मुंबई। एक पारिवारिक कोर्ट ने अमरीका बेस्ड भारतीय को अपनी पत्नी को जीविका के लिए 50 लाख रूपये चुकाने का आदेश दिया है। हालांकि एनआरआई की पत्नी 65 हजार रूपये प्रति महीना कमाती है।
कोर्ट ने ये आदेश देते हुए पति और पत्नी के बीच तनख्वाह के भारी अंतर पर भी विचार किया। पत्नी के 65 हजार रूपये प्रति माह के तुलना में पति की सैलरी 1 करोड़ रूपये सालाना है। आदेश सुनाने से पहले कोर्ट ने इस तरह के अन्य मामलों का अध्ययन भी किया।
कोर्ट ने पति को 25 लाख रूपए एकमुश्त और बाकी की रकम पत्नी को फ्लैट खरीदने में मदद के रूप में देनी होगी। इसके साथ ही 10 साल के बेटे के वयस्क होने तक 25 हजार रूपये प्रति महीना पालन-पोषण भत्ते के रूप में देने होंगे। साथ ही कानूनी खर्चे के 50 हजार रूपये भी चुकाने को कहा है।
अदालत ने माना कि तलाक के कारण उन दोनों के बेटे को किराए के मकान में रहना पड़ा। अगर ऎसा नहीं हुआ तो अभी वह अमरीका में रह रहा होता। पति-पत्नी के बीच 8 अप्रेल 2009 को तलाक हुआ था।
कोर्ट ने ये आदेश देते हुए पति और पत्नी के बीच तनख्वाह के भारी अंतर पर भी विचार किया। पत्नी के 65 हजार रूपये प्रति माह के तुलना में पति की सैलरी 1 करोड़ रूपये सालाना है। आदेश सुनाने से पहले कोर्ट ने इस तरह के अन्य मामलों का अध्ययन भी किया।
कोर्ट ने पति को 25 लाख रूपए एकमुश्त और बाकी की रकम पत्नी को फ्लैट खरीदने में मदद के रूप में देनी होगी। इसके साथ ही 10 साल के बेटे के वयस्क होने तक 25 हजार रूपये प्रति महीना पालन-पोषण भत्ते के रूप में देने होंगे। साथ ही कानूनी खर्चे के 50 हजार रूपये भी चुकाने को कहा है।
अदालत ने माना कि तलाक के कारण उन दोनों के बेटे को किराए के मकान में रहना पड़ा। अगर ऎसा नहीं हुआ तो अभी वह अमरीका में रह रहा होता। पति-पत्नी के बीच 8 अप्रेल 2009 को तलाक हुआ था।
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