पूजा के लिए श्रेष्ठ स्थिर लग्न
वृषभ लग्न - समय 18 बजकर 27 मिनट से 20 बजकर 25 मिनट तक
सिंह लग्न - समय रात्रि 24 बजकर 50 मिनट से 27 बजकर 3 मिनट तक
चौघड़िया के अनुसार महालक्ष्मी पूजन मुहूर्त
लाभ एवं अमृत - सुबह 9 बजकर 25 मिनट से 12 बजकर 17 मिनट तक
शुभ - दोपहर 13 बजकर 34 मिनट से 14 बजकर 58 मिनट तक
सांयकाल
शुभ और अमृत - 17 बजकर 45 मिनट से 20 बजकर 58 मिनट तक
शास्त्र प्रमाणित होरा
बुध-चन्द्र की होरा - सुबह 8 बजकर 38 मिनट से 10 बजकर 37 मिनट तक
गुरु की होरा - 11 बजकर 38 मिनट से 12 बजकर 37 मिनट तक
शुक्र-बुध-चन्द्र की होरा 14 बजकर 38 मिनट से 17 बजकर 37 मिनट तक
गुरु की होरा -18 बजकर 38 मिनट से 19 बजकर 37 मिनट तक
शुक्र-बुध-चन्द्र की होरा -21 बजकर 38 मिनट से 24 बजकर 38 मिनट तक
यह विशिष्ट मुहूर्त श्री सिद्ध विजय पंचांग उज्जैन के आधार पर दिए गए है इसमें स्थान के अलग अलग सूर्योदय के कारण कुछ मिनटों का अंतर आ सकता है। ऐसे में अपनी सुविधा और कुल परंपरा के अनुसार इन मुहूर्तों में मां महालक्ष्मी का पूजन किया जाना चाहिए।
पूजन में श्रद्धानुसार श्री गणेश, महाकाली, महालक्ष्मी, कुबेर, इंद्र, महासरस्वती के साथ बही, कलम, स्याही, तराजू, देहली का पूजन करना चाहिए। शुभ चिह्न स्वस्तिक, शुभ-लाभ अंकित करना चाहिए।
शास्त्र का कहना है इस दिन लक्ष्मीपूजन के दिन भोजन नहीं करना चाहिए व्रत करना चाहिए, लक्ष्मी पूजन के बाद भोजन करना चाहिए। हालांकि बीमार, बाल, वृद्ध को व्रत करने में छूट दी गई है।
प्रदोष समये लक्ष्मी पूजनानि कृत्वा भोजनं कार्यम्
अत्र दशे बाल वृद्धा दिभिर्न्न दिवा न भोक्तव्यं रात्रों भोक्तव्यम।
दीपावली मुहूर्त : दीपावली का पूजन शुभ मुहूर्त में ही करें। प्रस्तुत है मत-मतांतर से पूजन के अन्य शुभ संयोग पं. सुरेंद्र बिल्लौरे के अनुसार-
लग्न के आधार पर
- प्रात:07.28 से 09.45 वृश्चिक लग्न,
- 09.45 से 11.50 धनु-लग्न,
- दोपहर 01.37 से 03.10 कुंभ लग्न,
- शाम 04.41 से 06.21 मेष लग्न,
- 06.21 से 08.20 वृषभ-लग्न
एवं
सिंह-लग्न में पूजन करने वालों व सिद्धि करने वालों के लिए समय है रात्रि 12.50 से 03.02 तक।
चौघड़िया अनुसार-
- 09.00 से 10.30 लाभ,
- 10.30 से 12.00 अमृत
- 01.30 से 03.00 शुभ,
- शाम 06.00 से 07.30 शुभ
एवं
07.30 से 09.00 अमृत।
देररात्रि सिद्धि करने के लिए रात्रि 01.30 से 03.00 तक लाभ का मुहूर्त है।
अभिजित योग- 11.49 से12.16 दोपहर एवं शाम 05.28 से 05.37 गौ-धूलि बेला।
वृषभ लग्न - समय 18 बजकर 27 मिनट से 20 बजकर 25 मिनट तक
सिंह लग्न - समय रात्रि 24 बजकर 50 मिनट से 27 बजकर 3 मिनट तक
चौघड़िया के अनुसार महालक्ष्मी पूजन मुहूर्त
लाभ एवं अमृत - सुबह 9 बजकर 25 मिनट से 12 बजकर 17 मिनट तक
शुभ - दोपहर 13 बजकर 34 मिनट से 14 बजकर 58 मिनट तक
सांयकाल
शुभ और अमृत - 17 बजकर 45 मिनट से 20 बजकर 58 मिनट तक
बुध-चन्द्र की होरा - सुबह 8 बजकर 38 मिनट से 10 बजकर 37 मिनट तक
गुरु की होरा - 11 बजकर 38 मिनट से 12 बजकर 37 मिनट तक
शुक्र-बुध-चन्द्र की होरा 14 बजकर 38 मिनट से 17 बजकर 37 मिनट तक
गुरु की होरा -18 बजकर 38 मिनट से 19 बजकर 37 मिनट तक
शुक्र-बुध-चन्द्र की होरा -21 बजकर 38 मिनट से 24 बजकर 38 मिनट तक
यह विशिष्ट मुहूर्त श्री सिद्ध विजय पंचांग उज्जैन के आधार पर दिए गए है इसमें स्थान के अलग अलग सूर्योदय के कारण कुछ मिनटों का अंतर आ सकता है। ऐसे में अपनी सुविधा और कुल परंपरा के अनुसार इन मुहूर्तों में मां महालक्ष्मी का पूजन किया जाना चाहिए।
पूजन में श्रद्धानुसार श्री गणेश, महाकाली, महालक्ष्मी, कुबेर, इंद्र, महासरस्वती के साथ बही, कलम, स्याही, तराजू, देहली का पूजन करना चाहिए। शुभ चिह्न स्वस्तिक, शुभ-लाभ अंकित करना चाहिए।
शास्त्र का कहना है इस दिन लक्ष्मीपूजन के दिन भोजन नहीं करना चाहिए व्रत करना चाहिए, लक्ष्मी पूजन के बाद भोजन करना चाहिए। हालांकि बीमार, बाल, वृद्ध को व्रत करने में छूट दी गई है।
प्रदोष समये लक्ष्मी पूजनानि कृत्वा भोजनं कार्यम्
अत्र दशे बाल वृद्धा दिभिर्न्न दिवा न भोक्तव्यं रात्रों भोक्तव्यम।
लग्न के आधार पर
- प्रात:07.28 से 09.45 वृश्चिक लग्न,
- 09.45 से 11.50 धनु-लग्न,
- दोपहर 01.37 से 03.10 कुंभ लग्न,
- शाम 04.41 से 06.21 मेष लग्न,
- 06.21 से 08.20 वृषभ-लग्न
एवं
सिंह-लग्न में पूजन करने वालों व सिद्धि करने वालों के लिए समय है रात्रि 12.50 से 03.02 तक।
चौघड़िया अनुसार-
- 09.00 से 10.30 लाभ,
- 10.30 से 12.00 अमृत
- 01.30 से 03.00 शुभ,
- शाम 06.00 से 07.30 शुभ
एवं
07.30 से 09.00 अमृत।
देररात्रि सिद्धि करने के लिए रात्रि 01.30 से 03.00 तक लाभ का मुहूर्त है।
अभिजित योग- 11.49 से12.16 दोपहर एवं शाम 05.28 से 05.37 गौ-धूलि बेला।
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