तत्कालीन अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा अधिकारी को रिश्वत के आरोप में दो साल की सजा
उधर, डिप्टी सीएमएचओ अभी भी कार्यालय में लगा रहे हाजिरी
2006 में तत्कालीन अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. जोगाराम ने वेतन रिलीज करने के बदले मांगी थी एक हजार रुपए की रिश्वत, विशेष न्यायाधीश एसके जैन ने दोषी मानते हुए चिकित्सा अधिकारी को दो साल के कारावास और दो हजार रुपए के जुर्माने से किया दंडित
पाली/जोधपुर भ्रष्टाचार निवारण मामलात की विशेष अदालत ने बुधवार को रिश्वत के एक मामले में पाली के तत्कालीन अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. जोगाराम को दो साल के कारावास और दो हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। इधर, पूर्व में रिश्वत लेने के आरोप में पकड़े गए डिप्टी सीएमएचओ डॉ. पीसी दीपन अभी भी कार्यालय में अपनी हाजरी लगा रहे हैं। इतना ही नहीं, जेल में रहने के बाद भी डॉ. दीपन कार्यालय में ड्यूटी दे रहे हैं। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि उच्चाधिकारियों से आदेश नहीं मिलने तक वे इस संबंध में आरोपी डिप्टी सीएमएचओ को ड्यूटी देने से नहीं रोक सकते हैं। जानकारी के अनुसार रोहट में कार्यरत डॉ. ओमप्रकाश राठौड़ से डॉ. जोगाराम ने मई, जून व अगस्त का वेतन रिलीज करने की एवज में एक हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी। इस पर डॉ. राठौड़ ने एसीबी चौकी पाली में जोगाराम के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई थी। शिकायत के आधार पर ही एसीबी ने उन्हें घूस लेते गिरफ्तार किया था। इस बीच सहायक निदेशक अभियोजन बरकत अली ने आरोपी को कड़ी सजा देने की मांग की थी। सुनवाई के दौरान विशेष न्यायाधीश एसके जैन ने जोगाराम को एक हजार रुपए की घूस लेने का दोषी ठहराते हुए यह सजा सुनाई है।
... और यह था डॉ. दीपन का मामला
दो माह पूर्व डिप्टी सीएमएचओ डॉ. पीसी दीपन ने अपने ही सहकर्मी से एक माह का वेतन रिलीज करने के लिए 12 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी। इस पर संबंधित कर्मचारी ने जोधपुर एसीबी में शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद एसीबी ने कार्रवाई करते हुए डॉ. दीपन व उसके एक साथी को 9 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। हालांकि डॉ. जोगाराम को तो दो साल के कारावास की सजा हो गई, जबकि डॉ. दीपन अभी भी कार्यालय में ड्यूटी दे रहे हैं।
नहीं मिला आदेश
॥इस मामले को लेकर अभी तक सचिवालय से कोई रिपोर्ट नहीं आई है। इसके लिए हम कुछ नहीं कह सकते हैं। हमारे यहां से जो रिपोर्ट मांगी थी वो हम पहले ही भेज चुके हैं। जब भी कोई आदेश आएगा उसी के मुताबिक कार्रवाई होगी। - डॉ. मधु रतेश्वर, सीएमएचओ, पाली
उधर, डिप्टी सीएमएचओ अभी भी कार्यालय में लगा रहे हाजिरी
2006 में तत्कालीन अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. जोगाराम ने वेतन रिलीज करने के बदले मांगी थी एक हजार रुपए की रिश्वत, विशेष न्यायाधीश एसके जैन ने दोषी मानते हुए चिकित्सा अधिकारी को दो साल के कारावास और दो हजार रुपए के जुर्माने से किया दंडित
पाली/जोधपुर भ्रष्टाचार निवारण मामलात की विशेष अदालत ने बुधवार को रिश्वत के एक मामले में पाली के तत्कालीन अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. जोगाराम को दो साल के कारावास और दो हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। इधर, पूर्व में रिश्वत लेने के आरोप में पकड़े गए डिप्टी सीएमएचओ डॉ. पीसी दीपन अभी भी कार्यालय में अपनी हाजरी लगा रहे हैं। इतना ही नहीं, जेल में रहने के बाद भी डॉ. दीपन कार्यालय में ड्यूटी दे रहे हैं। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि उच्चाधिकारियों से आदेश नहीं मिलने तक वे इस संबंध में आरोपी डिप्टी सीएमएचओ को ड्यूटी देने से नहीं रोक सकते हैं। जानकारी के अनुसार रोहट में कार्यरत डॉ. ओमप्रकाश राठौड़ से डॉ. जोगाराम ने मई, जून व अगस्त का वेतन रिलीज करने की एवज में एक हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी। इस पर डॉ. राठौड़ ने एसीबी चौकी पाली में जोगाराम के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई थी। शिकायत के आधार पर ही एसीबी ने उन्हें घूस लेते गिरफ्तार किया था। इस बीच सहायक निदेशक अभियोजन बरकत अली ने आरोपी को कड़ी सजा देने की मांग की थी। सुनवाई के दौरान विशेष न्यायाधीश एसके जैन ने जोगाराम को एक हजार रुपए की घूस लेने का दोषी ठहराते हुए यह सजा सुनाई है।
... और यह था डॉ. दीपन का मामला
दो माह पूर्व डिप्टी सीएमएचओ डॉ. पीसी दीपन ने अपने ही सहकर्मी से एक माह का वेतन रिलीज करने के लिए 12 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी। इस पर संबंधित कर्मचारी ने जोधपुर एसीबी में शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद एसीबी ने कार्रवाई करते हुए डॉ. दीपन व उसके एक साथी को 9 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। हालांकि डॉ. जोगाराम को तो दो साल के कारावास की सजा हो गई, जबकि डॉ. दीपन अभी भी कार्यालय में ड्यूटी दे रहे हैं।
नहीं मिला आदेश
॥इस मामले को लेकर अभी तक सचिवालय से कोई रिपोर्ट नहीं आई है। इसके लिए हम कुछ नहीं कह सकते हैं। हमारे यहां से जो रिपोर्ट मांगी थी वो हम पहले ही भेज चुके हैं। जब भी कोई आदेश आएगा उसी के मुताबिक कार्रवाई होगी। - डॉ. मधु रतेश्वर, सीएमएचओ, पाली
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