चंडीगढ़. स्कूल के बाहर छात्राओं की हिफाजत के लिए तैनात पीसीआर कर्मियों ने ही 10वीं की स्टूडेंट के साथ डेढ़ महीने तक रेप किया। 16 साल की यह स्टूडेंट इस कदर तनाव में आई कि गुरुवार को सुसाइड की कोशिश की। इसके बाद उसके कजन को पता चला और मामला पुलिस तक पहुंचा। शुरुआत में पुलिस केस को हल्का करने में जुटी रही। भाजपा नेताओं के थाने पहुंचने पर पुलिस ने केस दर्ज किया। मेडिकल में छात्रा से रेप की पुष्टि हुई है।
क्राइमब्रांच के कांस्टेबल सुनील और पीसीआर में कांस्टेबल अक्षय के खिलाफ रेप का केस दर्ज किया गया है। पीसीआर में ही कांस्टेबल जगतार, हिम्मत और एक अज्ञात कर्मी के खिलाफ छात्रा से शारीरिक छेड़छाड़ का केस दर्ज किया गया है। अज्ञात कर्मी को छोड़ बाकी चारों को गिरफ्तार कर लिया गया है। गिरफ्तारी के वक्त सभी ड्यूटी पर तैनात थे।
ऐसे फंसी वर्दी वाले कर्मियों के जाल में
गांव खुड्डा लाहौरा में रहने वाली इस छात्रा के घर पर अक्टूबर में पारिवारिक क्लेश हुआ। लड़की ने डर कर 100 नंबर पर फोन कर दिया। पीसीआर कर्मी मौके पर पहुंचे, जिनमें आरोपी कांस्टेबल अक्षय भी था। पूछताछ के बहाने वह छात्रा का नंबर ले गया। करीब एक महीना बाद छात्रा जब खुड्डा लाहौरा में ही अपने स्कूल से निकली, तो वहां तैनात पीसीआर में अक्षय भी मौजूद था। अक्षय ने उससे बात की। इसके बाद उसे फोन करने लगा। एक दिन अक्षय पीसीआर मोटरसाइकिल पर छात्रा को बहला-फुसलाकर ले गया। इस बीच जबरदस्ती की कोशिश की। छात्रा ने विरोध किया तो बाइक का शीशा टूट गया।
शीशा टूटने पर छात्रा को धमकी दी कि उसके खिलाफ केस दर्ज होगा। कुछ दिनों बाद अक्षय छात्रा को सरकारी जिप्सी में खुड्डा लाहौरा में एक कमरे में ले गया और रेप किया। इसके बाद कांस्टेबल सुनील ने भी रेप किया। छात्रा को डरा-धमकाकर यह सिलसिला कई दिनों तक चलता रहा। छात्रा की शिकायत के मुताबिक अक्षय के साथ तैनात कांस्टेबल जगतार, हिम्मत और एक अज्ञात कर्मी जबरन उसका रास्ता रोककर पीसीआर जिप्सी में बिठाने की कोशिश करते थे। कई बार कपड़े उतारकर शारीरिक छेड़छाड़ की। छात्रा के शोर मचाने पर उसे छोड़ा गया। छात्रा को कई तरह की नशीली गोलियां खिलाई जाती थीं।
देर रात जब पुलिसवाले आरोपियों का मेडिकल कराने पहुंचे तो यहां उन्हें भी गुस्से का शिकार होना पड़ा। भीड़ ने दो आरोपियों को पुलिस के बीच में घुसकर ही जमकर पीटा। पुलिसवालों ने पहले तो रोकने की कोशिश ही नहीं की। जब रोकना चाहा तो उन्हें भी पीटा गया। इसमें 6 पुलिसवाले घायल हुए हैं। इनको हल्की चोट आई है। देर रात तक पीडि़त छात्रा का भी दोबारा मेडिकल कराया जा रहा था।
छात्रा ने वीरवार को अपने घर पर सुसाइड की कोशिश की। उसके भाई को पता चला तो उसने वजह पूछी। छात्रा ने भाई को सारी बात बता दी। सरकारी स्कूल में टीचर भाई ने एरिया काउंसलर सौरभ जोशी को बताया। जोशी ने छात्रा से सारी बात सुनी और डीएसपी आशीष कपूर से बात कर शिकायत देने के लिए उसे थाने भेजा। जहां सौरभ से बातचीत में लड़की ने 5 पुलिसवालों पर आरोप लगाया, वहीं थाने में डीएसपी आशीष कपूर ने पहले बताया कि सिर्फ 1 पुलिसकर्मी सुनील के खिलाफ केस दर्ज किया जा रहा है। जोशी के साथ ही भाजपा नेता हरमोहन धवन, संजय टंडन, आशा जसवाल, अरुण सूद, सतिंदर सिंह, हीरा नेगी आदि थाने पहुंच गए। इनका आरोप था कि पुलिस पहले सुनील पर रेप का केस दर्ज कर, अक्षय से लड़की को शादी कराने के लिए मना रहा थी। पुलिस की नहीं चली, छात्रा के दो बार बयान हुए, जिसके बाद पांचों आरोपियों पर केस दर्ज किया गया
पोस्टिंग का सच भी सामने आ गया
आरोपी पुलिसकर्मी गांव खुड्डा लाहौरा में रहते थे। छात्रा के बयानों में सामने आया कि यहीं पर इनकी पोस्टिंग पीसीआर में थी। यानी बिल्कुल घर के पास, जो नियमों के खिलाफ है। इससे अब पुलिस की ट्रांसफर पोस्टिंग पर फिर से सवाल उठने लगे हैं।
ऐसे लोग फोर्स में रहने के काबिल नहीं: आईजी
॥हमारे लिए बेइज्जती की बात है, जो इन पुलिसकर्मियों ने किया है। ऐसे पुलिसवाले पूरे विभाग के लिए धब्बा हैं। सभी को गिरफ्तार किया जा रहा है, कोई बख्शा नहीं जाएगा। गिरफ्तारी के बाद इनके खिलाफ सख्त से सख्त डिपार्टमेंटल एक्शन लिया जाएगा। ऐसे लोग फोर्स में रहने के काबिल नहीं हैं। केस बड़ी प्रमुखता से देखा जा रहा है और हर पहलू को जांचा जा रहा है।
-आरपी उपाध्याय,आईजीपी
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