कौशांबी : पाकिस्तानी फौज को 1971 में राजस्थान के बाड़मेर में धूल चटाने वाला फौज का नायाब सूबेदार गांव में ही अराजकतत्वों से हलकान है। उन्होंने आवागमन बाधित कर उसे घर में ही कैद कर दिया है। विरोध करने पर जान से मारने की धमकी भी दी जा रही है। लगातार शिकायत के बावजूद भी इस मामले में कार्रवाई नहीं हो रही है।
चरवा के जलालपुर शाना निवासी अविनाश चंद्र त्रिपाठी फौज में नायब सुबेदार के पद पर तैनात थे। रिटायर होने के बाद नायाब सुबेदार गांव में परिजनों के साथ रह रहे हैं। गांव में उनकी भूमि पर उन्होंने मकान बनवाया है। गांव के अराजकतत्वों की निगाह इस भूमि के खाली पड़े हिस्से पर थी। बगल में खाली पड़ी भूमि पर दबंगों ने जबरन खाद का गड्ढा बनाकर रास्ता रोक दिया गया। फौजी ने विरोध किया तो बाकी बचे रास्ते को भी अवरुद्ध कर दिया। विरोध करने पर फौजी को धमकी दी। मामले की शिकायत फौजी ने कई बार अफसरों से की लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। इससे खफा फौजी ने तहसील दिवस में प्रकरण की शिकायत की। अफसरों ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच कराकर कार्रवाई कराने का आश्वासन दिया है।
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राष्ट्रपति से सम्मानित है फौजी
कौशांबी : सन 1971 में पाकिस्तानी फौज से राजस्थान के बाड़मेर में लोहा लेने वाले नायब सुबेदार अविनाश त्रिपाठी को राष्ट्रपति ने संग्राम मेडल से सम्मानित किया था। तहसील दिवस में रिटायर फौजी ने इसकी जानकारी अफसरों को दी तो उनके होश उड़ गए। इसके बाद उन्होंने मामले को गंभीरता से लेते हुए एसओ चरवा और राजस्व निरीक्षक को कार्रवाई का निर्देश दिया।
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फौजी की शिकायत को गंभीरता से लिया गया है। यदि फौजी की भूमि पर अवैध कब्जा किया गया है तो पैमाइश कराकर उसको खाली कराया जाएगा। अवैध कब्जा की पुष्टि होने पर संबंधितों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई जाएगी।
-ओपी श्रीवास्तव, एसडीएम, चायल
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