नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मीडिया से रूबरू होते हुए शुक्रवार को कहा कि वे तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री नहीं बनेंगे। प्रधानमंत्री की जिम्मेदारी किसी दूसरे को देंगे। उन्होंने स्वीकार किया कि यूपीए-2 सरकार की तीन बड़ी नाकामियां रहीं। भ्रष्टाचार, महंगाई और युवाओं को रोजगार देने में कमी रही। उन्होंने मीडिया पर आरोप लगाया कि उन्होंने विपक्ष का साथ दिया। विपक्ष ने भी भ्रष्टाचार को दुष्प्रचारित किया। उन्होंने खुद पर लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोप पर दुख जताया। उन्होंने साफ किया कि कांग्रेस पार्टी ने कभी उनसे इस्तीफा नहीं मांगा।
सिंह ने कहा कि मैं चुप नहीं रहता और जब भी जरूरत पड़ती है बोलता हूं। उन्होंने साफ किया कि वे अगले प्रधानमंत्री को पद सौंपेंगे। सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि हमने अच्छा काम किया और देश की आर्थिक स्थिति को सुधारा। गरीबों का ख्याल रखा। उन्होंने कहा कि सीधे प्रधानमंत्री का चुनाव ठीक नहीं है। हालांकि उन्होंने कहा कि वे अभी अपने पद से इस्तीफा नहीं देंगे। पिछला दशक उतार-चढ़ाव से भरा रहा।
उन्होंने कहा कि हमने एनडीए सरकार से अच्छा काम किया। महंगाई बढ़ी तो लोगों की आमदनी बढ़े इसके लिए भी सरकार ने प्रयास किए। देश इस बात को समझेगा और यूपीए-3 की सरकार में फिर कांग्रेस का प्रधानमंत्री बनेगा। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी सरकार में होते तो ताकत बढ़ जाती। उन्होंने राहुल को प्रधानमंत्री पद के लिए काबिल उम्मीदवार बताया।
हालात सही नहीं थे इसलिए पाक नहीं गया
पाकिस्तान से तल्खी बढ़ने और सरकार के उस पर कदम उठाने के बारे में पीएम ने कहा कि वहां मुशर्रफ के हटने के बाद काफी हालात बदले। विपरीत परिस्थितियों के चलते ही वे पाकिस्तान की यात्रा पर नहीं गए।
पत्रकारों से रूबरू होते हुए पीएम ने ये बातें मीडिया के सामने रखीं...
- पीएम ने सभी को नए साल की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि चुनाव से लोकतंत्र मजबूत हुआ है। भारत की आर्थिक स्थिति सुधरी है। पिछला दशक उतार-चढ़ाव भरा रहा है। शुरू में आर्थिक हालात अच्छे थे बाद में बिगड़े हैं। बाकी दुनिया की वजह से हालात बिगड़े हैं। हमारे कार्यकाल में सभी तबकों की तरक्की हुई है। पिछड़े तबकों का भी विकास हुआ है।
- नरेगा से लोगों को रोजगार मिला है। रोजगार की वजह से क्रय शक्ति बढ़ी है। किसानों को फसल का उचित दाम मिला। हमारे कार्यकाल में गरीबी घटी है।
- हम मंदी का मुकाबला कर पाए। कमजोर तबकों का विकास हुआ। शिक्षा के क्षेत्र में विकास हुआ। पिछडे इलाकों में भी शिक्षा का फायदा मिला। नए आईआईटी और आईआईएम खुले। हम नौकरियां नहीं बढ़ा पाए। छोटे और मझोले उद्योगों को बढ़ाने की जरूरत है। लोगों को अधिकार देने के लिए कई कानून बनाए। उत्पादन बढ़ाने की जरूरत है। महंगाई को काबू में न करना हमारी नाकामी है।
-विधानसभा चुनावों में हार के सवाल पर पीएम ने कहा कि मैं ईमानदारी से कहूंगा कि महंगाई एक वजह रही है विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन की। विधानसभा चुनाव में हमारा प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा। नतीजों से हम सबक लेंगे। महंगाई बढ़ी साथ में लोगों की आमदनी भी बढ़ी है। हमने भ्रष्टाचार रोकने के लिए नीतियां बदली। मैं पहले भी बता चुका हूं कि महंगाई की वजहें हमारे कंट्रोल के बाहर थीं। महंगाई की कई वजह हैं, हमारी सरकार ने समाज के गरीब तबके को महंगाई से बचाने के लिए पर्याप्त कदम उठाए हैं। मनरेगा और दूसरी रोजगार स्कीम के जरिए हमने किसान और मजदूर को सुरक्षा मुहैया कराई है। इन्हें दरकिनार नहीं किया जाना चाहिए।
-पड़ोसी देशों से अच्छे रिश्ते चाहते हैं। देश की सुरक्षा में पैसे खर्च करते रहेंगे। हमारी कोशिश हमेशा पड़ोसी देशों से रिश्तों सुधारने की रही है।
-इस बार पीएम की जिम्मेदारी दूसरे को दूंगा। पीएम ने कहा कि वे अगली बार पीएम नहीं बनेंगे। चुनाव के बाद अगले पीएम को अपनी जिम्मेदारी दूंगा। राहुल गांधी प्रधानमंत्री पद के उचित उम्मीदवार हैं। उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि वे अभी इस्तीफा नहीं देंगे। राहुल पर पार्टी फैसला करेगी।
यूपीए पर भ्रष्टाचार के आरोपों के सवाल पर उन्होंने कहा कि जहां तक भ्रष्टाचार के आरोपों की बात हैं, उनमें से ज्यादातर यूपीए के पहले कार्यकाल के समय लगे। कोल ब्लॉक या 2जी अलोकेशन में अनियमितता के आरोप यूपीए-1 के समय लगे। उसके बाद हम चुनावों में गए और अपने प्रदर्शन के दम पर चुनाव जीता। लोगों ने हमें जनादेश दिया। इसलिए ये जो मुद्दे जिन्हें समय-समय पर सीएजी, कोर्ट या मीडिया ने उठाया है। ये याद रखना चाहिए कि ये यूपीए-1 के दौरान के हैं। इस देश के लोगों ने करप्शन के उन आरोपों पर ध्यान नहीं दिया। कॉमनवेल्थ गेम्स, 2जी, कोल इन सबने सरकार की छवि को नुकसान पहुंचाया। क्या कोई और तरीका था। मैं दुखी महसूस करता हूं। मैं ही था, जिसने जोर दिया था कि स्पेक्ट्रम आवंटन को पारदर्शी और निष्पक्ष होना चाहिए। मैंने ही कोल ब्लॉक की बात कही थी। विपक्ष के अपने स्वार्थ हैं। मीडिया उनके हाथों में कई बार खेल जाता है।
-सच्चर कमेटी की रिपोर्ट के सवाल के जवाब में मनमोहन ने कहा कि हमने सच्चरी कमेटी की सिफारिशों को लागू करने के लिए काफी काम किया है। मुझे दुख है कि ये तमाम काम अवाम तक नहीं पहुंच सका। ये भी ठीक है कि कुछ ऎसी बातें हैं जो अभी करनी बाकी हैं। कुछ कोट्र्स में हैं, कुछ और मुश्किलें आई हैं। जिसकी वजह से और चीजें लागू नहीं की जा सकीं। जहां तक हमारी सरकार का ताल्लुक है हमारी सरकार ने अल्पसंख्यकों के लिए छात्रवृत्ति बढ़ाई है।
-हिमाचल प्रदेश के सीएम पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों के सवाल पर उनका कहना था कि मुझे अभी इस पर दिमाग लगाने का समय नहीं मिला है। मैं इस पर टिप्पणी नहीं कर सकता। अभी मैंने कुछ अखबारों में ही इसके बारे में पढ़ा है।
-बदलाव के बारे में उन्होंने कहा कि मैं वही आदमी हूं, जो 9 साल पहले था। मुझमें कोई बदलाव नहीं आया है। मैंने पूरे निष्ठा-समर्पण के साथ काम किया है। इस दौरान कभी अपने दोस्तों या रिश्तेदारों को फायदा पहुंचाने का काम नहीं किया।
-भ्रष्टाचार के आरोपों के बारे में पीएम ने कहा कि ऎसे आरोपों पर अफसोस है। विपक्षियों ने दुष्प्रचार किया है।
-मोदी के प्रधानमंत्री बनने के सवाल पर पीएम ने कहा कि अगर मोदी पीएम बनते हैं देश की बर्बादी होगी। अगला पीएम यूपीए का ही होगा। जिसके राज में दंगे हुए वो पीएम नहीं बन सकता।
- एक पत्रकार ने पीएम से सवाल पूछा कि क्या कांग्रेस ने कभी आपसे इस्तीफा मांगा। तो पीएम ने कहा कि मुझसे पार्टी ने कभी भी इस्तीफा नहीं मांगा। सोनिया गांधी ने हमेशा साथ दिया है। मैंने भी कभी इस्तीफा देने के बारे में कभी नहीं सोचा। पिछले 9-10 सालों में कभी ऎसा मुश्किल वक्त आया, जब आपको लगा हो कि इस्तीफा दे देना चाहिए? इस सवाल पर उन्होंने जवाब दिाय दिया कि नहीं ऎसा कभी नहीं लगा। मुझे अपने काम में मजा आया। मैंने समर्पण, पूरी ईमानदारी और एकाग्रता के साथ काम किया और बिना किसी डर या फेवर के साथ किया।
-पाकिस्तान के साथ संबंधों के बारे में पीएम ने कहा कि पाक के राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के हटने की वजह से शांति प्रक्रिया रूकी है और हम अपने पड़ोसियों से अच्छे रिश्ते रखना चाहते हैं।
-मेरे कार्यकाल को इतिहास तय करेगा कि मैंने देश के लिए क्या किया और क्या नहीं किया।
-सिख दंगों के पीडितों के सवाल पर पीएम ने कहा कि हमारी सरकार ने सिख दंगों के पीडितों के लिए बहुत कुछ किया है। 1984 में जो दंगे हुए हमारी कोशिश होगी कि वे दोबारा से देश में न हो। सिख दंगों के लिए हमने माफी मांगी है।
-सरकार में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी के विचारों को सम्मान होता है। सरकार ने कई बार उनके विचारों का माना है। लेकिन सरकार उनकी हर बात को मानने के लिए बाध्य नहीं है। सोनिया गांधी और राहुल गांधी के विचारों से सरकार को फायदा मिला है।
-आप पार्टी के दिल्ली चुनाव में अच्छे प्रदर्शन के सवाल पर मनमोहन ने कहा कि आप पार्टी को वक्त मिलना चाहिए।
बतौर प्रधानमंत्री उनके दूसरे कार्यकाल में यह दूसरी प्रेस कॉन्फ्रेंस है और पूरे दस साल के कार्यकाल में वे तीसरी बार पत्रकारों से रूबरू हो रहे हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडिया के सामने उन्होंने यूपीए सरकार की उपलब्धियों को रखा। साथ ही उन्होंने पत्रकारों के सवालों का जवाब भी दिया। उन्होंने भ्रष्टाचार, इकोनोमी, विधानसभा चुनाव के नतीजों और अन्य मुद्दों पर पत्रकारों की सवालों का जवाब दिया।
सिंह ने कहा कि मैं चुप नहीं रहता और जब भी जरूरत पड़ती है बोलता हूं। उन्होंने साफ किया कि वे अगले प्रधानमंत्री को पद सौंपेंगे। सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि हमने अच्छा काम किया और देश की आर्थिक स्थिति को सुधारा। गरीबों का ख्याल रखा। उन्होंने कहा कि सीधे प्रधानमंत्री का चुनाव ठीक नहीं है। हालांकि उन्होंने कहा कि वे अभी अपने पद से इस्तीफा नहीं देंगे। पिछला दशक उतार-चढ़ाव से भरा रहा।
उन्होंने कहा कि हमने एनडीए सरकार से अच्छा काम किया। महंगाई बढ़ी तो लोगों की आमदनी बढ़े इसके लिए भी सरकार ने प्रयास किए। देश इस बात को समझेगा और यूपीए-3 की सरकार में फिर कांग्रेस का प्रधानमंत्री बनेगा। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी सरकार में होते तो ताकत बढ़ जाती। उन्होंने राहुल को प्रधानमंत्री पद के लिए काबिल उम्मीदवार बताया।
हालात सही नहीं थे इसलिए पाक नहीं गया
पाकिस्तान से तल्खी बढ़ने और सरकार के उस पर कदम उठाने के बारे में पीएम ने कहा कि वहां मुशर्रफ के हटने के बाद काफी हालात बदले। विपरीत परिस्थितियों के चलते ही वे पाकिस्तान की यात्रा पर नहीं गए।
पत्रकारों से रूबरू होते हुए पीएम ने ये बातें मीडिया के सामने रखीं...
- पीएम ने सभी को नए साल की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि चुनाव से लोकतंत्र मजबूत हुआ है। भारत की आर्थिक स्थिति सुधरी है। पिछला दशक उतार-चढ़ाव भरा रहा है। शुरू में आर्थिक हालात अच्छे थे बाद में बिगड़े हैं। बाकी दुनिया की वजह से हालात बिगड़े हैं। हमारे कार्यकाल में सभी तबकों की तरक्की हुई है। पिछड़े तबकों का भी विकास हुआ है।
- नरेगा से लोगों को रोजगार मिला है। रोजगार की वजह से क्रय शक्ति बढ़ी है। किसानों को फसल का उचित दाम मिला। हमारे कार्यकाल में गरीबी घटी है।
- हम मंदी का मुकाबला कर पाए। कमजोर तबकों का विकास हुआ। शिक्षा के क्षेत्र में विकास हुआ। पिछडे इलाकों में भी शिक्षा का फायदा मिला। नए आईआईटी और आईआईएम खुले। हम नौकरियां नहीं बढ़ा पाए। छोटे और मझोले उद्योगों को बढ़ाने की जरूरत है। लोगों को अधिकार देने के लिए कई कानून बनाए। उत्पादन बढ़ाने की जरूरत है। महंगाई को काबू में न करना हमारी नाकामी है।
-विधानसभा चुनावों में हार के सवाल पर पीएम ने कहा कि मैं ईमानदारी से कहूंगा कि महंगाई एक वजह रही है विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन की। विधानसभा चुनाव में हमारा प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा। नतीजों से हम सबक लेंगे। महंगाई बढ़ी साथ में लोगों की आमदनी भी बढ़ी है। हमने भ्रष्टाचार रोकने के लिए नीतियां बदली। मैं पहले भी बता चुका हूं कि महंगाई की वजहें हमारे कंट्रोल के बाहर थीं। महंगाई की कई वजह हैं, हमारी सरकार ने समाज के गरीब तबके को महंगाई से बचाने के लिए पर्याप्त कदम उठाए हैं। मनरेगा और दूसरी रोजगार स्कीम के जरिए हमने किसान और मजदूर को सुरक्षा मुहैया कराई है। इन्हें दरकिनार नहीं किया जाना चाहिए।
-पड़ोसी देशों से अच्छे रिश्ते चाहते हैं। देश की सुरक्षा में पैसे खर्च करते रहेंगे। हमारी कोशिश हमेशा पड़ोसी देशों से रिश्तों सुधारने की रही है।
-इस बार पीएम की जिम्मेदारी दूसरे को दूंगा। पीएम ने कहा कि वे अगली बार पीएम नहीं बनेंगे। चुनाव के बाद अगले पीएम को अपनी जिम्मेदारी दूंगा। राहुल गांधी प्रधानमंत्री पद के उचित उम्मीदवार हैं। उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि वे अभी इस्तीफा नहीं देंगे। राहुल पर पार्टी फैसला करेगी।
यूपीए पर भ्रष्टाचार के आरोपों के सवाल पर उन्होंने कहा कि जहां तक भ्रष्टाचार के आरोपों की बात हैं, उनमें से ज्यादातर यूपीए के पहले कार्यकाल के समय लगे। कोल ब्लॉक या 2जी अलोकेशन में अनियमितता के आरोप यूपीए-1 के समय लगे। उसके बाद हम चुनावों में गए और अपने प्रदर्शन के दम पर चुनाव जीता। लोगों ने हमें जनादेश दिया। इसलिए ये जो मुद्दे जिन्हें समय-समय पर सीएजी, कोर्ट या मीडिया ने उठाया है। ये याद रखना चाहिए कि ये यूपीए-1 के दौरान के हैं। इस देश के लोगों ने करप्शन के उन आरोपों पर ध्यान नहीं दिया। कॉमनवेल्थ गेम्स, 2जी, कोल इन सबने सरकार की छवि को नुकसान पहुंचाया। क्या कोई और तरीका था। मैं दुखी महसूस करता हूं। मैं ही था, जिसने जोर दिया था कि स्पेक्ट्रम आवंटन को पारदर्शी और निष्पक्ष होना चाहिए। मैंने ही कोल ब्लॉक की बात कही थी। विपक्ष के अपने स्वार्थ हैं। मीडिया उनके हाथों में कई बार खेल जाता है।
-सच्चर कमेटी की रिपोर्ट के सवाल के जवाब में मनमोहन ने कहा कि हमने सच्चरी कमेटी की सिफारिशों को लागू करने के लिए काफी काम किया है। मुझे दुख है कि ये तमाम काम अवाम तक नहीं पहुंच सका। ये भी ठीक है कि कुछ ऎसी बातें हैं जो अभी करनी बाकी हैं। कुछ कोट्र्स में हैं, कुछ और मुश्किलें आई हैं। जिसकी वजह से और चीजें लागू नहीं की जा सकीं। जहां तक हमारी सरकार का ताल्लुक है हमारी सरकार ने अल्पसंख्यकों के लिए छात्रवृत्ति बढ़ाई है।
-हिमाचल प्रदेश के सीएम पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों के सवाल पर उनका कहना था कि मुझे अभी इस पर दिमाग लगाने का समय नहीं मिला है। मैं इस पर टिप्पणी नहीं कर सकता। अभी मैंने कुछ अखबारों में ही इसके बारे में पढ़ा है।
-बदलाव के बारे में उन्होंने कहा कि मैं वही आदमी हूं, जो 9 साल पहले था। मुझमें कोई बदलाव नहीं आया है। मैंने पूरे निष्ठा-समर्पण के साथ काम किया है। इस दौरान कभी अपने दोस्तों या रिश्तेदारों को फायदा पहुंचाने का काम नहीं किया।
-भ्रष्टाचार के आरोपों के बारे में पीएम ने कहा कि ऎसे आरोपों पर अफसोस है। विपक्षियों ने दुष्प्रचार किया है।
-मोदी के प्रधानमंत्री बनने के सवाल पर पीएम ने कहा कि अगर मोदी पीएम बनते हैं देश की बर्बादी होगी। अगला पीएम यूपीए का ही होगा। जिसके राज में दंगे हुए वो पीएम नहीं बन सकता।
- एक पत्रकार ने पीएम से सवाल पूछा कि क्या कांग्रेस ने कभी आपसे इस्तीफा मांगा। तो पीएम ने कहा कि मुझसे पार्टी ने कभी भी इस्तीफा नहीं मांगा। सोनिया गांधी ने हमेशा साथ दिया है। मैंने भी कभी इस्तीफा देने के बारे में कभी नहीं सोचा। पिछले 9-10 सालों में कभी ऎसा मुश्किल वक्त आया, जब आपको लगा हो कि इस्तीफा दे देना चाहिए? इस सवाल पर उन्होंने जवाब दिाय दिया कि नहीं ऎसा कभी नहीं लगा। मुझे अपने काम में मजा आया। मैंने समर्पण, पूरी ईमानदारी और एकाग्रता के साथ काम किया और बिना किसी डर या फेवर के साथ किया।
-पाकिस्तान के साथ संबंधों के बारे में पीएम ने कहा कि पाक के राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के हटने की वजह से शांति प्रक्रिया रूकी है और हम अपने पड़ोसियों से अच्छे रिश्ते रखना चाहते हैं।
-मेरे कार्यकाल को इतिहास तय करेगा कि मैंने देश के लिए क्या किया और क्या नहीं किया।
-सिख दंगों के पीडितों के सवाल पर पीएम ने कहा कि हमारी सरकार ने सिख दंगों के पीडितों के लिए बहुत कुछ किया है। 1984 में जो दंगे हुए हमारी कोशिश होगी कि वे दोबारा से देश में न हो। सिख दंगों के लिए हमने माफी मांगी है।
-सरकार में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी के विचारों को सम्मान होता है। सरकार ने कई बार उनके विचारों का माना है। लेकिन सरकार उनकी हर बात को मानने के लिए बाध्य नहीं है। सोनिया गांधी और राहुल गांधी के विचारों से सरकार को फायदा मिला है।
-आप पार्टी के दिल्ली चुनाव में अच्छे प्रदर्शन के सवाल पर मनमोहन ने कहा कि आप पार्टी को वक्त मिलना चाहिए।
बतौर प्रधानमंत्री उनके दूसरे कार्यकाल में यह दूसरी प्रेस कॉन्फ्रेंस है और पूरे दस साल के कार्यकाल में वे तीसरी बार पत्रकारों से रूबरू हो रहे हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडिया के सामने उन्होंने यूपीए सरकार की उपलब्धियों को रखा। साथ ही उन्होंने पत्रकारों के सवालों का जवाब भी दिया। उन्होंने भ्रष्टाचार, इकोनोमी, विधानसभा चुनाव के नतीजों और अन्य मुद्दों पर पत्रकारों की सवालों का जवाब दिया।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें