लंदन। ब्रिटेन में 15 साल से कम उम्र की लड़कियां सेक्स के दौरान कंडोम का यूज नहीं करती। ऎसी लड़कियों अपने गर्भधारण से बचाने के लिए गर्भनिरोधक गोलियां का यूज करती है। हाल ही मे यूके में एक एक सर्वे किया गया जिसमें 15 साल से कम किशोरियों में कंडोम की जगह गर्भनिरोधक गोलियां ज्यादा पंसद हैं।
एक अंग्रेजी वेबसाइट के मुताबिक किशोरियों में 39 प्रतिशत कंडोम की जगह गर्भनिरोधक गोलियों का इस्तेमाल करती हैं। वहीं 40 प्रतिशत लड़कियां गर्भधारण से बचने के लिए कंडोम का इस्तेमाल करती हैं।
सर्वे के मुताबिक सेक्स के दौरान यौन संक्रमण से बचने के लिए कंडोम का इस्तेमाल यूज किया जाना चाहिए। क्योंकि गर्भनिरोधक गोलियां से बिमारियों को रोका नहीं जा सकता। यूके के हेल्थ एंड सोशल केयर इंफोरमेशन सेंटर द्वारा जारी की गई रिपोर्ट के मुताबिक कम उम्र वाले युवाओं द्वारा ये गोलियां काफी संख्या में इस्तेमाल की जा रही हैं।
वर्ष 2011-12 के दौरान 46 प्रतिशत किशोरियों ने सेक्स के दौरान कंडोम का इस्तेमाल किया तो 36 फीसदी ने गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन किया। इस बारे में विशेषज्ञों का का कहना है यौन संबंधित बिमारियों से बचने के लिए कंडोम का इस्तेमाल करना जरूरी है।
क्योंकि गर्भनिरोधक गोलियों आपको गर्भधारण करने से रोक सकती हैं लेकिन यौन संक्रमित बिमारियों से नहीं बचा सकती। एसआईटी बिमारियों के लिए नियमित रूप से स्क्रीनिंग टेस्ट कराना चाहिए। खासतौर पर जब तब किशोरी अपना सेक्स पार्टनर बदलती हैं।
एक अंग्रेजी वेबसाइट के मुताबिक किशोरियों में 39 प्रतिशत कंडोम की जगह गर्भनिरोधक गोलियों का इस्तेमाल करती हैं। वहीं 40 प्रतिशत लड़कियां गर्भधारण से बचने के लिए कंडोम का इस्तेमाल करती हैं।
सर्वे के मुताबिक सेक्स के दौरान यौन संक्रमण से बचने के लिए कंडोम का इस्तेमाल यूज किया जाना चाहिए। क्योंकि गर्भनिरोधक गोलियां से बिमारियों को रोका नहीं जा सकता। यूके के हेल्थ एंड सोशल केयर इंफोरमेशन सेंटर द्वारा जारी की गई रिपोर्ट के मुताबिक कम उम्र वाले युवाओं द्वारा ये गोलियां काफी संख्या में इस्तेमाल की जा रही हैं।
वर्ष 2011-12 के दौरान 46 प्रतिशत किशोरियों ने सेक्स के दौरान कंडोम का इस्तेमाल किया तो 36 फीसदी ने गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन किया। इस बारे में विशेषज्ञों का का कहना है यौन संबंधित बिमारियों से बचने के लिए कंडोम का इस्तेमाल करना जरूरी है।
क्योंकि गर्भनिरोधक गोलियों आपको गर्भधारण करने से रोक सकती हैं लेकिन यौन संक्रमित बिमारियों से नहीं बचा सकती। एसआईटी बिमारियों के लिए नियमित रूप से स्क्रीनिंग टेस्ट कराना चाहिए। खासतौर पर जब तब किशोरी अपना सेक्स पार्टनर बदलती हैं।
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