तिरूअनंतपुरम। आध्यात्मिक नेता माता अमृतानंदमायी विवादों में हैं। अम्मा की एक करीबी ने अपनी पुस्तक में आश्रम में होने वाले यौन शोषण की पूरी कहानी बताई है। हाल ही में प्रकाशित "होली हेल,अ मेमोयर ऑफ फेथ,डिवोशन एंड प्योर मैडनेस" पुस्तक में जी.ट्रेडवेल उर्फ गायत्री ने बताया है कि किस तरह आश्रम में उसका यौन शोषण हुआ था।
गायत्री के मुताबिक आश्रम में रहने वाले वरिष्ठ लोगों के शारीरिक संबंध थे। आश्रम के प्रतिनिधि सुदीप कुमार ने इस बात की पुष्टि की है कि गायत्री दो दशक तक मां अमृतानंदमायी के साथ जुड़ी हुई थी। 1999 में उन्होंने आश्रम छोड़ दिया था। हालांकि कुमार ने पुस्तक के जरिए लगाए गए आरोपों को निराधार बताया है।
बकौल कुमार,आरोप हैरान करने वाले और सामान्य तर्क को चुनौती देने वाले हैं। ऑस्ट्रेलिया मूल की ट्रेडवेल उर्फ गायित्री ने 19 साल की उम्र में मां अमृतानंदमयी के पर्सनल अटेंडेंट के रूप में आश्रम ज्वाइन किया था। आश्रम में रहने के दौरान गायित्री ने देखा के केरल के एक फिशिंग गांव की रहने वाली महिला बहुत बड़ी आध्यात्मिक नेता बन गई। जिनके दुनिया भर में अनुयायी हैं। उनका ट्रस्ट स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में संस्थानों का नेटवर्क चलाता है।
गायित्री का कहना है कि अम्मा की पर्सनल अटेंडेंट के रूप में काम करते हुए वह ईश्वर को जानना चाहती थी। उसने सोचा था कि वह अपने लक्ष्य को हासिल कर सकती है। बकौल गायत्री शुरूआत के दिनों में उसे नहीं भुलाए जाने आध्यात्मिक अनुभव हुए। गायित्री का आरोप है कि अम्मा की मासूमियत और पवित्रता का दिखावा करने के लिए विश्वस्त लोगों की ऎसी टीम थी जो उनका गंदा काम करती थी। इसमें वह भी शामिल थी।
गायत्री के मुताबिक आश्रम में रहने वाले एक व्यक्ति ने उसका यौन शोषण किया था। बार बार यौन शोषण होने से उसका विश्वास खत्म हो गया। अपनी जीवनी में गायित्री ने आश्रम के सदस्यों के बीच होने वाले कथित स्वछंद संभोग के बारे में बताया है। गायित्री का कहना है कि जब आश्रम के कुछ लोग अम्मा के परिवार की संपत्ति को लेकर कुछ बोलते तो उनका विश्वस्त प्रतिनिधि बालू कहता कि संपत्ति अम्मा के पिता के मछली पालन बिजनेस से जुड़ी है।
गायित्री की पुस्तक अमेजन डॉट कॉम पर उपलब्ध है। जब पुस्तक पर आधारित रिपोर्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो गई तो सीपीएम के सांसद और पार्टी के दैनिक देशाभिमानी के रेजिडेंट एडिटर(कोçच्च)पी.राजीव ने मामले की रिपोर्ट पर मुख्य धारा के मीडिया की विमुखता की आलोचना की। राजीव ने कहा कि वे दिन चले गए जब लोगों को अंधेरे में रखा जाता था।
गायत्री के मुताबिक आश्रम में रहने वाले वरिष्ठ लोगों के शारीरिक संबंध थे। आश्रम के प्रतिनिधि सुदीप कुमार ने इस बात की पुष्टि की है कि गायत्री दो दशक तक मां अमृतानंदमायी के साथ जुड़ी हुई थी। 1999 में उन्होंने आश्रम छोड़ दिया था। हालांकि कुमार ने पुस्तक के जरिए लगाए गए आरोपों को निराधार बताया है।
बकौल कुमार,आरोप हैरान करने वाले और सामान्य तर्क को चुनौती देने वाले हैं। ऑस्ट्रेलिया मूल की ट्रेडवेल उर्फ गायित्री ने 19 साल की उम्र में मां अमृतानंदमयी के पर्सनल अटेंडेंट के रूप में आश्रम ज्वाइन किया था। आश्रम में रहने के दौरान गायित्री ने देखा के केरल के एक फिशिंग गांव की रहने वाली महिला बहुत बड़ी आध्यात्मिक नेता बन गई। जिनके दुनिया भर में अनुयायी हैं। उनका ट्रस्ट स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में संस्थानों का नेटवर्क चलाता है।
गायित्री का कहना है कि अम्मा की पर्सनल अटेंडेंट के रूप में काम करते हुए वह ईश्वर को जानना चाहती थी। उसने सोचा था कि वह अपने लक्ष्य को हासिल कर सकती है। बकौल गायत्री शुरूआत के दिनों में उसे नहीं भुलाए जाने आध्यात्मिक अनुभव हुए। गायित्री का आरोप है कि अम्मा की मासूमियत और पवित्रता का दिखावा करने के लिए विश्वस्त लोगों की ऎसी टीम थी जो उनका गंदा काम करती थी। इसमें वह भी शामिल थी।
गायत्री के मुताबिक आश्रम में रहने वाले एक व्यक्ति ने उसका यौन शोषण किया था। बार बार यौन शोषण होने से उसका विश्वास खत्म हो गया। अपनी जीवनी में गायित्री ने आश्रम के सदस्यों के बीच होने वाले कथित स्वछंद संभोग के बारे में बताया है। गायित्री का कहना है कि जब आश्रम के कुछ लोग अम्मा के परिवार की संपत्ति को लेकर कुछ बोलते तो उनका विश्वस्त प्रतिनिधि बालू कहता कि संपत्ति अम्मा के पिता के मछली पालन बिजनेस से जुड़ी है।
गायित्री की पुस्तक अमेजन डॉट कॉम पर उपलब्ध है। जब पुस्तक पर आधारित रिपोर्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो गई तो सीपीएम के सांसद और पार्टी के दैनिक देशाभिमानी के रेजिडेंट एडिटर(कोçच्च)पी.राजीव ने मामले की रिपोर्ट पर मुख्य धारा के मीडिया की विमुखता की आलोचना की। राजीव ने कहा कि वे दिन चले गए जब लोगों को अंधेरे में रखा जाता था।
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