बेंगलूरू। मंगलौर के चौथे जिला एवं सत्र न्यायालय ने इक्कीस हत्याओं के आरोपी "सायनाइड" मोहन कुमार (46) को तीन मामलों में दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई है। मोहन के खिलाफ हत्या के इक्कीस मामले दर्ज हैं। इन मामलों में से दक्षिण कन्नड़ जिले की अनिता, सुनन्दा पुजारी और लीलावती की हत्या के मामलों में दोषी करार देते हुए न्यायाधीश बी.के.नायक ने फांसी की सजा सुनाई है।
मालूम हो कि मोहन युवतियों से विवाह करता था और उनके साथ पति-पत्नी की तरह एक रात बिताने के बाद सायनाइड खिलाकर आभूषण और अन्य कीमती चीजें लेकर चम्पत हो जाता था। मोहन दक्षिण कन्नड़ जिले बन्टवाल तालुक के एक सरकारी स्कूल में शारीरिक शिक्षक था। आरोप है कि उसने पांच साल की अवधि में 21 हत्याएं की हैं।
शौचालय में दम तोड़ती थी पत्नी
मोहन शिकार की तलाश में सरकारी बस स्टेण्डों में अधिक समय बिताता था और गरीब युवतियों पर नजर रखता था। युवतियों से मुलाकात के दौरान उन्हें बातों में फंसाता था और जानकारी लेता था। युवती जिस समुदाय से संबंध रखती थी, मोहन खुद को उसी समुदाय का बताता था। बातों के जाल में फंसा कर वह युवती को मंदिर ले जाकर मंगलसूत्र पहना कर विवाह करता था। वह बस स्टेण्ड के पास किसी होटल में रूकता था। अगले दिन बस स्टेण्ड के पास पत्नी को लेकर जाता था और कहता था कि गर्भवती होने से बचने के लिए शौचालय में जाकर गर्भ निरोधक गोली खा लो। इधर, युवती बस स्टेण्ड के शौचालय में दम तोड़ रही होती, उधर, मोहन किसी अन्य शिकार की तलाश में जाल बिछाता था।
मोबाइल से आया पकड़ में
अनिता की हत्या के बाद मोहन उसका मोबाइल फोन इस्तेमाल करने लगा था। पुलिस अनिता के मोबाइल फोन से की गई कालों के आधार पर मोहन तक पहुंच सकी। मोहन को बंट्वाल के एक मकान पर छापा मारकर 18, मार्च 2009 को गिरफ्तार किया था। उसके मकान से एक डायरी मिली थी, जिसमें 21 युवतियों का विवरण था। मोहन ने सबसे पहली हत्या धर्मस्थल में की थी। उसने एक युवती को नेत्रावती नदी में धक्का दे दिया था।
यूं खरीदता था सायनाइड
मोहन का एक मित्र सुनार था। सुनार आभूषण की पालिश करने के लिए सायनाइड का इस्तेमाल करते हैं। मोहन खुद को एक सुनार बताकर दक्षिण कन्नड़ जिले के पुत्तूर से सायनाइड खरीदा करता था।
छह शहरों में हत्याएं
मोहन ने बेंगलूरू, मैसूर, हासन, मंगलौर, उडुपी और मडिकेरी के बस स्टेण्डों के शौचालयों में युवतियों की हत्या की थी। सजा सुनाए जाने के बाद मोहन ने कहा कि इस फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती देगा।
मालूम हो कि मोहन युवतियों से विवाह करता था और उनके साथ पति-पत्नी की तरह एक रात बिताने के बाद सायनाइड खिलाकर आभूषण और अन्य कीमती चीजें लेकर चम्पत हो जाता था। मोहन दक्षिण कन्नड़ जिले बन्टवाल तालुक के एक सरकारी स्कूल में शारीरिक शिक्षक था। आरोप है कि उसने पांच साल की अवधि में 21 हत्याएं की हैं।
शौचालय में दम तोड़ती थी पत्नी
मोहन शिकार की तलाश में सरकारी बस स्टेण्डों में अधिक समय बिताता था और गरीब युवतियों पर नजर रखता था। युवतियों से मुलाकात के दौरान उन्हें बातों में फंसाता था और जानकारी लेता था। युवती जिस समुदाय से संबंध रखती थी, मोहन खुद को उसी समुदाय का बताता था। बातों के जाल में फंसा कर वह युवती को मंदिर ले जाकर मंगलसूत्र पहना कर विवाह करता था। वह बस स्टेण्ड के पास किसी होटल में रूकता था। अगले दिन बस स्टेण्ड के पास पत्नी को लेकर जाता था और कहता था कि गर्भवती होने से बचने के लिए शौचालय में जाकर गर्भ निरोधक गोली खा लो। इधर, युवती बस स्टेण्ड के शौचालय में दम तोड़ रही होती, उधर, मोहन किसी अन्य शिकार की तलाश में जाल बिछाता था।
मोबाइल से आया पकड़ में
अनिता की हत्या के बाद मोहन उसका मोबाइल फोन इस्तेमाल करने लगा था। पुलिस अनिता के मोबाइल फोन से की गई कालों के आधार पर मोहन तक पहुंच सकी। मोहन को बंट्वाल के एक मकान पर छापा मारकर 18, मार्च 2009 को गिरफ्तार किया था। उसके मकान से एक डायरी मिली थी, जिसमें 21 युवतियों का विवरण था। मोहन ने सबसे पहली हत्या धर्मस्थल में की थी। उसने एक युवती को नेत्रावती नदी में धक्का दे दिया था।
यूं खरीदता था सायनाइड
मोहन का एक मित्र सुनार था। सुनार आभूषण की पालिश करने के लिए सायनाइड का इस्तेमाल करते हैं। मोहन खुद को एक सुनार बताकर दक्षिण कन्नड़ जिले के पुत्तूर से सायनाइड खरीदा करता था।
छह शहरों में हत्याएं
मोहन ने बेंगलूरू, मैसूर, हासन, मंगलौर, उडुपी और मडिकेरी के बस स्टेण्डों के शौचालयों में युवतियों की हत्या की थी। सजा सुनाए जाने के बाद मोहन ने कहा कि इस फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती देगा।
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