गुरुवार, 16 जनवरी 2014

मेनका गांधी के बयान पर सियासी घमासान

नई दिल्ली। कांग्रेस पर मेनका गांधी की ओर से दिए गए बयान पर सियासी घमासान मच गया है।

कांग्रेसी नेताओं की ओर से मेनका गांधी के बयान का जवाब देने की होड़ सी मच गई है।

कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने कहा कि गांधी परिवार के ऊपर सीधा हमला करके मेनका गांधी ने अच्छा नहीं किया। उनके शब्दों का चयन बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। साथ ही शुक्ला ने मेनका पर मोदी की चापलूसी करने का आरोप भी जड़ा।

उन्होंने ने कहा कि भाजपा में `मोदी चालीसा` पढ़ने की होड़ लगी हुई है, मेनका भी इसी होड़ में शामिल हो गई हैं। साथ ही मेनका प्रियंका गांधी के करिश्मे से जली और सहमी हुई हैं। सच कहूं तो पूरी बीजेपी नर्वस और डरी हुई है।

दूसरी ओर, फारूख अब्दुल्ला ने कहा कि कि मेनका की 20 सालों की खुन्नस बाहर निकली है। मेनका को इस बात की जलन है कि सोनिया गांधी ने जो हासिल किया वो नहीं कर सकीं। उन्हें नहीं पता कि वो क्या बोल रही हैं।

वहीं कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित का कहना है कि मेनका गांधी का बयान बहुत निराशाजनक है। राजनीति की बात करनी चाहिए। मेनका ने केवल पार्टी में साख बनाने और मोदी के करीब जाने के लिए ऎसा कहा है। संदीप ने कहा कि अजीब बात लगती है कि जो जानवर हिंसा से जुड़ा हो, डिक्टेटरशिप से जुड़ा हो, जो पावर से जुड़ा है उस जानवर को वो एक प्रतीक मान रही हैं।

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि मैं किसी और व्यक्ति के कमेंट पर कमेंट नहीं करना चाहता लेकिन राजनीति में एक लेवल होना चाहिए और हम सभी को उसकी मर्यादा रखनी चाहिए। कांग्रेस नेता राशिद अल्वी का कहना है कि राजनीति में ऎसे अल्फाज और ऎसे विचार उचित नहीं हैं। उनका बयान दुर्भाग्यपूर्ण है।

मेनका गांधी ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा था कि अब कांग्रेस की डूबती नैया को कोई नहीं बचा सकता। उन्होंने कहा कि प्रियंका का ग्लैमर भी अब कांग्रेस को नहीं बचा सकता

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