ग्रेटर नोएडा दिल्ली के तिहाड़ जेल से सेक्टर-20 कोतवाली में दर्ज लूट के मामले में पेशी पर आए संजय की हत्या ने पुलिस की सुरक्षा पर सवाल खडे़ किए हैं। पेशी के बाद कोर्ट नंबर 6 के पास जब संजय पहुंचा, तो उसके साथ तीन पुलिसकर्मी थे। हत्या करने वाले ने आराम से उसकी पीठ पर तमंचा सटाया और उसे गोली मार दी। इसके बाद वह भागने लगा।
जैसे ही दिल्ली पुलिस के जवानों ने राइफल तानी, उसने तमंचा छोड़कर पुलिस को पिस्टल दिखा दी। दिल्ली पुलिस के जवान वहीं रुक गए। वहां सूरजपुर कोतवाली के पुलिसकर्मी भी तैनात थे, लेकिन वे भी हिम्मत नहीं जुटा सके।
जैसे ही यह आरोपी गेट नंबर-2 के पास पहुंचा, मौके पर इकट्ठा हुए वकीलों ने पत्थर मारकर उसे घायल कर दिया। वहां जुटी भीड़ ने आरोपी के साथ मारपीट भी की। बाद में पुलिसकर्मियों ने उसे अस्पताल में एडमिट कराया। सूरजपुर कोतवाली के इंस्पेक्टर शशांक चौधरी ने बताया कि दिल्ली पुलिस की तहरीर पर आरोपी के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
वहीं एसीपी ओमप्रकाश भी पहुंचे। उन्होंने बताया कि मृतक संजय शातिर अपराधी था। इसके खिलाफ दिल्ली, हरियाणा और यूपी में 16 से अधिक अपहरण, मर्डर, लूट, डकैती, मारपीट आदि के मामले दर्ज है।
पूरी प्लानिंग के साथ मर्डर की आशंका
डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में पेशी के दौरान हत्या की घटना को अंजाम देने वाले आरोपी संजू ने पहले पूरी प्लानिंग की है। चर्चा यह भी है कि उसकी हत्या के लिए फील्डिंग लगाई गई थी और हत्यारा अकेला नहीं आया था। उसके और भी साथी हो सकते हैं, जो भीड़ का फायदा उठाकर आसानी से निकल गए। वहां मौजूद वकीलों की मानें, तो कोर्ट परिसर में अकेला कोई भी घटना को अंजाम नहीं दे सकता है। वहीं, आरोपी को यह भी मालूम था कि गेट नंबर-2 पर पुलिसकर्मी तैनात नहीं है। तभी वह उसी गेट की तरफ भागा था। आशंका यह भी है कि उस साइड में उसका कोई दोस्त बाहर कार लेकर भी खड़ा हो और उन्हें वहां से भागने के रास्ते की जानकारी हो। पुलिस भी इसी ऐंगल से जांच कर रही है। सीसीटीवी फुटेज भी खंगाली जा रही है।
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