शुक्रवार, 20 दिसंबर 2013

मोदीः जो गंगा को नहीं संभाल पाया वो देश को क्या संभालेगा


नरेंद्र मोदी
भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के वाराणसी में एक रैली में महंगाई, भ्रष्टाचार और गरीबी के लिए कांग्रेस पर जम कर निशाना साधा.

उन्होंने कहा कि 2014 का चुनाव कोई दल लड़ने नहीं जा रहा है, इसका नेतृत्व कोई व्यक्ति नहीं करने वाला है, यह चुनाव देश की जनता लड़ने वाली है.


उनके भाषण में गंगा के शुद्धिकरण से लेकर बुनकरों की आजीविका संबंधी स्थानीय मुद्दे भी छाए रहे.

उन्होंने कहा, ''जब-जब हिंदुस्तान की चर्चा होती है, गंगा मइया के बिना यह अधूरी रहती है.''

मोदी के मुताबिक़, ''मैं दिल्ली की सरकार और प्रधानमंत्री से आग्रह करता हूं कि जरा आप बारीकियों के साथ जनता को जवाब दीजिए कि राजीव गांधी के जमाने से गंगा के नाम पर वोट मांगे गए हैं. गंगा शुद्धिकरण के नाम पर देश के सामने आपने अपनी एक नई पहचान बनाने का प्रयास किया है. इस दौरान गंगा के नाम पर हजारों करोड़ रुपए देश की तिजोरी से निकाले गए हैं. देश की जनता हिसाब मांगती है कि गंगा शुद्धिकरण के लिए आपने कब-कब क्या किया और कैसे किया और किस-किस के लिए किया?''
'दिल्ली की शुद्धि'

उन्होंने कहा, ''अकेले गंगा के नाम पर देश के नागरिकों को मूर्ख बनाया गया है, उनको अंधेरे में रखा गया है और उनके साथ धोखा दिया गया है. पांच साल में तीन मीटिंग करने के सिवाय दिल्ली की सरकार ने कोई काम नहीं किया.''

मोदी का कहना था कि गंगा के शुद्धिकरण के लिए पहले दिल्ली को शुद्ध करना पड़ेगा तब जाकर गंगा शुद्ध होगी. उन्होंने कहा कि जो गंगा को नहीं संभाल पाए, वो देश को क्या संभाल पाएंगे?



"यूपीए के एक नेता कह रहे हैं कि चाय बेचने वाला प्रधानमंत्री कैसे बन सकता है? मैं कहता हूं कि ईमानदारी और मेहनत से खड़ा होने वाला देश का हर नागरिक प्रधानमंत्री बन सकता है"


नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री-गुजरात

गुजरात के मुख्यमंत्री ने कहा कि जो कांग्रेस को बचा रहे हैं वे आजकल सवाल करते हैं कि मोदी जी आप क्या करेंगे? मैं सिर्फ कहता नहीं हूं करके दिखाता हूं और जिनके मन में सवाल हैं उनसे मेरी प्रार्थना है, एक दिन निकालिए गुजरात आइए, अहमदाबाद की धरती पर आइए.''

मोदी का कहना था, ''साबरमती किनारे जाकर खड़े हों, आपको लगेगा कि 10 साल पहले की अपेक्षा कितना फर्क आ गया है. आज साबरमती शुद्ध जल से लबालब है. अगर साबरमती शुद्ध हो सकती है तो गंगा क्यों नहीं.''

उन्होंने कहा कि हम वादे नहीं इरादे लेकर आए हैं. देश वादों से ऊब चुका है. देश ने बातें बहुत सुनी हैं, उपदेश भी बहुत सुने हैं. अब देश को धरती पर सच्चाई उतारने का समय आया है.
'एक परिवार ने तबाह किया'

नरेंद्र मोदी ने कहा कि उत्तर प्रदेश पूरे यूरोप का पेट भर सकता है लेकिन सरकारें ऐसी बनी हैं और देश ऐसे चल रहा है कि ये किसान अपना ही पेट नहीं भर पा रहे हैं.

उन्होंने कहा, ''देश को एक परिवार ने तबाह करके रखा है. गरीबी क्या होती है इसे देखने जाना नहीं पड़ता क्योंकि बचपन गरीबी में बीता.''


माना जा रहा है कि भाजपा को केंद्र में सत्ता के नज़दीक़ तक पहुँचने की कोशिश में यूपी में काफ़ी मेहनत करनी होगी

''यूपीए के एक नेता कह रहे हैं कि चाय बेचने वाला प्रधानमंत्री कैसे बन सकता है? मैं कहता हूं कि ईमानदारी और मेहनत से खड़ा होने वाला देश का हर नागरिक प्रधानमंत्री बन सकता है. अगर देश चाहे तो फुटपाथ पर बूट पालिश करने वाला भी प्रधानमंत्री बन सकता है.''
'चाय बेचना मंजूर है देश नहीं'

उन्होंने कहा कि कांग्रेस गरीबों का मजाक उड़ाती है. एक नेता और कहते हैं कि गरीबी तो मन की अवस्था होती है. लेकिन मैं कहता हूं कि शाम को चूल्हा न जले और बच्चे रात-रात भर रोते रहें, तब पता चलता है कि गरीबी क्या है.

उनका कहना था, ''यह जो अहंकार है और जो लोग ग़रीबों को अपनी जेब में मानते हैं उन्हें उखाड़ फेंकना होगा.''

मोदी ने वाराणसी के बुनकरों के मुद्दों को भी छूने की कोशिश की और कहा कि बड़े-बड़े फैसले लेने वाली सरकार को बुनकरों के आजीविका की चिंता नहीं है.

देहरादून की रैली की तरह ही बनारस में भी मोदी ने दावा किया कि पूर्वी उत्तर प्रदेश का कोई भी गांव ऐसा नहीं होगा जिसका कोई न कोई नौजवान गुजरात में नौकरी न कर रहा हो.

उन्होंने हर हाथ को रोजगार देने का भी वादा किया.

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