शिवकर लिग्नाईट परियोजना
भूमि अवाप्ति का विरोध शरू किसानो ने दी सरकार को चेतावनी नहीं देगे जमीन
बाड़मेर शहर के पास शिवकर लिग्नाईट परियोजना के लिए एक बार किसानो की जमीन को सरकार की और से अवाप्ति की प्रक्रिया को शरू किया है इसी के तहत किसानो को धारा 9 के तहत भूमि अवाप्ति अधिाकरी ने करीब 245 किसानो को नोटिस भेज है जिसके बाद किसानो का विरोध तेज हो गया है किसानो ने इस सिलसिले में आज बाड़मेर जिला के अतरिक्त जिला कलक्टरे को ज्ञापन देकर फिर से यह माग कि है वो अपनी जमीन किसी भी कीमत पर नहीं देना चाहते है सरकार नए भूमि अवाप्ति अधिनियम के कानून के तहत पूरी करवाई को फिर से शरू करे
बाड़मेर पिछले सात सालो से भूमि अवाप्ति के दंश भोग रहे बाड़मेर जिले के किसानो ने हुंकार भरी की इस बार किसी भी कीमत पर जमीन अवाप्त होने नहीं देंगे दरसल सरकार इस परियोजना के लिए 4744 बीघा जमीन अवाप्त करना चाहती है जिसमे 6 गावो के करीब 245 खातेदार प्रभवित हो रहे है इस अवाप्ति की प्रकिया पिछले दो सालो से चल रही है लेकिन इस बीच ही किसानो ने एक साल पहले आंदोलन किया तो सरकार ने इस अवाप्ति को ठन्डे बस्ते में डाल दिया था लेकिन सरकार बदली तो एक फिर से अवाप्ति की प्रक्रिया शरू हो गई और विभाग ने इन्हे नोटिस थमा दिए अब किसानो ने फिर से आंदोलन की चेतवानी दे डाली है
किसानो के अगवाई करता लीगल मित्र संस्था के सचिव रितेश शर्मा का कहना है कि सरकार इस जमीन को अवाप्त नहीं कर सकती है क्योकि सरकार को तय करना पड़ेगा कि परियोजना को किसानो के विकास के लिए बनाया जा रहा हैं या उनकी बर्बादी के लिए ! अब नए कानून के तहत पूरी करवाई को सरकार वापस शरू करे
अब एक फिर से बाड़मेर में जमीन अवाप्ति के मामला टूल पकड़ता नजर आ रहा है किसानो का साफ़ तोर पर कहना है कि वो किसी भी कीमत पर अपनी जमीन को नहीं देना चाहते है ऐसे में आने वाले दिनों में सरकार किसानो की मागो पर क्या विचार करती है यह देखने वाली बात होगी
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बाड़मेर पिछले सात सालो से भूमि अवाप्ति के दंश भोग रहे बाड़मेर जिले के किसानो ने हुंकार भरी की इस बार किसी भी कीमत पर जमीन अवाप्त होने नहीं देंगे दरसल सरकार इस परियोजना के लिए 4744 बीघा जमीन अवाप्त करना चाहती है जिसमे 6 गावो के करीब 245 खातेदार प्रभवित हो रहे है इस अवाप्ति की प्रकिया पिछले दो सालो से चल रही है लेकिन इस बीच ही किसानो ने एक साल पहले आंदोलन किया तो सरकार ने इस अवाप्ति को ठन्डे बस्ते में डाल दिया था लेकिन सरकार बदली तो एक फिर से अवाप्ति की प्रक्रिया शरू हो गई और विभाग ने इन्हे नोटिस थमा दिए अब किसानो ने फिर से आंदोलन की चेतवानी दे डाली है
किसानो के अगवाई करता लीगल मित्र संस्था के सचिव रितेश शर्मा का कहना है कि सरकार इस जमीन को अवाप्त नहीं कर सकती है क्योकि सरकार को तय करना पड़ेगा कि परियोजना को किसानो के विकास के लिए बनाया जा रहा हैं या उनकी बर्बादी के लिए ! अब नए कानून के तहत पूरी करवाई को सरकार वापस शरू करे
अब एक फिर से बाड़मेर में जमीन अवाप्ति के मामला टूल पकड़ता नजर आ रहा है किसानो का साफ़ तोर पर कहना है कि वो किसी भी कीमत पर अपनी जमीन को नहीं देना चाहते है ऐसे में आने वाले दिनों में सरकार किसानो की मागो पर क्या विचार करती है यह देखने वाली बात होगी
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