शुक्रवार, 20 दिसंबर 2013

हरियाणा समेत नौ राज्यों के जाटों को केंद्र में मिलेगा आरक्षण, पंजाब को फायदा नहीं



नई दिल्ली/चंडीगढ़. हरियाणा समेत 9 राज्यों के जाटों को केंद्रीय नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में आरक्षण दिए जाने पर केंद्र सरकार ने सैद्धांतिक सहमति दे दी है। प्रक्रिया के तहत अब राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग कमीशन से सिफारिश मांगी गई है। इसके आधार पर नोटिफिकेशन जारी होगा। इस फैसले से हरियाणा के 63 लाख जाट युवाओं को केंद्रीय नौकरियों, शिक्षण संस्थानों में आरक्षण मिलेगा। पंजाब इस सूची में शामिल नहीं है, जहां जाटों की संख्या करीब1.07 करोड़ है। केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी के मुताबिक कैबिनेट में वीरवार को 9 राज्यों के जाटों को केंद्र में आरक्षण पर सहमति बनी। इनमें हरियाणा, हिमाचल, गुजरात, एमपी, राजस्थान (भरतपुर व धौलपुर), यूपी, दिल्ली, उत्तराखंड व बिहार हैं। फैसले में वही राज्य शामिल किए गए हैं, जहां जाटों को पिछड़े वर्ग का दर्जा हासिल है।

आयोग तय करेगा किस तरह दिया जाए लाभ

किस जाति या वर्ग को ओबीसी में शामिल किया जाए इसका निर्धारण राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ही करता है। सामाजिक, आर्थिक पिछड़ेपन के आधार पर ही आयोग उस वर्ग को ओबीसी में शामिल करने या इसे कितना आरक्षण दिया जाए यह सिफारिश केंद्र को करता है। आयोग ने वर्ष 1997 में हरियाणा, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान के जाटों को ओबीसी में शामिल करने की मांग खारिज कर दी थी। हालांकि 2011 में सामाजिक -आर्थिक हालात पर नए तथ्य जुटाए गए।

केंद्रीय नौकरियों-योजनाओं में मिलेगा कोटा

केंद्रीय कैबिनेट की सहमति से जाटों को केंद्र में आरक्षण मिलना लगभग तय हो गया है। राज्यों में पहले से ही ओबीसी कोटे में आने वाले जाटों को अब केंद्रीय नौकरियों, स्कूल, कॉलेज और शैक्षणिक संस्थानों में भी आरक्षण मिल सकेगा। इसके साथ ही केंद्रीय कल्याणकारी योजनाओं का लाभ भी उन्हें पहले की अपेक्षा ज्यादा मिलेगा।

अभी केंद्र में किसे कितना आरक्षण

अभी केंद्र में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को 27.5 फीसदी, अनुसूचित जाति (एससी) को 15 फीसदी व अनुसूचित जनजाति (एसटी) को 7.5 फीसदी आरक्षण दिया जाता है। हरियाणा में जाट स्पेशल बैकवर्ड क्लास (एसबीसी) में शामिल हैं। इस वर्ग के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है।

पंजाब के 1.07 करोड़ जट्टों से भेदभाव क्यों: नेता

केंद्रीय कैबिनेट के इस फैसले से पंजाब के 1.07 करोड़ जट्टों का प्रतिनिधित्व करने वाले नेता हैरान हैं। भारतीय किसान यूनियन के प्रधान बलवीर सिंह राजेवाल कहते हैं कि कांग्रेस सरकार का यह कदम पक्षपाती है। दो तिहाई किसानों के पास 2 हैक्टेयर से भी कम जमीन है। पंजाब जट्ट सिख वेलफेयर एसोसिएशन के प्रधान परमजीत सिंह ने भी इस फैसले पर अफसोस जाहिर किया है। उन्होंने कहा कि हम लंबे समय से आरक्षण की मांग कर रहे हैं। हमारे साथ भेदभाव क्यों?

हरियाणा के सीएम ने किया स्वागत

हरियाणा के सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने केंद्रीय कैबिनेट के इस फैसले का स्वागत किया है। यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी और प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का आभार जताते हुए उन्होंने कहा कि इस फैसले से हरियाणा के युवाओं की उम्मीदें काफी हद तक पूरी होंगी।

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