शनिवार, 12 अक्तूबर 2013

पेलिन: कुछ ही घंटों में पहुंचेगा सबसे भयंकर तूफान, दहशत में लोग



हैदराबाद।। बंगाल की खाड़ी में उठा भयंकर चक्रवाती तूफान पेलिन और करीब आ गया है। इसके आज शाम छह से आठ बजे के बीच गोपालपुर के पास पहुंचने की संभावना बताई जा रही है। लेकिन इससे नुकसान की खबरें अभी से आने लगी हैं। गोपालपुर में तेज हवाओं के चलते पेड़ गिरने से तीन लोगों के मारे जाने की खबर है। इस बीच तूफान से बचाव की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रही है। जहां केंद्रीय कैबिनेट सचिव अजित सेठ ने तमाम केंद्रीय एजेंसियों की तैयारियों का जायजा लिया, वहीं पुरी में होटलों की पहली मंजिलों को खाली करा लिया गया है।
cyclone
पेड़ गिरने से तीन मरे (@4.00 PM)
पेलिन के आगे बढ़ने के साथ ही ओडिशा और तटीय आंध्र प्रदेश में तेज आंधी के साथ भारी बारिश हुई है, जिसके कारण इन इलाकों में आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। दोनों राज्यों से अधिकारियों ने तीन लाख से अधिक लोगों को असुरक्षित इलाकों से बाहर निकाल लिया है। लेकिन पेलिन के पहुंचने से पहले ही तबाही की खबरें आनी शुरू हो गई हैं। तेज हवाओं के चलते ओडिशा के गोपालपुर में एक पड़े गिर जाने से तीन लोगों के मारे जाने की खबर है।
पेलिन के प्रभाव से अगले 48 घंटों के भीतर तटीय ओडिशा, तटीय आंध्र और पश्चिम बंगाल में कुछ स्थानों पर भारी वर्षा हो सकती है। ऐसा बताया जा रहा है कि यह ओडिशा में आने वाला पिछले 14 सालों का सबसे तेज चक्रवाती तूफान होगा। जिन इलाकों में पेलिन के पहुंचने की संभावना है वहां थलसेना, नौसेना और राष्ट्रीय आपदा कार्रवाई बल के सैकड़ों जवानों को तैनात किया गया है।
@ 2.30 PM

ओडिशा और तटीय आंध्र के लिए चेतावनी जारी करते हुए भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने कहा कि पेलिन गोपालपुर से 150 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में स्थित है। विभाग ने कहा कि यह तूफान उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ रहा है और इसके कलिंगपट्टनम व पारादीप के बीच आंध्र प्रदेश और ओडिशा तट को शाम तक पार करने की आशंका है। मौसम विज्ञान विभाग ने कहा कि 210-220 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने के साथ 3.5 मीटर उंची लहरें उठने की आशंका है और समुद्र का पानी जमीन पर 300 से 600 मीटर तक जा कर सकता है।

राष्ट्रीय आपदा कार्रवाई दल ने भी तूफान से निपटने के लिए युद्ध स्तर पर तैयारियां की हैं। बड़ी संख्या में राहत कैंप बनाए गए हैं और हेल्पलाइन शुरू की गई हैं। रक्षा मंत्री एके एंटनी ने तीनों सेनाओं को तैयार रहने को कहा है। राष्ट्रीय आपदा बचाव बल ने दावा किया है कि तीनों राज्यों में पर्याप्त संख्या में टीमें तैनात की गई हैं। ओडिशा में 28, आंध्र प्रदेश में 15 और पश्चिम बंगाल में चार टीमें तैनात की गई हैं।

आईएमडी ने बताया कि गोपालपुर तट के पास तूफान का केंद्र होने की संभावना है। आईएमडी का मानना है कि शनिवार की शाम के बाद तूफान की रफ्तार थमने लगेगी। कहा जा रहा है कि पेलिन अमेरिका में 2005 में आए तूफान कटरीना से भी ज्यादा तबाही मचा सकता है, जिसने 1,800 लोगों की जान ली थी। इस वजह से लोगों में इस तूफान को लेकर दहशत फैल गई है। उड़ीसा में 1999 में आए सुपर साइक्लोन से 10 हजार लोग मारे गए थे।

पेलिन के ओडिशा में पहुंचने से पहले राज्य के तटीय इलाकों में आज तेज बारिश हुई और अधिकारियों ने संभावित खतरे के मद्देनजर 2.5 लाख लोगों को राज्य में सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया है। यह अभियान फिलहाल जारी है। विशेष राहत आयुक्त पी. के. महापात्र ने बताया कि गंजाम, पुरी, खुर्दा, जगतसिंहपुर और केंद्रपाड़ा जिलों में लहरें उठने की संभावना है। बालेश्वर और भद्रक के प्रशासन को सतर्क कर दिया गया है।

गंजाम के कलेक्टर कृष्ण कुमार ने कहा, 'हमने एक लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया है। उन्हें सभी आवश्यक सामान मुहैया कराया जा रहा है। प्रशासन को कुछ लोगों को जबरन निकालना पड़ा क्योंकि वे अपना घर छोड़कर जाने के लिए तैयार नहीं थे।' कुमार ने बताया कि जिला प्रशासन का लक्ष्य गोपालपुर इलाके के तट से 10 किलोमीटर के भीतर और गंजाम के अन्य इलाकों से सभी लोगों को बाहर निकालना है। इस तूफान में गंजाम के ही सबसे ज्यादा प्रभावित होने की आशंका है।

महापात्र ने बताया कि जगतसिंहपुर जिले से 55,000, पुरी से 45,000 और भद्रक से 13,000 लोगों को निकाला गया है। पेलिन के प्रभाव के कारण पूरे तटीय इलाके में भारी बारिश हो रही है और इसके साथ ही 70 से 100 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक रफ्तार का तूफान आ रहा है। भुवनेश्वर में शनिवार सुबह बारिश और तूफान के कारण बिजली और पेड़ टूटकर गिर गए। राज्य में अधिकांश निचले इलाकों में भारी वर्षा के कारण जलभराव की समस्या उत्पन्न हो गई है। गंजाम और जगदीशपुर जिलों में कई स्थानों पर सड़क संपर्क बाधित हो रहा है।

एहतियात के तौर पर आंध्र प्रदेश में श्रीकाकुलम, विजयनगरम, विशाखापत्तनम जिलों से भी करीब 64 हजार लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया है।

राजधानी तक असर
दिल्ली-एनसीआर के मौसम में अचानक आई तब्दीली की वजह बंगाल की खाड़ी से उठा तूफान पेलिन ही है। बंगाल की खाड़ी से तेज रफ्तार में चल रही हवा नमी भी साथ ला रही है। शुक्रवार की सुबह दिल्ली समेत उत्तर भारत के कई हिस्सों में बारिश इसी नमी के कारण हुई है। अनुमान है कि अगले 15 दिनों तक दिल्ली-एनसीआर में हल्की-फुल्की बारिश होती रहेगी। मॉनसून का सीजन खत्म होने की तारीख 21 सितंबर थी, लेकिन अब 15 अक्टूबर के बाद ही यह तय हो पाएगा कि यह सीजन कब तक चलेगा।

क्या है पेलिन?
पेलिन का मतलब सफायर (नीलम) होता है। पेलिन थाइलैंड का शब्द है। बीते 4 अक्टूबर को जापान के मौसम विज्ञान विभाग ने इसे थाइलैंड की खाड़ी में मॉनिटर करना शुरू किया। इसके बाद वेस्टर्न पैसिफिक बेसिन होता हुआ अंडमान सागर पहुंचा। फिर अंडमान द्वीप के मायाबंदर होते हुए पेलिन बंगाल की खाड़ी की ओर बढ़ गया। यहां इसे मॉनिटर करने के बाद भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने इसे पेलिन नाम दिया।

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