शनिवार, 1 फ़रवरी 2014

सुप्रीम कोर्ट में पुरूष वकील करते हैं महिला वकीलों के साथ "गंदी हरकत"



नई दिल्ली। दिल्ली में स्थित देश के सुप्रीम कोर्ट से संबंधित दिनों-दिन यौन शोषण के मामले बढ़ रहे हैं। इसलिए सुप्रीम कोर्ट खबरों में बना हुआ है। सुप्रीम कोर्ट की महिला वकीलों ने शिकायत दर्ज कराई है कि उनका पुरूष वकील यौन शोषण करते हैं। पहले सुप्रीम कोर्ट के दो पूर्व जजों के खिलाफ लॉ इंटर्न ने यौन शोषण का आरोप लगाय था। अब दो महिला वकीलों ने पुरूष वकीलों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। सुप्रीम कोर्ट ने 26 नवंबर 2013 को विशाखा गाइडलाइन के तहत दस लोगों की सुप्रीम कोर्ट लिंग संवेदीकरण और आंतरिक शिकायत कमेटी बनाई थी। महिला वकीलों ने इस कमेटी को ही अपनी शिकायत दर्ज कराी है।
सुप्रीम कोर्ट में पुरूष वकील करते हैं महिला वकीलों के साथ "गंदी हरकत"
कमेटी ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट पर प्रकाशित की है। रिपोर्ट के मुताबिक एक महिला वकील ने 12 दिसंबर 2013 को यौन शोषण की शिकायत दर्ज कराई। उसके बाद कमेटी ने पीडिता के बयान भी रिकोर्ड किए। वहीं दूसरी शिकायत पैनल के सामने 16 दिसंबर 2013 को आई। लेकिन उसकी रिक्वेस्ट के आधार पर उसके बयान दर्ज नहीं करवाए गए। हालांकि रिपोर्ट में आरोपी वकीलों का नाम नहीं लिखा हुआ है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कमेटी के आतंरिक फैसले के मुताबिक जब तक वे दोषी साबित नहीं हो जाते उनके नामों की घोषणा नहीं की जाएगी। अगर आरोपियों के दोष साबित हो जाते हैं तो उन्हें सुप्रीम कोर्ट परिसर में प्रवेश पर एक साल की रोक लगाई जा सकती हैं। पैनल उनके खिलाफ क्रिमिनल शिकायत भी दर्ज करा सकती है। पैनल के पास सुप्रीम कोर्ट परिसर में होने वाली ऎसी घटनाओं की जांच की न्यायिक शक्तियां हैं। पैनल में सुप्रीम कोर्ट के दो जज जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई और जस्टिस मदन बी लोकुर भी इसके सदस्यों के रूप में जुड़े हुए हैं।

पैनल ने दोनों वकीलों की शिकायतों को इंटरनल सब कमेटी के पास सब्मिट करा दिया था। अभी दोनों की शिकायतें कमेटी के पास सुलझने के लिए लंबित हैं। सुप्रीम कोर्ट दवारा विशाखा फैसले के बाद ऎसा पैनल बनाना 1997 से पैंडिंग था। जिसे सुप्रीम कोर्ट ने एके गांगुली केस के चर्चा में आने के बाद बनाया गया। महिला वकीलों ने दो साल पहले भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करके ऎसे पैनल के गठन की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि परिसर में यौन शोषण के मामले बढ़ रहे हैं, इनकी जांच के लिए एक पैनल की जरूरत है।





 

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