मुंबई। दाऊदी बोहरा समुदाय के 52वें धर्मगुरू डॉ. सैयदना मोहम्मद बुरहानुद्दीन के अंतिम संस्कार में शामिल लोगों में भगदड़ मचने से 18 लोगों की मौत हो गई है।
करीब 40 से ज्यादा लोग घायल हो गए है। मृतकों की संख्या बढ़ सकती है। हालांकि भगदड़ मचने का कारण अभी पता नहीं चल पाया है।
शुक्रवार को बुरहानुद्दीन का निधन हुआ था। वे 102 साल के थे। उनके अंतिम दर्शनों के लिए उनके अनुयायी जमा हुए थे।
हजारों की संख्या में लोग वहां पहुंचे थे। सब चाहते थे कि किसी तरह उन्हें गुरू के अंतिम दर्शन हो जाएं।
भगदड़ रात को करीब ढ़ाई बजे हुई। लोग बुरहानुद्दीन के मुंबई स्थित घर के सामने जमा हुए थे। जानकारी के मुताबिक, भारी भीड़ की वजह से अफरातफरी की स्थिति बन गई।
बीएमसी के सूत्रों के मुताबिक, 18 लोगों की मौत हो चुकी है। घायलों को पास के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। भगदड़ के बाद पुलिस ने डॉ बुरहानुद्दीन के घर के आसपास गाडियों की आवाजाही पर रोक लगा दी है।
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि रात करीब ढाई बजे अधिक संख्या में यहां लोग जमा हो गए थे। सभी लोग अपने धर्मगुरू के अंतिम दर्शन करना चाहते थे। भीड को देखते हुए अंतिम दर्शन का सिलसिला बंद कर दिया गया था।
लोग यहां इस उम्मीद से जमा होने लगे कि अंतिम दर्शन का सिलसिला फिर से शु रू हो और वे अपने गुरू के अंतिम दर्शन कर सके।
प्रत्यक्षदर्शियो का कहना है कि यहां करीब दो से ढाई लाख लोग जमा हो गए थे। जबकि यह जगह काफी सकडी है और इतनी संख्या में लोगों के यहां इकटठा होने से अफरातफरी मच गई। इस कारण यह हादसा हुआ।
करीब 40 से ज्यादा लोग घायल हो गए है। मृतकों की संख्या बढ़ सकती है। हालांकि भगदड़ मचने का कारण अभी पता नहीं चल पाया है।
शुक्रवार को बुरहानुद्दीन का निधन हुआ था। वे 102 साल के थे। उनके अंतिम दर्शनों के लिए उनके अनुयायी जमा हुए थे।
हजारों की संख्या में लोग वहां पहुंचे थे। सब चाहते थे कि किसी तरह उन्हें गुरू के अंतिम दर्शन हो जाएं।
भगदड़ रात को करीब ढ़ाई बजे हुई। लोग बुरहानुद्दीन के मुंबई स्थित घर के सामने जमा हुए थे। जानकारी के मुताबिक, भारी भीड़ की वजह से अफरातफरी की स्थिति बन गई।
बीएमसी के सूत्रों के मुताबिक, 18 लोगों की मौत हो चुकी है। घायलों को पास के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। भगदड़ के बाद पुलिस ने डॉ बुरहानुद्दीन के घर के आसपास गाडियों की आवाजाही पर रोक लगा दी है।
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि रात करीब ढाई बजे अधिक संख्या में यहां लोग जमा हो गए थे। सभी लोग अपने धर्मगुरू के अंतिम दर्शन करना चाहते थे। भीड को देखते हुए अंतिम दर्शन का सिलसिला बंद कर दिया गया था।
लोग यहां इस उम्मीद से जमा होने लगे कि अंतिम दर्शन का सिलसिला फिर से शु रू हो और वे अपने गुरू के अंतिम दर्शन कर सके।
प्रत्यक्षदर्शियो का कहना है कि यहां करीब दो से ढाई लाख लोग जमा हो गए थे। जबकि यह जगह काफी सकडी है और इतनी संख्या में लोगों के यहां इकटठा होने से अफरातफरी मच गई। इस कारण यह हादसा हुआ।
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