इंदौर। कहा जाता है कि जो समर्थ होता है उसे कोई दोष नहीं दे सकता। तभी तो कांग्रेस का प्रत्याशी घोषित होने से पहले ही जयवर्घन सिंह राघौगढ़ से आज पर्चा दाखिल कर रहे हैं, वो भी बिना फॉर्म बी के। फार्म दाखिल कराने के लिए भी खुद कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव दिग्विजय सिंह पहुंच रहे हैं। इसके अलावा स्थानीय कांग्रेस भी पूरी तैयारी से जुटी हुई है।
फरमान का इंतजार क्यो
जयवर्घन सिंह, राघौगढ़ सीट से कांग्रेस के पैनल में हैं। दिग्विजय सिंह के बेटे हैं, टिकट मिलना तय है। लेकिन दिग्गी के बेटे हैं सो पार्टी के फरमान का इंतजार क्यों करना। पार्टी प्रत्याशी घोषित होने से पहले ही जयवर्घन सिंह शुक्रवार को राघौगढ़ से पर्चा भरेंगे। उनका यह कदम काफी चौंकाने वाला है। असल में कांग्रेस ने अभी तक प्रत्याशियों की घोषणा नहीं की है।
सियासी हलकों में छिड़ गई चर्चा
जयवर्घन सिंह के इस तरह पर्चा भरने को लेकर सियासी हलकों में तरह-तरह की चर्चाएं छिड़ गई हैं। लोग इसे दिग्विजय सिंह के हालिया तल्ख तेवरों से जोड़कर देख रहे हैं। गौरतलब है कि प्रदेश में हुई राहुल गांधी की सभाओं में दिग्विजय सिंह ने दूसरी या तीसरी पंक्ति में बैठे नजर आए। उन्होंने भाषण से भी दूरी बनाए रखी।
अब जबकि उन्होंने खुद के बेटे का पर्चा दाखिल कराने का फैसला कर लिया है तो यह बात साफ हो चुकी है वह पार्टी के फैसले से असंतुष्ट हैं। दिग्गी के इस कदम से पार्टी में भी गलत संदेश जाने की आशंका है। गौरतलब है कि इस बार टिकट तय करने में राहुल गांधी फॉर्मूला अपनाया जा रहा है
फरमान का इंतजार क्यो
जयवर्घन सिंह, राघौगढ़ सीट से कांग्रेस के पैनल में हैं। दिग्विजय सिंह के बेटे हैं, टिकट मिलना तय है। लेकिन दिग्गी के बेटे हैं सो पार्टी के फरमान का इंतजार क्यों करना। पार्टी प्रत्याशी घोषित होने से पहले ही जयवर्घन सिंह शुक्रवार को राघौगढ़ से पर्चा भरेंगे। उनका यह कदम काफी चौंकाने वाला है। असल में कांग्रेस ने अभी तक प्रत्याशियों की घोषणा नहीं की है।
सियासी हलकों में छिड़ गई चर्चा
जयवर्घन सिंह के इस तरह पर्चा भरने को लेकर सियासी हलकों में तरह-तरह की चर्चाएं छिड़ गई हैं। लोग इसे दिग्विजय सिंह के हालिया तल्ख तेवरों से जोड़कर देख रहे हैं। गौरतलब है कि प्रदेश में हुई राहुल गांधी की सभाओं में दिग्विजय सिंह ने दूसरी या तीसरी पंक्ति में बैठे नजर आए। उन्होंने भाषण से भी दूरी बनाए रखी।
अब जबकि उन्होंने खुद के बेटे का पर्चा दाखिल कराने का फैसला कर लिया है तो यह बात साफ हो चुकी है वह पार्टी के फैसले से असंतुष्ट हैं। दिग्गी के इस कदम से पार्टी में भी गलत संदेश जाने की आशंका है। गौरतलब है कि इस बार टिकट तय करने में राहुल गांधी फॉर्मूला अपनाया जा रहा है
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