इस साल के इकलौते पूर्ण सूर्यग्रहण के दौरान तीन नवंबर को सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा की त्रिमूर्ति की अद्भुत लुकाछिपी भारत में नहीं निहारी जा सकेगी। उज्जैन की प्रतिष्ठित जीवाजी वेधशाला के अधीक्षक डॉ राजेंद्रप्रकाश गुप्त ने बताया कि पूर्ण सूर्यग्रहण का बेहतरीन नजारा दक्षिणी यूरोप, अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका और दक्षिणी अमेरिका में देखा जा सकेगा।
गुप्ता ने बताया कि भारतीय मानक समय (आईएसटी) के मुताबिक पूर्ण सूर्यग्रहण की शुरुआत तीन नवंबर को दोपहर 04:35 बजे होगी और यह रात 07:57 बजे समाप्त हो जाएगा। इस तरह सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा की दिलचस्प भूमिका वाला खगोलीय घटनाक्रम करीब साढ़े तीन घंटे चलेगा।
कोई दो सदी पुरानी वेधशाला के अधीक्षक ने अपनी गणना के हवाले से बताया कि पूर्ण सूर्यग्रहण शाम 06:16 बजे अपने चरम स्तर पर पहुंचेगा। इस वक्त चंद्रमा, सूर्य को पूरी तरह ढक लेगा। इससे पृथ्वी पर पूर्ण सूर्यग्रहण से प्रभावित हिस्सों में अंधकार छा जाएगा। उन्होंने बताया कि तीन नवंबर को लगने वाला पूर्ण सूर्यग्रहण वर्ष का आखिरी ग्रहण होगा। पूर्ण सूर्यग्रहण तब होता है, जब सूर्य और पथ्वी के बीच चंद्रमा इस तरह आ जाता है कि पृथ्वी से देखने पर सूर्य पूरी तरह चंद्रमा की ओट में छिपा प्रतीत होता है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें