूकी,यूपी असेंबली में कपड़े उतारे




नई दिल्ली/जम्मू/लखनऊ। लोकतंत्र एक बार फिर शर्मसार हुआ। खुद को जनता का प्रतिनिधि बताने वालों ने मर्यादा को तार तार कर दिया। राज्यसभा में टीडीपी के सांसद ने सेक्रेटरी जनरल के साथ धक्का मुक्की की तो यूपी विधानसभा में दो सदस्यों ने कपड़े उतार दिए। वहीं जम्मू कश्मीर विधानसभा में पीडीपी विधायक ने मार्शल को चांटा जड़ दिया।
लोकतंत्र फिर शर्मसार: राज्यसभा में बदसलूकी,यूपी असेंबली में कपड़े उतारे
राज्यसभा में महासचिव से बदसलूकी
लोकतंत्र फिर शर्मसार: राज्यसभा में बदसलूकी,यूपी असेंबली में कपड़े उतारे
राज्यसभा में तेलंगाना विरोधी सांसदों ने जमकर हंगामा किया। तेलंगाना विरोधी सांसद नारेबाजी करते हुए सभापति की चैयर तक आ गए। टीडीपी के सांसद सीएम नरेश विरोध करते हुए राज्यसभा के वैल में आ गए। उन्होंने राज्यसभा के सेक्रेटरी जनरल शमसेर के.शरीफ के हाथ से पेपर छीन लिए। उन्होंने शरीफ के साथ उस वक्त धक्का मुक्की भी की जब वह लोकसभा का संदेश पढ़ रहे थे।

यूपी विधानसभा में विधायकों ने उतार दिए कपड़े

यूपी विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान जमकर हंगामा हुआ। बसपा और आरएलडी के विधायकों ने उस वक्त सरकार विरोधी नारे लगाए जब राज्यपाल संयुक्त सत्र को संबोधित कर रहे थे। 11 बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई बसपा विधायक बैनर और पोस्टर लेकर बैंच पर चढ़ गए। बसपा विधायकों ने कानून व्यवस्था और किसानों की दयनीय हालत का मुद्दा उठाते हुए सरकार को बर्खास्त करने की मांग की।

इसी दौरान आरएलडी के दो विधायकों ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए अपने शर्ट उतार दिए। उन्होंने सरकार को किसान विरोधी करार दिया। विधायक वीर पाल और सुदेश शर्मा गन्ने की बकाया कीमत चुकाने की मांग कर रहे थे। विधायकों के इस बर्ताव पर संसदीय कार्य मंत्री आजम खान ने कहा कि वे बेशर्म लोग हैं। इन्होंने राज्य के लोगों को लूटा है इसलिए उन्हें बोलना का कोई अधिकार नहीं है।

जम्मू-कश्मीर विधानसभा में मार्शल को मारा चांटा

जम्मू कश्मीर विधानसभा में पीडीपी के विधायक सईद बशीर अहमद ने एक मार्शल को चांटा जड़ दिया। बशीर ने यह हिमाकत उस वक्त की जब स्पीकर के आदेश पर मार्शल उन्हें सदन के बाहर ले जा रहे थे। मार्शल को चांटा मारने के बाद वॉच और वार्ड स्टॉफ ने बशीर को काबू में किया।

बशीर ने विधानसभा में पुलवामा के विस्थापित कश्मीरी पंडितों के मुद्दे को उठाया,जिन्हें इस माह तक राशन नहीं मिला है। प्रश्नकान के दौरान बशीर ने कहा कि मैं विस्थापित कश्मीरी पंडितों के मुद्दे को उठाना चाहता हूं लेकिन स्पीकर मुझे इसकी इजाजत नहीं दे रहे। मैंने मंगलवार को कश्मीरी पंडितों से मुलाकात की थी। कश्मीरी पंडितों ने मुझे बताया कि उन्हें अभी तक राशन नहीं मिला है। विधानसभा का सदस्य होने के नाते उनका मुद्दा उठाना मेरी जिम्मेदारी है लेकिन वे मेरी बात सुनना ही नहीं चाहते। तो विधानसभा की जरूरत ही क्या है?

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