अब निजी स्कूलों में ना एडवांस फीस ना ही संचालक बेच सकेंगे टाई-बेल्ट
नई गाइड लाइन में शामिल बिंदु
कई निजी स्कूल संचालकों की उड़ी नींद
शिक्षा विभाग ने गाइड लाइन जारी की, निजी स्कूल को एक माह में देना होगा शपथ पत्र, नहीं बेच सकेंगे टाई-बेल्ट, फीस निर्धारण कमेटी ने जारी किए सख्त निर्देश
पाली शिक्षा विभाग ने निजी स्कूलों की तरफ से ली जाने वाली तीन महीने की एडवांस फीस को लेकर सख्त रवैया अपना लिया है। नए आदेश में साफ तौर पर एडवांस फीस लेने तथा समय पर फीस नहीं देने पर वसूल किए जाने वाले फाइन पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। साथ ही विभाग की नई गाइडलाइन के अनुसार अब निजी स्कूल अब अपने कैंपस में बच्चों को टाई-बेल्ट तथा ड्रेस आदि नहीं बेच सकेंगे तथा अभिभावकों को किसी विशेष दुकान से यह सामग्री खरीदने के लिए भी बाध्य नहीं कर सकेंगे। राजस्थान निजी शिक्षण संस्थाएं, फीस निर्धारण समिति ने सभी स्कूल संचालकों को इस संबंध में माध्यमिक व प्रारंभिक शिक्षा निदेशक को शपथ-पत्र देने के निर्देश जारी किए हैं।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार अधिकांश स्कूलों में संचालक अपने यहां पर अध्ययनरत विद्यार्थियों से तीन महीने के लिए एडवांस फीस वसूलने की परंपरा कायम कर रखी है। अगर कोई अभिभावक अगर निर्धारित तिथि तक एडवांस फीस जमा नहीं करवाता है तो उससे फाइन भी वसूला जाता है। इस बारे में शिक्षा विभाग ने आदेश जारी कर स्पष्ट कर दिया है कि निजी शिक्षण संस्थाएं अब अभिभावकों से तीन माह की एडवांस फीस नहीं ले सकेंगे। इसके अतिरिक्त यदि अभिभावक तिमाही फीस 10 तारीख के बाद जमा करवाता है, तो भी निजी स्कूल उस पर किसी तरह का दंड शुल्क (फाइन) नहीं लगा सकेगा। यह गाइड लाइन प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा विभाग ने हाल ही जारी की है। साथ ही इसकी पालना सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को भी निर्देशित किया गया है।
> निजी स्कूल पुस्तक व कॉपियां एक पुस्तक विक्रेता को एंगेज कर नहीं बेच सकेगा। बेची गई पुस्तकों पर कमीशन नहीं लिया जा सकेगा। छात्र द्वारा मांगने पर कैश मेमो भी देना होगा।
> निजी स्कूल द्वारा स्कूल ड्रेसेस खरीदने के लिए निर्धारित दुकानों के लिए बाध्य नहीं किया जा सकेगा।
> स्कूल में बैज व टाई खरीदना अनिवार्य नहीं होगा।
> माता पिता या अभिभावक को स्कूल में प्रवेश की पूरी अनुमति होगी, ताकि स्कूल की सुविधाओं की जांच हो सके।
> स्कूल की कैंटीन में पेटीज, आइस्क्रीम व अन्य खाद्य पदार्थ जो अनहाइजेनिक होते हैं, नहीं बेचे जा सकेंगे।
> अभिभावकों से स्कूल लाने-ले जाने के लिए 12 माह की फीस ली जाती है, जो गलत है। निर्धारित समय की ही फीस वसूली जानी होगी।
पालना करनी होगी
॥शिक्षा निदेशालय से इस संबंध में गाइड लाइन मिली है। जिसकी पालना सभी निजी स्कूलों को करनी होगी। जैसे दिशा-निर्देश मिले हैं, उसके अनुरूप कार्रवाई की जाएगी। -नूतनबाला कपिला, डीईओ माध्यमिक
अभिभावकों को मिलेगी राहत
निजी स्कूल संचालकों द्वारा शिक्षण सामग्री के साथ ड्रेसेज आदि स्कूल द्वारा निर्धारित स्थान से खरीदने की बाध्यता खत्म होने से अधिकतर अभिभावकों को राहत मिलेगी तथा वह अपनी मर्जी से बच्चों की शिक्षण सामग्री क्रय कर सकेंगे।
टाई-बेल्ट नहीं बेचने का देना पड़ेगा शपथ पत्र
निजी स्कूल संचालकों को एक माह की अवधि में माध्यमिक व प्रारंभिक शिक्षा निदेशक को संस्था में पुस्तकें व कॉपियां सहित स्टेशनरी नहीं बेचने का शपथ पत्र देना होगा। साथ ही छात्रों को ड्रेसेज भी स्कूल द्वारा निर्धारित दुकान से नहीं खरीदने, स्कूलों में पैटीज, आईसक्रीम, टाई-बेल्ट आदि नहीं बेचने के संबंध में शपथ लेनी होगी। शपथ-पत्र में अग्रिम फीस नहीं लेने का भी दावा करना होगा।
डीईओ उपलब्ध कराएंगे शपथ पत्र, हर माह भेजनी होगी रिपोर्ट
नए दिशा-निर्देश की पालना हो रही है या नहीं इसके लिए निजी स्कूलों को शपथ पत्र निदेशक माध्यमिक/ प्रारंभिक बीकानेर एवं संस्कृत शिक्षा विभाग जयपुर को एक माह भेजने की व्यवस्था दी है। यह शपथ पत्र जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा उपलब्ध करवा दिया जाएगा, जिसे भरकर नोटरी पब्लिक से सत्यापित करवाना होगा। बताया गया कि राजस्थान विद्यालय अधिनियम2013 की धारा 7 के तहत गठित राज्य स्तरीय समिति ने यह गाइड लाइन जारी की है। इसमें स्पष्ट किया गया है कि निजी विद्यालयों द्वारा प्रस्तावित फीस न्याय संगत है और मुनाफाखोरी या अत्यधिक फीस की श्रेणी में तो नहीं आती है।
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