गुरुवार, 14 नवंबर 2013

बाड़मेर प्रत्याशियों की जीत के लिए पाक में दुआ

बाड़मेर। सरहद के उस पार पाकिस्तान में भी विधानसभा चुनावों में थार के प्रत्याशियों के जीत की दुआएं की जा रही हैं। उम्मीदें बांधे हैं कि अपनों के जीत की खबर आए। पहली बार ऎसा अवसर हैकि जिले के तीन प्रत्याशियों की रिश्तेदारियां पाकिस्तान में है।
चौहटन के भाजपा प्रत्याशी तरूणराय कागा 1971 में पाकिस्तान का छाछरो क्षेत्र के भाडासिद्धा गांव से परिवार सहित आ गए और फिर यहीं के होकर रह गए। पाक विस्थापित कागा पहले व्यक्ति हंैजो बतौर प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं।

उनके अन्य रिश्तेदार जो पाकिस्तान में रह गए हैं वे यही दुआ कर रहे हैं कि उनकी जीत हो। शिव क्षेत्र के कांग्रेस प्रत्याशी अमीन खां का ससुराल पाकिस्तान के गोगासर गांव में है जो अमरकोटके निकट है। यहां अमीन की बेटी भी ब्याही हुई है। अमीन खां स्वयं सालभर पहले पाकिस्तान होकर आए हैं। सरहद पार से उनके लिए भी दुआओं का दौर जारी है।

इसी तरह शिव से ही भाजपा के प्रत्याशी मानवेन्द्रसिंह की रिश्तेदारियां भी पाकिस्तान में हैं। मानवेन्द्र के ससुराल पक्ष में राणा हमीरसिंह हैं, जो उनके बुआ ससुर हैं। साली की शादी पाकिस्तान में हुई है। इसके अलावा उनके भाई रिश्तेदारों की शादियां पाकिस्तान में हुई है। मानवेन्द्र कहते हंै कि रिश्तेदारी से जुड़े होने से बेसब्री से सारे लोग उनकी चुनावी स्थिति पर ध्यान रखे हुए हैं।

प्रार्थना
जसवंतसिंह बतौर देश के केबिनेट मंत्री रहते हुए जत्थे के साथ पाकिस्तान के बलूचिस्तान में हिंगलाज मंदिर दर्शन करने गए थे। उस समय मानवेन्द्र भी साथ थे। अल्पसंख्यकों में पीर पगारो का स्थान भी पाकिस्तान में है जिसकी दुआ यहां बैठे मुरीद अकसर करते है।

मत भी है
चौहटन, बाड़मेर शहर, रामसर, शिव क्षेत्र में पाक विस्थापितों के पचास हजार के करीब मत हैं। ऎसे में पाक विस्थापित और पाकिस्तान से रोटी बेटी का नाता रखने वाले परिवार भी इन तीनों प्रत्याशियों के चुनाव से गहरा ताल्लुक रख रहे हैं।

मांगें जुड़ी हैं
पाकिस्तान विस्थापितों की मांग भी चुनाव से जुड़ी है। थार एक्सप्रेस का बाड़मेर मेें ठहराव, पाकिस्तान से आने वाले रिश्तेदारों को बाड़मेर आने की अनुमति, वीजा में सरलीकरण, शरणार्थी का दर्जा सहित पाक विस्थापितों की मांगें भी हैं जिनको लेकर उन्हें राज्य स्तर पर भी पैरवी की दरकार है।

लोग बेसब्र हैं
थार की राजनीति की सिंध में हमेशा जानकारी रहती है। इस बार प्रत्याशियों का ताल्लुक होने से बेसब्री बढ़ी है। जानकारी लेते रहते हैकि किसकी क्या स्थिति है।
- तेजदान चारण, पाक विस्थापित

उम्मीदें बढ़ी लेकिन मांग पर गौर
सीधा विस्थापितों से ताल्लुक रखने वाले प्रत्याशी होने से खुशी हैलेकिन हमने इस बार तय किया कि पार्टीघोषणा-पत्र में पाक विस्थापितों की मांग को जो प्राथमिकता देगा उसी को समर्थन देंगे। नहीं तो "नोटा" (नन ऑफ द अबूव) का इस्तेमाल करेंगे।
- हिन्दूसिंह सोढ़ा, अध्यक्ष सीमांत लोक संगठन

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