जयपुर। राजस्थान को बीमारू राज्य से समृद्ध राज्य बनाने के लिए मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को प्रवासी भारतीयों ने 10 महत्वपूर्ण नसीहतें दी हैं। 12वें प्रवासी भारतीय दिवस समारोह में पहुंचे इन एनआरआई की मानें तो राजे उनके सुझाव मानती हैं तो प्रदेश जल्द ही विश्व मानचीत्र पर समृद्ध राज्य के रूप में नजर आएगा।
राजे को नसीहतें देने वाले प्रवासी भारतीयों ने अपनी बात शुक्रवार को राजस्थान पर आयोजित परिचर्चा में रखी। इनमें डॉक्टर, प्रोफेसर, बिजनेसमैन और एनजीओ संचालक शामिल हैं। पढिए राजे को प्रवासी भारतीयों की वो 10 नसीहतें-
1. पर्यटन में बनें सिरमौर- बताया कैसे?
दक्षिणी राजस्थान के आदिवासी क्षेत्र डूंगरपुर से कुवैत में जा बसे जुहार अली हुसैन ने सरकार को सुझाव दिया कि राजस्थान को पर्यटन का सिरमौर राज्य बनाने के लिए और अधिक प्रयासों की जरूरत है। उन्होंने प्रदेश के अनछुए पर्यटन स्थलों डूंगरपुर-बांसवाड़ा जैसे वागड़ अंचल के लिए नए पर्यटन सर्किट बनाने और आदिवासियों की कला संस्कृति को बढ़ावा देने पर भी जोर दिया और सुझाव दिया कि विश्व प्रसिद्घ गलियाकोट दरगाह और अरथूना के प्राचीन मंदिरों के साथ माही-कडाणा बांध के बैकवॉटर में पानी के मध्य स्थित टापुओं को विकसित कर प्रदेश में ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा दिया जा सकता है।
2. ग्रामीणों तक पहुंचाएं लाभ- करें तकनीक का इस्तेमाल
जयपुर मूल के निवासी और नीदरलैंड से आए रवि तिवाड़ी ने सुझाव दिया कि रेल में नई तकनीक के टॉयलेट बनाने और उन्हें क्लीन करने की तकनीक से जुड़े उनके अनुभवों का लाभ ग्रामीण व्यक्तियों तक पहुंचाया जा सकता है।
3. आईटी हब बने - सिलिकॉन वैली की तर्ज पर हो विकास
दुबई से आए और बेंगलुरू मूल के डॉ. राजन शांति सदानंदन ने राजस्थान में पर्यटन विकास के काम को दुबई की तर्ज पर विकसित करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि पर्यटन की आधारभूत सुविधाओं और प्रशिक्षित लोगों की मदद से आज दुबई पर्यटन मानचित्र में दुनिया में सबसे आगे हैं। डॉं. सदानंदन ने सुझाव दिया कि अच्छे सॉफ्टवेयर टीचर्स तैयार कर आई.टी. सेक्टर में भी हम सिलिकॉन वैली अमरीका की तरह राजस्थान को आगे ले जा सकते हैं।
4. चिकित्सा सेवाएं हों बेहतर- केरल से सबक
दुबई के डॉ. सदानंदन ने प्रसव के दौरान महिलाओं की मृत्यु दर बढ़ने पर चिंता व्यक्त करते हुए सुझाव दिया कि बेहतर चिकित्सा सेवाओं के माध्यम से राजस्थान में भी केरल और अन्य राज्यों की तरह इस मृत्यु दर को कम किया जा सकता है। उन्होंने पर्यटन, आई.टी. और स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में अनिवासी भारतीयों को जोड़ने पर बल दिया।
5. वर्ल्ड कल्चरल डेस्टिनेशन हब- शेखावाटी में संभावनाएं
श्रुति पोद्दार ट्रस्ट से जुड़ी श्रुति नाडा पोद्दार ने सुझाव दिया कि चूरू और रामगढ़ शेखावाटी का क्षेत्र देश में सबसे गर्म और सबसे सर्द क्षेत्र माना जाता है। भव्य हवेलियों से भरपूर इस क्षेत्र को "वल्र्ड कल्चरल डेस्टिनेशन हब" के रूप में विकसित किया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि सोन चिडिया और हिरणों की अठखेलियों के साथ जादुई अनुभूति प्रदान करने वाले इस अंचल के भित्ति चित्रों और चूना पत्थर से निर्मित हवेलियों की निर्माण कला, उन्हें संरक्षित रखने के लिए विषय विशेषज्ञों की सेवाएं लेकर उन्हें बढ़ावा देने के प्रयास भी पर्यटन क्षेत्र मेंं एक नया आयाम स्थापित कर सकते हैं। उन्होंने इस अभिनव प्रयोग के लिए राज्य सरकार से भागीदारी करने बनने का सुझाव दिया।
6. मनोरंजन क्षेत्र को प्रोत्साहन- बने फिल्म सिटी
परिचर्चा में भाग ले रहे फिल्म निर्माण यूनिट से जुड़े आरके जिंदल ने सुझाव दिया कि राजस्थान में "फिल्म सिटी" बनाई जानी चाहिए। विशेषकर एनीमेशन फिल्म निर्माण क्षेत्र और पोस्ट प्रोडक्शन सुविधाओं को विकसित करने से राजस्थान में एक और आकर्षण पैदा किया जा सकता है।
7. लाचारी का खातमता जयपुर फुट को करें सुलभ
नीदरलैंड के रवि तिवाड़ी ने ही "जयपुर फुट" को और अधिक लोकप्रिय बनाने पर भी जोर दिया, ताकि विकलांग लोगों को कृत्रिम पैर जैसी सुविधाओं का अधिक लाभ मिल सके।
8. विकसीत हों गांव- ग्रामीण विकास को बढ़ावा
अमरीका में भारत विकास गठबंधन संस्था के संस्थापक अध्यक्ष मोहन लाल जैन ने ग्रामीण विकास के लिए योगदान देने की मंशा व्यक्त की।
9. आर्थिक संबंल- प्राकृतिक गैस और एग्रो फूड का सहयोग
कनाडा इंडिया चैम्बर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष नवल बजाज ने "प्राकृतिक गैस" और "एग्रो फूड" क्षेत्र में कनाडा में बसे अनिवासी भारतीयों की मदद लेने का सुझाव किया। उन्होंने बताया कि भारत की अर्थव्यवस्था में करीब 30 प्रतिशत का योगदान प्रदान कर राजस्थानी इसकी रीढ़ की हड्डी बने हुए हैं। उन्होंने इन लोगों को भी राजस्थान के विकास से जोड़ने का सुझाव दिया।
10. आधारभूत सुविधाओं में इजाफा- बिजली-पानी-सड़क पर दें ध्यान
न्यूयार्क में रहने वाले राजस्थान मूल (मलसीसर-झुंझुनूं) के प्रोफेसर सुरेन्द्र के कौशिक ने राजस्थान में बिजली, पानी, सड़क जैसी बुनियादी सुविधाओं के विकास में अनिवासी भारतीयों की मदद लेने का आग्रह किया। उन्होंने शेखावाटी क्षेत्र में पर्यटन सम्भावनाओं को और प्रभावी ढंग से उजागर किए जाने की सलाह भी दी।
राजे को नसीहतें देने वाले प्रवासी भारतीयों ने अपनी बात शुक्रवार को राजस्थान पर आयोजित परिचर्चा में रखी। इनमें डॉक्टर, प्रोफेसर, बिजनेसमैन और एनजीओ संचालक शामिल हैं। पढिए राजे को प्रवासी भारतीयों की वो 10 नसीहतें-
1. पर्यटन में बनें सिरमौर- बताया कैसे?
दक्षिणी राजस्थान के आदिवासी क्षेत्र डूंगरपुर से कुवैत में जा बसे जुहार अली हुसैन ने सरकार को सुझाव दिया कि राजस्थान को पर्यटन का सिरमौर राज्य बनाने के लिए और अधिक प्रयासों की जरूरत है। उन्होंने प्रदेश के अनछुए पर्यटन स्थलों डूंगरपुर-बांसवाड़ा जैसे वागड़ अंचल के लिए नए पर्यटन सर्किट बनाने और आदिवासियों की कला संस्कृति को बढ़ावा देने पर भी जोर दिया और सुझाव दिया कि विश्व प्रसिद्घ गलियाकोट दरगाह और अरथूना के प्राचीन मंदिरों के साथ माही-कडाणा बांध के बैकवॉटर में पानी के मध्य स्थित टापुओं को विकसित कर प्रदेश में ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा दिया जा सकता है।
2. ग्रामीणों तक पहुंचाएं लाभ- करें तकनीक का इस्तेमाल
जयपुर मूल के निवासी और नीदरलैंड से आए रवि तिवाड़ी ने सुझाव दिया कि रेल में नई तकनीक के टॉयलेट बनाने और उन्हें क्लीन करने की तकनीक से जुड़े उनके अनुभवों का लाभ ग्रामीण व्यक्तियों तक पहुंचाया जा सकता है।
3. आईटी हब बने - सिलिकॉन वैली की तर्ज पर हो विकास
दुबई से आए और बेंगलुरू मूल के डॉ. राजन शांति सदानंदन ने राजस्थान में पर्यटन विकास के काम को दुबई की तर्ज पर विकसित करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि पर्यटन की आधारभूत सुविधाओं और प्रशिक्षित लोगों की मदद से आज दुबई पर्यटन मानचित्र में दुनिया में सबसे आगे हैं। डॉं. सदानंदन ने सुझाव दिया कि अच्छे सॉफ्टवेयर टीचर्स तैयार कर आई.टी. सेक्टर में भी हम सिलिकॉन वैली अमरीका की तरह राजस्थान को आगे ले जा सकते हैं।
4. चिकित्सा सेवाएं हों बेहतर- केरल से सबक
दुबई के डॉ. सदानंदन ने प्रसव के दौरान महिलाओं की मृत्यु दर बढ़ने पर चिंता व्यक्त करते हुए सुझाव दिया कि बेहतर चिकित्सा सेवाओं के माध्यम से राजस्थान में भी केरल और अन्य राज्यों की तरह इस मृत्यु दर को कम किया जा सकता है। उन्होंने पर्यटन, आई.टी. और स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में अनिवासी भारतीयों को जोड़ने पर बल दिया।
5. वर्ल्ड कल्चरल डेस्टिनेशन हब- शेखावाटी में संभावनाएं
श्रुति पोद्दार ट्रस्ट से जुड़ी श्रुति नाडा पोद्दार ने सुझाव दिया कि चूरू और रामगढ़ शेखावाटी का क्षेत्र देश में सबसे गर्म और सबसे सर्द क्षेत्र माना जाता है। भव्य हवेलियों से भरपूर इस क्षेत्र को "वल्र्ड कल्चरल डेस्टिनेशन हब" के रूप में विकसित किया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि सोन चिडिया और हिरणों की अठखेलियों के साथ जादुई अनुभूति प्रदान करने वाले इस अंचल के भित्ति चित्रों और चूना पत्थर से निर्मित हवेलियों की निर्माण कला, उन्हें संरक्षित रखने के लिए विषय विशेषज्ञों की सेवाएं लेकर उन्हें बढ़ावा देने के प्रयास भी पर्यटन क्षेत्र मेंं एक नया आयाम स्थापित कर सकते हैं। उन्होंने इस अभिनव प्रयोग के लिए राज्य सरकार से भागीदारी करने बनने का सुझाव दिया।
6. मनोरंजन क्षेत्र को प्रोत्साहन- बने फिल्म सिटी
परिचर्चा में भाग ले रहे फिल्म निर्माण यूनिट से जुड़े आरके जिंदल ने सुझाव दिया कि राजस्थान में "फिल्म सिटी" बनाई जानी चाहिए। विशेषकर एनीमेशन फिल्म निर्माण क्षेत्र और पोस्ट प्रोडक्शन सुविधाओं को विकसित करने से राजस्थान में एक और आकर्षण पैदा किया जा सकता है।
7. लाचारी का खातमता जयपुर फुट को करें सुलभ
नीदरलैंड के रवि तिवाड़ी ने ही "जयपुर फुट" को और अधिक लोकप्रिय बनाने पर भी जोर दिया, ताकि विकलांग लोगों को कृत्रिम पैर जैसी सुविधाओं का अधिक लाभ मिल सके।
8. विकसीत हों गांव- ग्रामीण विकास को बढ़ावा
अमरीका में भारत विकास गठबंधन संस्था के संस्थापक अध्यक्ष मोहन लाल जैन ने ग्रामीण विकास के लिए योगदान देने की मंशा व्यक्त की।
9. आर्थिक संबंल- प्राकृतिक गैस और एग्रो फूड का सहयोग
कनाडा इंडिया चैम्बर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष नवल बजाज ने "प्राकृतिक गैस" और "एग्रो फूड" क्षेत्र में कनाडा में बसे अनिवासी भारतीयों की मदद लेने का सुझाव किया। उन्होंने बताया कि भारत की अर्थव्यवस्था में करीब 30 प्रतिशत का योगदान प्रदान कर राजस्थानी इसकी रीढ़ की हड्डी बने हुए हैं। उन्होंने इन लोगों को भी राजस्थान के विकास से जोड़ने का सुझाव दिया।
10. आधारभूत सुविधाओं में इजाफा- बिजली-पानी-सड़क पर दें ध्यान
न्यूयार्क में रहने वाले राजस्थान मूल (मलसीसर-झुंझुनूं) के प्रोफेसर सुरेन्द्र के कौशिक ने राजस्थान में बिजली, पानी, सड़क जैसी बुनियादी सुविधाओं के विकास में अनिवासी भारतीयों की मदद लेने का आग्रह किया। उन्होंने शेखावाटी क्षेत्र में पर्यटन सम्भावनाओं को और प्रभावी ढंग से उजागर किए जाने की सलाह भी दी।
भाई खबर में सोर्स का हवाला या सौजन्य तो लिख देते... :-(
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