मानवेन्द्र सिंह और कैलाश होंगे वसुंधरा राजे के मंत्रिमंडल में शामिल ?
पूर्व में मंत्री रहे चुके व्यक्तियों के अलावा दिग्गजों को हराने वाले नए विधायकों को भी मंत्रीमंडल में शामिल करने का दवाब है। इसके साथ ही प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों के फेरबदल की कवायद शुरू हो गई है। गौरतलब है कि शपथ ग्रहण करने के बाद मुख्यमंत्री राजे शुक्रवार को राज्य के प्रशासनिक ढांचे में बड़े फेरबदल किए थे।
मलमास से पहले मंत्रिमंडल
मलमास लगने की चर्चा के चलते रविवार तक मंत्रिमंडल के संबंध में कार्यवाही होने की संभावना है। इसके तहत आधा दर्जन से अधिक मंत्रियों के शपथ लेने की संभावना है। जानकारी के अनुसार, केंद्र से आए निर्देश के कारण मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के साथ इन मंत्रियों को शपथ नहीं दिलाई गई थी। अब राजभवन में नए सिरे से समारोह आयोजित किए जाने की तैयारी है। मंत्रियों में आधा दर्जन को केबिनेट और शेष्ा को राज्य मंत्री पद की शपथ दिलाई जा सकती है।
पुरानों में ये फिर बनेंगे मंत्री
गुलाबचंद कटारिया
उदयपुर संभाग के कद्दावर नेता है। कई बाद मंत्री रह चुके हैं। 2003 में राज्य के गृह मंत्री थे।
नरपतसिंह राजवी
पूर्व उपराष्ट्रपति और तीन बार राजस्थान के मुख्यमंत्री रहे भैंरो सिंह शेखावत के दामाद। वसंुधरा राजे के पिछले कार्यकाल में उद्योग मंत्री रहने के साथ ही स्वास्थ्य मंत्रालय भी संभाल चुके हैं।
कालूलाल गुर्जर
भीलवाड़ा के मांडल से विधायक। भाजपा के पिछले शासन में भी मंत्री थे।
वासुदेव देवनानी
अजमेर उत्तर से विधायक। 2003 में भाजपा के सत्ता में आने पर शिक्षा राज्य मंत्री बनाए गए थे।
यूनुस खां
डीडवाना से विधायक चुने गए हैं। 2003 में यातायात और युवा मंत्रालय संभाला था। 2008 में चुनाव हार गए। इस बार फिर से यातायात मंत्रालय संभाल सकते हैं। राजस्थान भाजपा के अल्पसंख्यक चेहरे का प्रतिनिधित्व करते है।
प्रतापसिंह सिंघवी
छबड़ा से विधायक हैं। पिछले कार्यकाल में भी मंत्री रहे।
नंदलाल मीणा
वरिष्ठ भाजपा नेता और प्रतापगढ़ से विधायक। वरिष्ठता के आधार पर मंत्री पद के प्रमुख दावेदार।
सांवरलाल जाट
भाजपा के 2003 के कार्यकाल में जल संसाधन मंत्री रहे। पिछला चुनाव जीते लेकिन इस बार नसीराबाद सीट से फिर विजय हासिल की।
नए विधायकों में ये मार सकते हैं बाजी
अरूण चतुर्वेदी
राजनीति का लम्बा अनुभव रहा है, लेकिन सिविल लाइंस विस सीट से चुनाव लड़े और पहली बार विधायक बने हैं। उनकी जीत का अन्तरर भी 11 हजार से ज्यादा का रहा है। इन्होंने प्रताप सिंह खाचरियावास को तो हराया ही है, साथ ही संघ खेमा भी चाहता है कि यह मंत्री बनें।
दीया कुमारी
जयपुर के पूर्व राजघराने से सम्बन्ध रखने वाली दीया कुमारी का इस बार राजनीति में प्रवेश हुआ है। उन्हें जयपुर से सवाईमाधोपुर चुनाव लड़ने के लिए भेजा गया। इन्होंने किरोड़ी लाल मीणा को हराकर चुनाव जीता और वो भी साढ़े सात हजार से ज्यादा वोटों से।
संतोष्ा अहलावत
शेखावाटी की राजनीति में जाना पहचाना नाम, लेकिन पहली बार ही जीती हैं। इन्होंने भी शेखावाटी के बड़े नाम कांग्रेसी नेता श्रवण कुमार को सूरजगढ़ (झुंझुनूं) सीट से हराकर 50 हजार से ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की है।
ओम प्रकाश हुडला
महुआ सीट से चुनाव लड़ा। दबंग छवि के माने जाते हैं। सुराज संकल्प यात्रा में इनको भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वसुंधरा राजे ने करीब आधे घण्टे तक बोलने का मौका दिया था। इन्होंने सांसद किरोड़ी लाल मीणा की पत्नी और पूर्व मंत्री गोलमा देवी को पन्द्रह हजार से ज्यादा वोटों से हराया है।
कैलाश चौधरी
भारतीय जनता युवा मोर्चा में सक्रिय रहे कैलाश चौधरी ने विधानसभा चुनाव में पहली बार जीत दर्ज की है और कांग्रेस राजनीति में बड़ा नाम और विधायक कर्नल सोनाराम को बायतू विधानसभा क्षेत्र से चुनाव मेंकरारी शिकस्त दी। सोनाराम को यहां 13 हजार से ज्यादा वोटो से मात मिली।
मानवेन्द्र सिंह
शिव सीट से चुनाव लड़ा। एक बार सांसद भी रह चुके हैं, लेकिन विधायक पहली बार बने हैं। इन्होंने पश्चिमी राजस्थान में कांग्रेस की राजनीति का स्तम्भ माने जाने वाले अमीन खान को 30 हजार से अधिक वोटों से हराया है। मानवेन्द्र सिंह पूर्व केन्द्रीय मंत्री जसवंत सिंह के पुत्र हैं।
जयपुर और जोधपुर के कमिश्Aर भी बदले जाएंगे
प्रदेश में मुख्य सचिव के लिए राजीव महçष्ाü का नाम सामने आ रहा है। वे फिलहाल केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर हैं, उनके संबंध में आज केंद्र में पत्र भेजे जाने की संभावना है। करीब तीन दर्जन से अधिक आईएएस अधिकारियों की सूची निकाले जाने की तैयारी की जा चुकी है।
इसी प्रकार करीब दो दर्जन से अधिक पुलिस अधिकारियों की सूची तैयार कर ली गई है। जयपुर व जोधपुर के पुलिस कमिश्नर को भी बदला जाएगा। जयपुर में एसपी रहे वीके सिंह और विशाल बंसल का नाम भी प्रमुखता से लिया जा रहा है
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