हैदराबाद: तेलंगाना के गठन के खिलाफ विरोध-प्रदर्शनों के बीच वाईएसआर कांग्रेस प्रमुख जगनमोहन रेड्डी अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे हैं।
जगनमोहन ने आज नाम लिए बगैर सोनिया गांधी पर साधा निशाना। उन्होंने कहा कि अपने बेटे को प्रधानमंत्री बनवाने के लिए राज्य के टुकड़े कर दिए।
दरअसल, जगन की दलील है कि अगर सिर्फ राहुल गांधी के दखल से राष्ट्रपति के पास हस्ताक्षर के लिए पहुंचा अध्यादेश वापस हो सकता है तो लोगों के इतने विरोध के बावजूद अलग राज्य का फैसला क्यों नही टल सकता। इशारों −इशारों में जगन ने सोनिया पर भी हमला बोला। ऐसा चुनाव के छह महीने पहले क्यों किया जा रहा है। कोई अपने बेटे को इस देश का पीएम बनाना चाहता है तो इसलिए राज्य का बंटवारा कर दिया जाए। अगर राहुल मुझे सुन रहे हैं तो जवाब दें। अगर आपके पास ताकत है अध्यादेश वापस लेने की तो जो 60 फीसदी जनता सड़क पर उतर आई है उसके बारे में भी कुछ कीजिए।
उधर, वाईएसआर कांग्रेस के कार्यकर्ता जगह−जगह प्रदर्शन कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि वाईएसआर कांग्रेस पार्टी का एक दल राष्ट्रपति से मिलने दिल्ली जाएगा।
वहीं आंध्र प्रदेश को बांटने के विरोध में टीडीपी यानी तेलगू देशम पार्टी के प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू दिल्ली में सोमवार से आमरण अनशन करेंगे।
आंध्र प्रदेश को विभाजित करने के केन्द्र के फैसले के विरोध में तटीय आंध्र और रायलसीमा क्षेत्रों में आज बंद के दूसरे दिन आम जनजीवन प्रभावित रहा।
आंध्र प्रदेश गैर-राजपत्रित अधिकारियों और एकीकृत आंध्र के अन्य समर्थकों ने 48 घंटों के बंद का आह्वान किया है जबकि जगन मोहन रेड्डी नीत वाईएसआर कांग्रेस ने गैर तेलंगाना क्षेत्रों में 72 घंटे का बंद आहूत किया है। दोनों बंद शुक्रवार सुबह शुरू हुए थे।
तटीय आंध्र और रायलसीमा क्षेत्रों में शिक्षण एवं कारोबारी प्रतिष्ठान बंद रहे और इन क्षेत्रों में आम जनजीवन पूरी तरह से प्रभावित रहा।
तटीय आंध्र के आईजी द्वारका तिरूमला राव ने कहा कि उन्होंने कुछ कांग्रेसी नेताओं के आवासों और संपत्तियों पर हुए हमले को ध्यान में रखते हुए अतिरिक्त बलों को तैनात किया।
उन्होंने कहा कि कुछ क्षेत्रों में अतिरिक्त बलों को तैनात किया गया है और स्थिति नियंत्रण में है। जब तक आंदोलन शांतिपूर्ण रहेगा, हमें कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन अगर यह हिंसक होता है तो हम कार्रवाई करेंगे।
बंद के पहले दिन सार्वजनिक एवं निजी संपत्तियों पर हमले सहित अन्य हिंसा की छिटपुट घटनाएं हुईं। कई जिलों में प्रदर्शनकारियों ने कांग्रेस के कार्यालयों पर हमले किए।
पीसीसी प्रमुख बोत्सा सत्यनारायण के व्यावसायिक एवं शिक्षण संस्थानों को निशाना बनाया गया और पुलिस ने इन इलाकों तथा अन्य संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा बढ़ाई है। एकीकृत आंध्र समर्थक कर्मचारी अगस्त से पहले ही हड़ताल पर चल रहे हैं।
इस बीच, वाईएसआर कांग्रेस प्रमुख जगनमोहन केन्द्र के इस कदम के खिलाफ आज से आमरण अनशन शुरू कर सकते हैं। तेदेपा प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू ने सोमवार से नई दिल्ली में अनिश्चितकालीन अनशन की घोषणा की।
जगनमोहन ने आज नाम लिए बगैर सोनिया गांधी पर साधा निशाना। उन्होंने कहा कि अपने बेटे को प्रधानमंत्री बनवाने के लिए राज्य के टुकड़े कर दिए।
दरअसल, जगन की दलील है कि अगर सिर्फ राहुल गांधी के दखल से राष्ट्रपति के पास हस्ताक्षर के लिए पहुंचा अध्यादेश वापस हो सकता है तो लोगों के इतने विरोध के बावजूद अलग राज्य का फैसला क्यों नही टल सकता। इशारों −इशारों में जगन ने सोनिया पर भी हमला बोला। ऐसा चुनाव के छह महीने पहले क्यों किया जा रहा है। कोई अपने बेटे को इस देश का पीएम बनाना चाहता है तो इसलिए राज्य का बंटवारा कर दिया जाए। अगर राहुल मुझे सुन रहे हैं तो जवाब दें। अगर आपके पास ताकत है अध्यादेश वापस लेने की तो जो 60 फीसदी जनता सड़क पर उतर आई है उसके बारे में भी कुछ कीजिए।
उधर, वाईएसआर कांग्रेस के कार्यकर्ता जगह−जगह प्रदर्शन कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि वाईएसआर कांग्रेस पार्टी का एक दल राष्ट्रपति से मिलने दिल्ली जाएगा।
वहीं आंध्र प्रदेश को बांटने के विरोध में टीडीपी यानी तेलगू देशम पार्टी के प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू दिल्ली में सोमवार से आमरण अनशन करेंगे।
आंध्र प्रदेश को विभाजित करने के केन्द्र के फैसले के विरोध में तटीय आंध्र और रायलसीमा क्षेत्रों में आज बंद के दूसरे दिन आम जनजीवन प्रभावित रहा।
आंध्र प्रदेश गैर-राजपत्रित अधिकारियों और एकीकृत आंध्र के अन्य समर्थकों ने 48 घंटों के बंद का आह्वान किया है जबकि जगन मोहन रेड्डी नीत वाईएसआर कांग्रेस ने गैर तेलंगाना क्षेत्रों में 72 घंटे का बंद आहूत किया है। दोनों बंद शुक्रवार सुबह शुरू हुए थे।
तटीय आंध्र और रायलसीमा क्षेत्रों में शिक्षण एवं कारोबारी प्रतिष्ठान बंद रहे और इन क्षेत्रों में आम जनजीवन पूरी तरह से प्रभावित रहा।
तटीय आंध्र के आईजी द्वारका तिरूमला राव ने कहा कि उन्होंने कुछ कांग्रेसी नेताओं के आवासों और संपत्तियों पर हुए हमले को ध्यान में रखते हुए अतिरिक्त बलों को तैनात किया।
उन्होंने कहा कि कुछ क्षेत्रों में अतिरिक्त बलों को तैनात किया गया है और स्थिति नियंत्रण में है। जब तक आंदोलन शांतिपूर्ण रहेगा, हमें कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन अगर यह हिंसक होता है तो हम कार्रवाई करेंगे।
बंद के पहले दिन सार्वजनिक एवं निजी संपत्तियों पर हमले सहित अन्य हिंसा की छिटपुट घटनाएं हुईं। कई जिलों में प्रदर्शनकारियों ने कांग्रेस के कार्यालयों पर हमले किए।
पीसीसी प्रमुख बोत्सा सत्यनारायण के व्यावसायिक एवं शिक्षण संस्थानों को निशाना बनाया गया और पुलिस ने इन इलाकों तथा अन्य संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा बढ़ाई है। एकीकृत आंध्र समर्थक कर्मचारी अगस्त से पहले ही हड़ताल पर चल रहे हैं।
इस बीच, वाईएसआर कांग्रेस प्रमुख जगनमोहन केन्द्र के इस कदम के खिलाफ आज से आमरण अनशन शुरू कर सकते हैं। तेदेपा प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू ने सोमवार से नई दिल्ली में अनिश्चितकालीन अनशन की घोषणा की।
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