शुक्रवार, 4 अक्टूबर 2013

गुम चिडिया ढूंढो, एक लाख जीतो

गुम चिडिया ढूंढो, एक लाख जीतो
हल्द्वानी। वन विभाग ने हिमालयन क्वैल तलाश का अभियान शुरू कर दिया है। टीमों के साथ ही जंगलात ने दूसरे लोगों के लिए भी इनाम की पेशकश की है। इस चिडिया को तलाशने और साक्ष्य देने पर एक लाख का इनाम मिलेगा।

भारत में सालों से चेन्नई के पास मिलने वाली जार्डन क्रसर, मुंबई की फारेस्ट आउलेट और उत्तराखंड (नैनीताल) की हिमालयन क्वैल की तलाश में पक्षी विशेषज्ञ जंगलों और दूसरी जगहों की खाक छानते रहे हैं। इसमें चेन्नई के पास जार्डन क्रसर करीब 100 साल और फारेस्ट आउलेट 68 बाद दोबारा मिल गई पर 137 साल से हिमालयन क्वैल नहीं देखी गई है। आखिरी बार यह नैनीताल में शेर का डांडा के पास 1876 में देखी गई थी। अब जंगलात ने हिमालयन `ैल की तलाश वृहद स्तर पर शुरू की है। इसमें कुमाऊं विश्वविद्यालय, यूपी के करतनिया घाट के पक्षी विशेषज्ञ, जंगलात के अफसर, कर्मी और वालांटियर शामिल किए गए हैं।

भेजे गए 250 विशेषज्ञ
पहले चरण में 250 लोगों की सात टीमों को बनाकर महेश खान, शेर का डांडा, कुंजाखेड़, पंगूट, विनायक आदि जगहों पर भेजा गया है। नैनीताल वन प्रभाग के डीएफओ डा. पराग मधुकर धकाते कहते हैं कि हिमालयन क्वैल की तलाश 6000 से 7000 फीट की ऊंचाई वाले इलाके में शुरू की गई है। यह स्थान पक्षियों से भरपूर रहे हैं। मुख्य वन संरक्षक कुमाऊं परमजीत सिंह कहते हैं कि इसके अलावा हमने दूसरे लोगों से भी मदद मांगी जा रही है।

अपर सचिव वन ने देखा
जिस चिडिया की तलाश हो रही है, उसको अपर सचिव वन मनोज चंद्रन ने देखा था। मुख्य वन संरक्षक कुमाऊं परमजीत सिंह कहते हैं कि जब चंद्रन पिथौरागढ़ के वर्किग प्लान अफसर थे, तब उन्होंने पिथौरागढ़ क्षेत्र में चिडिया देखने की बात कही थी, लेकिन उसका कोई साक्ष्य, फोटो, फिल्म आदि एकत्र नहीं कर पाए थे। ऎसे में अब भी चिडिया को लुप्त ही माना जा रहा है।

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