शुक्रवार, 22 नवंबर 2013

श्र्व पद्मावती महापूजन सम्पन्न

पाश्र्व पद्मावती महापूजन सम्पन्न


बाड़मेर। दीक्षार्थी सीमा कुमारी छाजेड. की दीक्षा के प्रंसग पर प्रातः कालीन शहनाईयों के सुर से प्रंारभ हुआ। 9 बजे गाजते बाजते उनके गृह निवास पर साध्वीवर्या श्री नंदिषेणा श्री जी साध्वीवर्या श्री प्रियरजंना श्री जी व साध्वीवर्या श्री विनितयशा श्री जी आदि ठाणा पधारे। वहां पर पुज्या श्री के कुमकुम के पगलिये किये गये। तत्पश्चात श्री संघ परिवार के साथ श्री कुशल नगर का उद्वघाटन किया। उस समय साध्वी श्री प्रियरंजना श्री ने कहा कि आज से पांच दिन तक आप सभी को प्रमाद छोड़कर सर्व मंगल कार्यक्रम में उपस्थित होना है। प्रमाद दोष जिन्दगी में जम्पर की तरह बीच में आता है तो अकस्मात घटना घट जाती है। विलम्बवृति के कारण ही अच्छे- अच्छे भी सफलता और सिद्धी से वंचित रह जाते है। जहां विलम्ब आयेगा वहां आलस आये बिना नही रह सकता। विलम्बता जीवन में विकास मात्रा को पेरालिसीस लग जाता है। मंत्रोच्चार वह मांगलिक के साथ उद्घाटन का कार्यक्रम हुआ उसकेे पश्चात् शांतिनाथ जिनालय एवं कुशलसूरि दादावाड़ी की वर्षगांठ होने से वहां सतरभेदी पूजा रचाकर मंदिर के ऊँ पूण्याहाम् -2, ऊँ प्रियंताम -2 की धून के साथ मंदिर के शिखर पर ध्वजा चढ़ाई गई। दोपहर 1 बजे आराधना भवन में सर्व सिद्धिदायक मनवांछित फलदायक सर्वदुःख हरणकर्ता पाश्र्व-पद्मावती महापूजन का आयोजन शंातिलाल डामरचंद चुतुर्भूजजी छाजेड़ के परिवार की ओर से किया गया। पूजा का विधि- विधान मालेगांव से पधारे विधिकारक विरलभाई शाह एवं संगीतकार निलेशभाई मुम्बई द्वारा करवाया गया। शाम को 6 बजे दिक्षार्थी सीमा छाजेड के ननिहाल से कुमारपाल महाराजा के वेश में गाजे-बाजे व राजशाही ठाठ के साथ 501 दीपक की आरती उतारी गई। दिक्षार्थी को कुमारपाल महाराजा के वेश में घोडे पर सवार होकर आराधना भवन पधारी जिसे दखने के लिए हर गली व नुक्कड़ पर श्रद्धालुओं भी उसे देखने के लिए आतुर थी। उसके पश्चात् रात्री में मालेगांव एवं बालोतरा से पधारे संगीतकारों द्वारा परमात्मा भी भव्य भक्ति संध्या का आयोजन किया गया।


कल कार्यक्रम- शनिवार को सुबह 9 बजे गोलेच्छा डुंगरवाल ग्राउण्ड में मातृत्व वंदनावली का आयोजन व दोपहर में महापूजन व रात्री में भव्य भजन संध्या का आयोजन किया जायेगा।

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