नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा में जनलोकपाल बिल पेश करने की अपनी कोशिशों में असफल होने के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने हुनमान रोड स्थित पार्टी कार्यालय के बाहर कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए अपने पद से इस्तीफा देने का ऎलान किया।
उन्होंने कहा कि हमारा सबसे बड़ा मुद्दा था कि जनलोकपाल बिल पास हो। कांग्रेस ने भी वादा किया था कि हम जनलोकपाल बिल का समर्थन करेंगे, लेकिन, जब हमने उसे पास कराना चाहा तो भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों मिल गए। इसलिए हमारी सरकार इस्तीफा दे रही है।
इस पहले राज्य विधानसभा में जनलोकपाल विधेयक पेश होने के खिलाफ भाजपा और कांग्रेस के मतदान के बाद अरविंद केजरीवाल ने इस बात के पर्याप्त संकेत दिए थे कि उनकी सरकार इस्तीफा दे सकती है।
जनलोकपाल विधेयक पेश होने के खिलाफ मतदान के बाद विधानसभा में अपने संक्षिप्त भाषण में मुख्यमंत्री ने कहा कि यह हमारा अंतिम सत्र लगता है। यदि मुझे भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए मुख्यमंत्री के पद को एक हजार बार भी कुर्बान करना पड़े और जान भी देनी पड़े, तो मैं खुद को भाग्यशाली मानूंगा।
विधानसभा का सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित होने के बाद केजरीवाल ने राज्य सचिवालय में अपने कैबिनेट की बैठक की। इस बैठक के बाद वह पार्टी दफ्तर के लिए रवाना हुए और वहां पार्टी समर्थकों एवं कार्यकर्ताओं के बीच अपनी सरकार के इस्तीफे का ऎलान कर दिया।
आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने हुनमान रोड स्थित पार्टी कार्यालय के बाहर कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए अपने पद से इस्तीफा देने का ऎलान किया।
उन्होंने कहा कि हमारा सबसे बड़ा मुद्दा था कि जनलोकपाल बिल पास हो। कांग्रेस ने भी वादा किया था कि हम जनलोकपाल बिल का समर्थन करेंगे, लेकिन, जब हमने उसे पास कराना चाहा तो भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों मिल गए। इसलिए हमारी सरकार इस्तीफा दे रही है।
इस पहले राज्य विधानसभा में जनलोकपाल विधेयक पेश होने के खिलाफ भाजपा और कांग्रेस के मतदान के बाद अरविंद केजरीवाल ने इस बात के पर्याप्त संकेत दिए थे कि उनकी सरकार इस्तीफा दे सकती है।
जनलोकपाल विधेयक पेश होने के खिलाफ मतदान के बाद विधानसभा में अपने संक्षिप्त भाषण में मुख्यमंत्री ने कहा कि यह हमारा अंतिम सत्र लगता है। यदि मुझे भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए मुख्यमंत्री के पद को एक हजार बार भी कुर्बान करना पड़े और जान भी देनी पड़े, तो मैं खुद को भाग्यशाली मानूंगा।
विधानसभा का सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित होने के बाद केजरीवाल ने राज्य सचिवालय में अपने कैबिनेट की बैठक की। इस बैठक के बाद वह पार्टी दफ्तर के लिए रवाना हुए और वहां पार्टी समर्थकों एवं कार्यकर्ताओं के बीच अपनी सरकार के इस्तीफे का ऎलान कर दिया।
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