कांग्रेस सांसद के निवास पर सरकारी कारिंदो को चुनावी प्रशिक्षण
चन्दन सिंह भाटी
बाड़मेर कोंग्रेस के बड़े नेता कांग्रेस के के राष्ट्रिय सचिव और सासद हरीश चौधरी का कार्यालय और सिनेमा में प्रशाशन ने दस हजार कार्मिक प्रशिक्षण कराने पर बड़ा विवाद
राजस्थान में विधानसभा चुनाव में बाड़मेर में प्रशिक्षण के स्थल पर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है भाजपा ने चुनाव आयोग से शिकायत कि है कि बाड़मेर प्रशाशन ने इस बार कोंग्रेस के बड़े नेता AICC के सचिव और सासद हरीश चौधरी का कार्यालय और उनका सिनेमा निर्वाचन विभाग का प्रशिक्षण स्थल बनाया गया हैं और प्रशिक्षण एक या दो सौ नहीं बल्कि दस हजार कार्मिक प्राप्त कर रहे हैं। शिकायत के बाद बाड़मेर से लेकर जयपुर तक हड़कम्प मच गया है चुनाव आयोग ने 24 घंटे बीत जाने के बाद भी किस कोई भी कारवाही नहीं की है अब सबसे बड़ा सवाल है कि जहां सांसद का कार्यालय हैं जहां सांसद का बाड़मेर निवास हैं उसी को क्यों जिला प्रशासन ने चुना गया गौरतलब है कि राजस्थान में इस समय कोंग्रेस की ही सरकार है। इस आशय कि शिकायत बुधवार को फिर भाजपा के कार्यकर्ताओ ने चुनाव आयोग द्वारा नियुक्त पर्येवेक्षक को भी कि।
राजस्थान के बाड़मेर में चुनाव आचार संहिता की धज्जियां उड़ रही हैं मानो कोई नियम क़ानून कायदे यहाँ की फ़िज़ा में आने के बाद फ़ना हो जाते हो। मजे कि बात यह हैं कि क़ानून कि पालना करवाने वाले सरकारी नुमाइंदे खुद आदर्श कही जाने वाली आचार संहिता का उल्लंघन करवाने का बीड़ा उठाये हुए हैं। जिला प्रशासन जानकार होते हुए भी अनजान बना हुआ हैं लेकिन असल बात यह हैं कि प्रशासन को बाड़मेर में ऐसी कोई जगह नही मिली कि यही सिनेमा उन्हें सबसे सार्थक स्थान लगा। ऐसे में बीजेपी के द्वारा भी इसकी शिकायत कि जानी लाज़मी ही थी तो बीजेपी ने चुनावो में सांसद के सिनेमा को प्रशिक्षण स्थल बनाने पर सवाल खड़े करते हुए निर्वाचन विभाग कि कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़े किये हैं। भाजपा के शहर के महामंत्री रमेश गोड का कहना है कि सासद हरीश चौधरी का कार्यालय और उनका सिनेमा निर्वाचन विभाग का प्रशिक्षण स्थल बनाया गया हैं इससे कोंग्रेस को फायदा मिल सकता है इस तरह कोंग्रेस के सासद के सिनेमा को लेना ही अपने आप में कई सवाल खड़े कर रहा है इसलिए इस मामले में चुनाव आयोग को बड़ी कारवाही करते हुए पहले तो बाड़मेर के जिला हटाकर प्रशिक्षण स्थल को बदलना चाहिए ताकि चुनाव निष्पक्षता से हो सके
इस पुरे मामले में भाजपा के जिला अध्यक्ष मेजर पर्वत सिंह का कहना है कि इस तरह से कोंग्रेस के सांसद के यह प्रशिक्षण करना कई सवाल खड़े करता है इस मामले में चुनाव आयोग को बड़ी कारवाही करनी चाहिए
सवाल कई हैं लेकिन प्रशासन का उत्तर बड़ा घिसा पिटा हैं बाड़मेर के अतरिक्त जिला कलेक्टर अरुण परोहित का कहना है कि हमने तो नियमो के तहत व्यवसायिक प्रतिष्ठान को अधिग्रहण किया हैं दस हजार कर्मचारियो का प्रशिक्षण चल रहा है इसके बाद 20 तारीख के आस -पास इसी जगह पर फिर से इतने ही कर्मचारियो का प्रशिक्षण होगा इस मामले में हमें भाजपा कि और से शिकायत मिली है कि सांसद का कार्यालय चल रहा हैं और उनका निवास स्थान भी हैं तो इसकी जांच करवाई जायेगी।
दरसल भाजपा का एक हद सही भी नजर आता है कि बाड़मेर जिले इससे पहले भी होते है तो प्रशाशन यह प्रशिक्षण टाउन हॉल या कोलेज में करता है सबसे बड़ा सवाल यह हैं कि इसके आलावा भी बाड़मेर के शहर में भी एक सिनेमा है उसे क्यों नहीं अधिगृहण किया गया ? दूसरा सवाल यह हैं कि सांसद के समर्थको भी तो यह आते जाते रहते है तो चुनाव सम्पादित करवाने वाले अधिकारीयों और कार्मिको पर इसका क्या गलत प्रभाव नही पड़ेगा ? क्या सांसद कार्यालय में चुनाव में खड़े हुए प्रत्याशी यहाँ पर नहीं आते ? और सबसे बड़ा सवाल कि चुनाव प्रशिक्षण में पारदर्शिता कि बाते यहाँ पर हवा नही हो रही हैं. जांच अब जिला कलेकटर और जिला निर्वाचन अधिकारी किस तरह करवाएंगे और जांच कैसी होगी सभी बड़ी अच्छी तरह से जान सकते हैं। ख़ैर बीजेपी के द्वारा शिकायत दर्ज करवाने के बाद प्रशासन के खेमे में हड़बड़ी मची हुई हैं और जांच के दावे किये जा रहे हैं लेकिन असल में इस मामले की लीपापोती हो रही हैं और प्रशिक्षण बदस्तूर जारी हैं।
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