झरने में नहाते समय तीन नर्सिंग स्टूडेंट्स की डूबने से मौत
गांंधी जयंती की नर्सिंग कॉलेज में छुट्टी होने से झरने में गए थे नहाने, आबूरोड, मगरीवाडा व मंडार निवासी तीनों स्टूडेंट्स के बीच थी गहरी दोस्ती
आबूरोड शहर के ऋषिकेश मंदिर के पास बहने वाले झरने में नहाने गए तीन नर्सिंग स्टूडेंट्स की डूबने से मौत हो गई। आबूरोड, मगरीवाड़ा व मंडार निवासी ये तीनों स्टूडेंट्स गहरे दोस्त थे और बुधवार को गांधी जयंती पर नर्सिंग कॉलेज में अवकाश होने से झरने पर नहाने गए थे। तीनों छात्रों में से किसी को भी तैरना नहीं आता था। झरने की गहराई में चले जाने से वापस नहीं लौट पाए। सदर कोतवाल वीरेंद्रसिंह ने बताया कि विनोद पुत्र छगनलाल गर्ग निवासी हाउसिंग बोर्ड आबूरोड, कमलेश पुत्र वासुदेव गर्ग निवासी मगरीवाडा एवं विक्रम पुत्र मांगीलाल मेघवाल निवासी मंडार तीनों युवक यहां एक नर्सिंग कॉलेज में पढ़ाई कर रहे थे। तीनों ही दोस्त कॉलेज की छुट्टी होने के कारण बिना बताए घर से निकले एवं ऋषिकेश मंदिर के पास बह रहे झरने में नहाने चले गए। तैरना नहीं आने के कारण डूबने से तीनों की मौत हो गई।
तीनों शव पानी से निकाल कर उनके कपड़ों की तलाशी लेने पर एक युवक के पर्स से पहचान के कुछ दस्तावेज मिले, जिसके आधार पर पुलिस ने उनके परिजनों को सूचना दी। परिजनों के मौके पर पहुंचने के बाद तीनों शव मोर्चरी में रखवाए।
छात्रों की मौत से मंडार व मगरीवाडा गांवों में शोक
मंडार. कस्बे के मेघवाल वास निवासी मगनलाल मेघवाल का पुत्र विक्रम आबूरोड में नर्सिंग की पढ़ाई करने गया था, लेकिन बुधवार को झरने में डूबने से मौत का समाचार मिलते ही उसके परिवार में मातम छा गया। उसके पिता ने दिनरात कड़ी मेहनत करके मगनलाल को नर्सिंग की पढ़ाई के लिए आबूरोड भेजा था। उसकी मौत की खबर सुनकर सदमे से पिता बेसुध हो गया। इधर, पूरे गांव में भी शोक व्याप्त हो गया और मगनलाल के घर पर लोगों की भीड़ लग गई। हर कोई उसके परिवार को सांत्वना देता नजर आया। मगनलाल की पत्नी बुधवार को ग्राम पंचायत द्वारा करवाए जा रहे सड़क निर्माण के कार्य में मजदूरी पर थी, लेकिन जैसे ही इस घटना की सूचना मिली तो वह भी बेसुध हो गई। उसे लोगों ने बेहोशी की हालत में घर पहुंचाया। इसी हादसे में मौत का शिकार हुए मगरीवाडा निवासी कमलेश गर्ग के पिता वासुदेव गर्ग दानुपरा राजकीय उच्च प्राथमिक स्कूल में अध्यापक है। अपने पुत्र को बेहतरीन पढ़ाई के लिए उन्होंने उसे आबूरोड भेजा था। इस घटना की सूचना के बाद कमलेश के परिजनों का भी रो-रोकर बुरा हाल था।
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