ब्रिटिश पुलिस और इंटरपोल की इससे बड़ी नाकामी क्या हो सकती है कि 'द ग्रेट ट्रेन रॉबरी' को अंजाम देने वाला कुख्यात लुटेरा महज 15 माह में जेल से फरार हो गया और काफी उम्र बीत जाने तक उनके हाथ नहीं आया। ब्रिटिश अखबारों का सनसनी के प्रति इतना गहरा आग्रह रहा है कि एक अखबार इस लुटेरे को प्राइवेट जेट में लेकर आया। खास इंटरव्यू लिया और 20 हजार डॉलर भी दिए।
यह कहानी रॉनी बिग्स की है, जिसका पूरा नाम रोनाल्ड आर्थर था। 1929 में स्टॉकवेल, लंदन में पैदा हुआ रॉनी 18 साल की उम्र से ही ताले तोडऩे लगा था। सबसे पहले केमिस्ट की शॉप में चोरी की, फिर एक कार चुराई। एक पब्लिशर के यहां चोरी करने की कोशिश में पकड़ा गया। जेल में उसकी मुलाकात ब्रूस रेनॉल्ड्स से हुई और यह दोस्ती आखिरी तक चली। ब्रूस ने ही उसे सारे गुर सिखाए। जब रॉनी 27 का था, तब दस साल छोटी चार्मिन पॉवेल से शादी कर ली।बात 1963 की है। उन दिनों रॉनी को कर्ज की जरूरत थी और ब्रूस से बात करने पर भी व्यवस्था नहीं हो पाई तो प्लान बना ट्रेन लूटने का। ग्लासगो से लंदन जा रही रॉयल मेल को लूट लिया। लूटी हुई राशि आज के लिहाज से 4 करोड़ पाउंड (करीब 407 करोड़ रु.) है। दिलचस्प बात यह है कि यह लूट रॉनी ने अपने 34वें जन्मदिन पर की, यानी 8 अगस्त को। इस लूट के दौरान ट्रेन ड्राइवर के सिर पर छड़ से प्रहार किया। जिसने उसकी जान ले ली। सॉस की एक बोतल पर रॉनी के फिंगरप्रिंट्स के कारण तीन हफ्ते में 11 लुटेरों की गैंग पकड़ ली गई। 30 साल की सजा हुई, पर रॉनी 15 महीने में वेंड्सवर्थ जेल से भाग निकला। नाव से पूरे परिवार को ब्रुसेल्स लाया, वहां से पेरिस आ गया। सबसे पहले प्लास्टिक सर्जरी कराकर चेहरा बदला और परिवार सहित ऑस्ट्रेलिया चला गया। एडिलेड में रह रहा था, तभी एक दिन इंटरपोल को रॉनी के वहां होने की सूचना मिली। भनक मिलते ही रॉनी मेलबर्न भाग आया। मेलबर्न में परिवार छोड़कर दोस्त के पासपोर्ट पर जहाज से दो हफ्ते में पनामा और फिर ब्राजील पहुंचा।1970 से वह रियो डी जिनेरियो में रहने लगा, लेकिन ब्राजील की ब्रिटेन के साथ प्रत्यर्पण संधि नहीं थी। 1974 में डेली एक्सप्रेस ने रॉनी के रियो में होने की पुष्टि कर दी। वहां उसे एक लड़की से प्रेम हो गया था। यानी पत्नी और बच्चों को भी धोखा दिया। चूंकि प्रेमिका ब्राजील मूल की थी और गर्भ से थी, इसलिए उसको ब्रिटेन नहीं भेजा जा सका। 1978 में उसने अपनी आवाका में दो गाने भी रिकॉर्ड कराए। ब्रिटेन में इन गीतों की लोकप्रियता सातवें पायदान पर थी। 1981 में ब्रिटेन के पूर्व सैनिकों ने रॉनी का अपहरण कर लिया और एक बोट में ले जाने लगे पर बोट खराब हो गई और बारबाडोस के कोस्टगार्ड ने उसे छुड़ा लिया। 1997 में ब्रिटेन ने ब्राजील से प्रत्यर्पण संधि की और दो महीने में रॉनी की मांग की। परंतु ब्राजील सुप्रीम कोर्ट ने अधिक उम्र होने के कारण यह मांग ठुकरा दी। अंतत: 2001 में रॉनी ने 'द सन' अखबार में घोषणा की कि वह वापस ब्रिटेन आना चाहता है। ब्रिटेन लौटते ही उसे जेल भेज दिया गया। चोरी के गुर सिखाने वाले रेनॉल्ड ब्रूस की जब मौत हुई तो बीमारी के बाद भी रॉनी दोस्त को विदा करने गया। 2009 में बीमारी के चलते रिहा किया। लूटकांड पर 'द ग्रेट ट्रेन रॉबरी' किताब लिखी गई। उस पर बीबीसी सीरीका ब्रॉडकास्ट होने के कुछ ही घंटे पहले रॉनी भी ब्रूस के पास चला गया।
यह कहानी रॉनी बिग्स की है, जिसका पूरा नाम रोनाल्ड आर्थर था। 1929 में स्टॉकवेल, लंदन में पैदा हुआ रॉनी 18 साल की उम्र से ही ताले तोडऩे लगा था। सबसे पहले केमिस्ट की शॉप में चोरी की, फिर एक कार चुराई। एक पब्लिशर के यहां चोरी करने की कोशिश में पकड़ा गया। जेल में उसकी मुलाकात ब्रूस रेनॉल्ड्स से हुई और यह दोस्ती आखिरी तक चली। ब्रूस ने ही उसे सारे गुर सिखाए। जब रॉनी 27 का था, तब दस साल छोटी चार्मिन पॉवेल से शादी कर ली।बात 1963 की है। उन दिनों रॉनी को कर्ज की जरूरत थी और ब्रूस से बात करने पर भी व्यवस्था नहीं हो पाई तो प्लान बना ट्रेन लूटने का। ग्लासगो से लंदन जा रही रॉयल मेल को लूट लिया। लूटी हुई राशि आज के लिहाज से 4 करोड़ पाउंड (करीब 407 करोड़ रु.) है। दिलचस्प बात यह है कि यह लूट रॉनी ने अपने 34वें जन्मदिन पर की, यानी 8 अगस्त को। इस लूट के दौरान ट्रेन ड्राइवर के सिर पर छड़ से प्रहार किया। जिसने उसकी जान ले ली। सॉस की एक बोतल पर रॉनी के फिंगरप्रिंट्स के कारण तीन हफ्ते में 11 लुटेरों की गैंग पकड़ ली गई। 30 साल की सजा हुई, पर रॉनी 15 महीने में वेंड्सवर्थ जेल से भाग निकला। नाव से पूरे परिवार को ब्रुसेल्स लाया, वहां से पेरिस आ गया। सबसे पहले प्लास्टिक सर्जरी कराकर चेहरा बदला और परिवार सहित ऑस्ट्रेलिया चला गया। एडिलेड में रह रहा था, तभी एक दिन इंटरपोल को रॉनी के वहां होने की सूचना मिली। भनक मिलते ही रॉनी मेलबर्न भाग आया। मेलबर्न में परिवार छोड़कर दोस्त के पासपोर्ट पर जहाज से दो हफ्ते में पनामा और फिर ब्राजील पहुंचा।1970 से वह रियो डी जिनेरियो में रहने लगा, लेकिन ब्राजील की ब्रिटेन के साथ प्रत्यर्पण संधि नहीं थी। 1974 में डेली एक्सप्रेस ने रॉनी के रियो में होने की पुष्टि कर दी। वहां उसे एक लड़की से प्रेम हो गया था। यानी पत्नी और बच्चों को भी धोखा दिया। चूंकि प्रेमिका ब्राजील मूल की थी और गर्भ से थी, इसलिए उसको ब्रिटेन नहीं भेजा जा सका। 1978 में उसने अपनी आवाका में दो गाने भी रिकॉर्ड कराए। ब्रिटेन में इन गीतों की लोकप्रियता सातवें पायदान पर थी। 1981 में ब्रिटेन के पूर्व सैनिकों ने रॉनी का अपहरण कर लिया और एक बोट में ले जाने लगे पर बोट खराब हो गई और बारबाडोस के कोस्टगार्ड ने उसे छुड़ा लिया। 1997 में ब्रिटेन ने ब्राजील से प्रत्यर्पण संधि की और दो महीने में रॉनी की मांग की। परंतु ब्राजील सुप्रीम कोर्ट ने अधिक उम्र होने के कारण यह मांग ठुकरा दी। अंतत: 2001 में रॉनी ने 'द सन' अखबार में घोषणा की कि वह वापस ब्रिटेन आना चाहता है। ब्रिटेन लौटते ही उसे जेल भेज दिया गया। चोरी के गुर सिखाने वाले रेनॉल्ड ब्रूस की जब मौत हुई तो बीमारी के बाद भी रॉनी दोस्त को विदा करने गया। 2009 में बीमारी के चलते रिहा किया। लूटकांड पर 'द ग्रेट ट्रेन रॉबरी' किताब लिखी गई। उस पर बीबीसी सीरीका ब्रॉडकास्ट होने के कुछ ही घंटे पहले रॉनी भी ब्रूस के पास चला गया।
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