नई दिल्ली। केन्द्र सरकार ने लोकसभा चुनाव में प्रत्याशियों के चुनाव खर्च की सीमा बढ़ाने को मंजूरी दे दी है।
अब देश के बड़े राज्यों में चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी अधिकतम 70 लाख रूपए तक अपने प्रचार अभियान में खर्च कर सकेंगे।
विभिन्न राजनीतिक दलों की मांग पर चुनाव आयोग ने कानून मंत्रालय को चुनाव खर्च सीमा में बढ़ोतरी का यह प्रस्ताव भेजा था, जिसे मंजूरी दे गई है।
इस निर्णय के बाद अब देश के उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक जैसे बड़े राज्यों में लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी पूर्व में तय खर्च सीमा 40 लाख के बजाय 70 लाख रूपए तक खर्च सकेंगे।
जबकि गोवा जैसे छोटे राज्यों में भी 22 लाख रूपए की अधिकतम खर्च सीमा को बढ़ा कर 54 लाख रूपए कर दिया गया है। ऎसे में खर्च सीमा में 30 से 32 लाख रूपए तक की बढ़ोतरी हो गई है।
पूर्वोत्तर, केन्द्र शासित प्रदेशों में भी बढ़ाया
पूर्वोत्तर और पहाड़ी राज्यों में भी खर्च सीमा को बढ़ा कर इसमें एकरूपता लाई गई है। इससे पहले मैदानी इलाकों के कई राज्यों की तुलना में पूर्वोत्तर और पहाड़ी राज्यों में खर्च सीमा अधिक तय की गई थी।
यह आंकड़ा विभिन्न पूर्वोत्तर के राज्यों में 27 से 35 लाख रूपए तक था। लेकिन अब इसे समान करते हुए 54 लाख रूपए प्रति सीट तय कर दिया गया है। इसी प्रकार दिल्ली को छोड़ कर अन्य केन्द्र शासित प्रदेशों में खर्च सीमा बढ़ा कर 54 लाख रूपए कर दी गई है। जबकि दिल्ली में इसे 40 से बढ़ा कर 70 लाख रूपए तय किया गया है।
अब देश के बड़े राज्यों में चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी अधिकतम 70 लाख रूपए तक अपने प्रचार अभियान में खर्च कर सकेंगे।
विभिन्न राजनीतिक दलों की मांग पर चुनाव आयोग ने कानून मंत्रालय को चुनाव खर्च सीमा में बढ़ोतरी का यह प्रस्ताव भेजा था, जिसे मंजूरी दे गई है।
इस निर्णय के बाद अब देश के उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक जैसे बड़े राज्यों में लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी पूर्व में तय खर्च सीमा 40 लाख के बजाय 70 लाख रूपए तक खर्च सकेंगे।
जबकि गोवा जैसे छोटे राज्यों में भी 22 लाख रूपए की अधिकतम खर्च सीमा को बढ़ा कर 54 लाख रूपए कर दिया गया है। ऎसे में खर्च सीमा में 30 से 32 लाख रूपए तक की बढ़ोतरी हो गई है।
पूर्वोत्तर, केन्द्र शासित प्रदेशों में भी बढ़ाया
पूर्वोत्तर और पहाड़ी राज्यों में भी खर्च सीमा को बढ़ा कर इसमें एकरूपता लाई गई है। इससे पहले मैदानी इलाकों के कई राज्यों की तुलना में पूर्वोत्तर और पहाड़ी राज्यों में खर्च सीमा अधिक तय की गई थी।
यह आंकड़ा विभिन्न पूर्वोत्तर के राज्यों में 27 से 35 लाख रूपए तक था। लेकिन अब इसे समान करते हुए 54 लाख रूपए प्रति सीट तय कर दिया गया है। इसी प्रकार दिल्ली को छोड़ कर अन्य केन्द्र शासित प्रदेशों में खर्च सीमा बढ़ा कर 54 लाख रूपए कर दी गई है। जबकि दिल्ली में इसे 40 से बढ़ा कर 70 लाख रूपए तय किया गया है।
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