शुक्रवार, 1 नवंबर 2013

अहमदाबाद से गुम होती हैं सर्वाधिक किशोरियां



अहमदाबाद। राज्य में सबसे ज्यादा किशोरियां व बालिकाएं आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले अहमदाबाद शहर से गुम होती हैं। शहर से इस वर्ष अब तक 384 बालिकाएं व किशोरियां लापता हो चुकी हैं, जिसमें से 152 का अभी तक पता नहीं चल पाया है। गुमशुदगी के मामले में अहमदाबाद के बाद सूरत शहर की स्थिति ज्यादा खराब है।
अहमदाबाद से गुम होती हैं सर्वाधिक किशोरियां
राज्य में गुमशुदा लोगों की तलाशी की नोडल एजेंसी सीआईडी क्राइम एण्ड रेलवे के मिसिंग सेल की ओर से जारी की गई लापता लोगों की रिपोर्ट व अहमदाबाद शहर पुलिस आयुक्त कार्यालय से प्राप्त आंकड़ों से ये खुलासा हुआ है। आंकड़े दर्शाते हैं कि अहमदाबाद में स्थिति चिंताजनक स्तर पर पहुंच गई है। इसमें आई वृद्धि भी चौंकाने वाली है।

बालिकाओं-किशोरियों की गुमशुदगी 490 प्रतिशत बढ़ी

अहमदाबाद शहर पुलिस आयुक्त कार्यालय से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार गत वर्ष 2012 की तुलना में इस वर्ष 2013 में सितंबर की स्थिति तक गुमशुदा हुई। बालिकाओं और किशोरियों का आंकड़ा 490 प्रतिशत बढ़ गया है, जबकि बालक और किशोरों के मामले में ये इजाफा 275 प्रतिशत का है। 

जनवरी से लेकर सितम्बर तक शहर में 18 वर्ष तक की आयु की 384 बालिकाएं व किशोरियां गुम हुई थीं। इसमें से 232 का पता लगा लिया गया जबकि 152 अभी भी लापता हैं। जबकि गत वर्ष 2012 में 457 बालिकाएं व किशोरियां गुम हुई थीं, जिसमें से 426 का पता लगा लिया गया था, लेकिन 31 लापता थीं। ये दर्शाता है कि इस वर्ष लापता बालिकाओं व किशोरियों का आंकड़ा काफी हद तक बढ़ गया है। 

यदि 0-18 आयु वर्ग के गुम बालक व किशोरों की बात करें तो 2012 में 280 लापता हुए थे जिसमें से 264 मिल गए लेकिन 16 का ही पता नहीं चल सका था, जबकि इस वर्ष 30 सितंबर-2013 तक 164 बालक व किशोर लापता हुए हैं, जिसमें से 120 को तो खोज लिया गया है, लेकिन 44 अभी भी गुम हैं। ये आंकडे दर्शाते हैं कि गत वर्ष की तुलना में गुमशुदगी की स्थिति अहमदाबाद शहर में चिंताजनक स्तर पर पहुंच गई है।

अहमदाबाद अव्वल, सूरत दूसरे स्थान पर

सीआईडी क्राइम की 6 जुलाई 2013 की स्थिति रिपोर्ट पर नजर डालें तो इस दौरान राज्य में कुल 264 किशोरियां (15-18 वर्ष) गुम हुई थीं, जिसमें से 88 किशोरियां अकेले अहमदाबाद शहर से लापता हुई हैं। जबकि 42 गुमशुदा किशोरियों के साथ सूरत शहर दूसरे स्थान पर है। तीसरा पायदान 18 किशोरियों के साथ राजकोट ग्राम्य का है, जबकि राज्य की राजधानी गांधीनगर 16 लापता किशोरियों के साथ चौथे स्थान पर है। 

इस रिपोर्ट में लापता बालिकाओं के मामले में भी अहमदाबाद पहले पायदान पर है। राज्य में छह जुलाई 2013 तक इस वर्ष कुल 68 बालिकाएं गुम हुई हैं, जिसमें 22 के साथ अहमदाबाद पहले स्थान पर है जबकि सूरत से 17 और राजकोट ग्राम्य से पांच बालिकाएं लापता हैं। इसी दौरान 70 बालक लापता हुए, जिसमें 18 सूरत शहर से और 15 अहमदाबाद शहर से गुम हुए हैं।

ये कहते हैं अधिकारी

सीआईडी क्राइम (महिला सेल व क्राइम) के पुलिस महानिरीक्षक अनिल प्रथम बताते हैं कि 18 वर्ष से कम आयु के बालक-बालिकाओं, किशोर-किशोरियों की गुमशुदगी के मामले में पुलिस काफी गंभीर है। सतर्क भी हुई है। अब तो तत्काल प्राथमिकी भी दर्ज करके तलाशी शुरू की जाती है, उपाधीक्षक स्तर के अधिकारी मॉनीटरिंग करते हंै। अहमदाबाद व सूरत दोनों ही बड़े शहर हैं। इनकी जनसंख्या अधिक है। जहां तक बेतहाशा वृद्धि का सवाल है तो इसके कारणों का पता नहीं चला है, लेकिन गिरोहों की सक्रियता की बात अब तक ध्यान में नहीं आई है। हम देखेंगे कि क्या कारण हैं। 

गुमशुदगी के कारण

सीआईडी क्राइम के विश्लेषण में गुमशुदगी के कारणों में ज्यादातर प्रेम प्रकरण, नाराज होकर, रास्ता भूलने, फटकार से क्षुब्ध होकर घर से चले जाने, बिना बताए चले जाने के कारण सामने आए हैं।

कुल गुमशुदा हुए लोग
वर्ष 2010-901, 2011-1078 , 2012-16 20, 2013-2136 (6 जुलाई-13 तक)

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