मंगलवार, 18 फ़रवरी 2014

तेलंगाना बिल संसद में पास, वोटिंग के दौरान प्रसारण रोका

नई दिल्ली। तेलंगाना बिल को लेकर लोकसभा में पास हो गया है। इसी सप्ताह बिल को राज्यसभा में भी रखा जा सकता है। राज्यसभा में पास होने के बाद बिल राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद तेलंगाना देश का 29वां राज्य बन जाएगा।
बिल पर वोटिंग के दौरान सुरक्षा के नजरिए से लोकसभा की कार्यवाही का टेलीविजन पर प्रसारण भी रोक दिया गया था। संसद के सेन्ट्रल हॉल के टीवी भी बंद कर दिए गए। इससे पहले 2002 के गोधरा कांड के बाद सदन की कार्यवाही का प्रसारण रोका गया था, उस समय बीजेपी नेता प्रमोद महाजन सूचना एवं प्रसारण मंत्री थे।

निलंबित सांसदों की घुसपैठ के डर से संसद के मुख्य द्वारों पर मार्शल तैनात किए गए। बीजेपी ने तेलंगाना बिल का समर्थन किया। लेकिन सीपीएम, सपा, जेडीयू टीएमसी ने बिल का विरोध किया तथा इन पार्टियों ने सदन से वाकआउट कर दिया। जेडीयू अध्यक्ष शरद यादव ने कहा कि राज्य बनते वक्त ऎसा नजारा नहीं देखा। इमरजैंसी की याद ताजा हो रही है। इसके बाद वे सदन से बाहर निकल गए। वाईएसआर कांग्रेस अध्यक्ष जगनमोहन रेड्डी ने बिल पास होने को लोकतंत्र की हत्या बताया है।

संसद भवन की ओर जाने वाली सड़कों पर जगह-जगह बैरीकेड लगे थें और बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया। जंतर मंतर पर तेलंगाना के खिलाफ वाईएसआर कांग्रेस का धरना चल रहा है जिसमें सैकड़ों लोग आए हैं।

संसद भवन परिसर के अंदर मुख्य द्वार के आस पास संसद सुरक्षादल के सैकड़ों जवान तैनात किए गएं जो आगन्तुकों पर पैनी नजर रखे रहें। संसद में किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए कई एम्बुलैंस तैनात रही।


दिनभर मचा रहा हाहाकार

इससे पहले सुबह लोकसभा और राज्यसभा में तेलंगाना पर फिर जमकर हंगामाहुआ। मंगलवार को संसद की कार्यवाही शुरू होते ही हंगामा शुरू हो गया, कमोबेश यही स्थिति राज्यसभा में भी हुई। इसके बाद संसद में तेलंगाना मसले पर हंगामा करने वाले निलंबित सांसदों के घुसने पर रोक लगा दी गई।

तेलंगाना और कुछ अन्य मुद्दों पर सदस्यों के हंगामे के कारण लोकसभा में मंगलवार को भी प्रश्नकाल नहीं हो पाया और सदन की कार्यवाही 12 बजे तक और फिर तीन बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी।

सुबह 11 बजे कार्यवाही शुरू होने के बाद जैसे ही अध्यक्ष ने प्रश्नकाल शुरू करने की घोषणा की, वैसे ही केन्द्रीय मंत्री के चिरंजीवी, डी पुरन्देश्वरी, के. सूर्यनारायण रेड्डी, सांसद बापीराजू कनुमुरी सहित कई सदस्य सदन के बीचोंबीच आ गए जबकि मानव संसाधन विकास मंत्री एम पल्लमराजू गलियारे में अखण्ड आंध्र प्रदेश के समर्थन में खड़े थे। कनुमुरी नारे लगा रहे थे।

तेलुगकुदेशम पार्टी के सदस्य भी उनका साथ देने आ गए। पीछे से अन्ना द्रमुक के सदस्य तमिल मुद्दे पर श्रीलंका सरकार के विरूद्ध संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में प्रस्ताव पेश करने की मांग को लेकर हाथों में कागज उठाए आ गए।

कुछ सदस्य अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति उप योजना को तत्काल पारित करने की मांग को लेकर हाथों में पोस्टर उठाए आसन की ओर बढ़ने लगे। इसके बाद अध्यक्ष ने कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित करने की घोषणा कर दी। पांच फरवरी से शुरू हुए पंद्रहवीं लोकसभा के इस आखिरी सत्र में एक भी दिन प्रश्नकाल नहीं चल पाया है।

सरकार ने इस बात का संकेत दिया है कि वह संसद में तेलंगाना विधेयक इसी सत्र में पारित कराने के लिए कृत संकल्प है। इस विधेयक को अप्रत्याशित घटनाक्रम तथा भारी हंगामे के बीच गुरूवार को लोकसभा में पेश किया गया था। हालांकि भारतीय जनता पार्टी समेत अनेक दलों ने कहा था कि यह विधेयक सदन में पेश ही नहीं हुआ है।

राज्यसभा में भी हंगामा

हंगामे के कारण राज्यसभा में एक दिन भी प्रश्नकाल नहीं चला और न ही किसी विधेयक पर चर्चा हो सकी है। सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होते ही तेलंगना पृथक राज्य गठित करने का विरोध और समर्थन करने वाले सदस्य सदन के बीचोबीच आ गए और नारेबाजी करने लगे। इसी दौरान अन्नाद्रमुक के सदस्य भी तमिल मछुआरे के मुद्दे को लेकर सभापति के आसन के समक्ष पहुंच कर हंगामा करने लगे। सभापित हामिद अंसारी ने सदस्यों से शांत रहने की अपील की लेकिन उनपर इसका कोई असर नहीं होता देख उन्होंने सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे और फिर दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

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