राजस्थान में नुम्बर दो के मंत्री का क्षेत्र विकास से महरूम। । विश्नोई
प्रकाशचंद बिश्नोई
भजपा उपाध्य्क्ष श्रीमती नंदा डागला ने सभा को सभोधित करते हुए कोंग्रेश पल्ले झाड़ते हुए है मैंने पार्टी मनपसंद से नहीं छोड़ी में जान चुकी उनके इरादे - राजस्थान में पानी नहीं कि समस्या थी तो जल आपूर्ति को पूर्ति करने का आग्रह किया बीजेपी पार्टी ने आप तक नर्मदा नहर का पानी पहुचाया बीजेपी कि सरकार वापस नहीं आयी तो जहा पर था वहीं नर्मदा नहर ठप हो गई आगे बढ़ाने में नहर का नाम ही नहीं। तो खेतों में बने घर पानी से घिर गए व किसानों की खेतों व खलिहानों में पड़ी फसलें खराब हो गई। ... खेतो में खड़ी फसले डूब गई निकटवर्ती केरिया गांव में नर्मदा नहर का ऑवरफलों पानी के जमा होने से ग्रामीणों का रास्ता बंद होने से किसानों ने खरीदी नाव- केरिया के किसानों ने अपने खेतो में आने-जाने के लिए नावें अपने बलबुते पर खरीदी है नाव को लाने हालत हो गयी है किसानो कि घर रहना रहस्य बन गया है उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने हमेषा फूट डालों और राज करो की राजनीति की। जबकि भाजपा भाईचारा व एकता की बात कर सभी को एकजुट करती है। आह्वान करती हु। छत्तीस कौम के लोग एकजुट होकर भाजपा के पक्ष में मतदान करें।
आज कि सभा इन गावों में गांधव, बेरिगाँव,रतनपुरा,भाखरपुरा,सिंधासवा, मिटींग कि पूर्ण तारीख 28 नवेम्बर को होगी जब तक चुनावी सभा जरी रहेगी।
यहां चुनावी रणनीति बनाते लोग समूह विचार विमर्श करते हुए या फिर जनजातिगत वोटो पर चर्चा करने मे मशगूल कार्यकर्ताओ को देखा जा सकता है। यहां यह भी चर्चा हो रही है जाट नेताओ का राज रहा है अब ऐसा लग रहा है कि कोई जाट नेताओ जति पर भार रखा ना जाट का भला ना भील मेघवाल न बिश्नोई का हेमाराम को वोट ३६ कोमजातियो के पड़ते हर समाज में चर्चित रही राजनीति आगामी चुनाव में हेमरामजी टिकिट वितरण से पहले अपनी आनाकानी शरू कर दी पार्टी के दबाव में कांग्रेस पार्टी के अध्य़क्ष राहुल गाँधी कि बात पर हुंकार तो भर दी अब मुस्कील के तक़रार में पार्टी। गुडा मालानी विधानसभा सीट का गठन 1957 में स्वतंत्र रूप से हुआ। तब से लेकर अब तक बारह विधानसभा चुनाव चुनाव हो चुके हें। सभी बारह बार जाट नेता ही विधायक चुने गए। हालांकि इस सीट पर जाट और विश्नोई उनीस बीस के अंतर में मतदाता हें। कांग्रेस का गढ़ हें यह सीट एक बार कांग्रेस छोड़ कर लड़ी श्री मति मदन कौर ने जीती। इसके आलावा कोई दल कांग्रेस के सामने टिक नहीं पाया। प्रथम चुनाव जाट समाज के प्रेरणास्रोत राम दान चौधरी लड़े उन्होंने इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। पांच बार हेमाराम ,चार बार गंगाराम ,एक बार रामदान,मदन कौर,परसराम मदेरण, विधायक बने थे। अभी कांग्रेस पार्टी पाव पछाड़ रही है
अब हेमाराम जी चुनावी चर्चा ठंडक का महोल है दूसरी ओर भाजपा का घोषणा पत्र जारी, 15 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी का वादा तथा टेट की परिक्षाओं की बाधाओं को दूर करने का वादा:- ये वादा कुछ दम वाला लग रहा है...जहा कांग्रेस ने राजस्थान मे पिछले पांच सालो मे सबसे पहले आते ही तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परिक्षाओ मे टेट की अनिवार्यता लागु की. टेट लागु करने का फैसला पुर्णरुप से फैल हुआ..सारी भर्तिया हाईकोर्ट मे लटकी पडी है...जो अभ्यर्थी पास हुए और जो नोकरी कर रहे है वो सब लटके हुए है...सिर्फ और सिर्फ कांग्रेस सरकार के टेट अनिवार्यता के कारण...जितनी भर्तिया कांग्रेस के राज मे हुई वो सब भ्रष्ट भर्तिया थी और जो सरकारी नोकरी चढ गए वो बेचारे भी कोर्ट के द्वारा लटके हुए है...अब अगर राजस्थान मे कांग्रेस आ जाती है तो राजस्थान का युवा वर्ग सरकारी नोकरी को तरसेगा...!! आम आदमी को और गरीब और आलसी बनाने का भरपूर साधन "मनरेगा" यह है मनमोहन सरकार की 9 वर्षो की उपलब्धि और कमाई का मुख्य साधन" जो मजदूरी इसमें दी जाती उसका मात्र 50 % राशि ही मजदुर तक पहुँचता हैं ये सुनकर के घोषणा पत्र ओर वादे फिके पड़ गए है।
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