तिरचिरापल्ली (तमिलनाडु) : पुरातत्वविदों को यहां एक गांव के निकट एक अधूरा गुफा मंदिर मिला है जो संभवत: आठवीं सदी का है। भारतीय पुरातत्वविद सर्वेक्षण के निदेशक (स्मारक) डी दयालन को शिला मंदिरों के जारी अध्ययन के दौरान यहां से 28 किलोमीटर दूर लालगुडी के पल्लापुरम में अधूरा गुफा मंदिर मिला है।
दयालन ने कहा कि इस मंदिर के निर्माण की योजना सातवीं या आठवीं सदी में बनाई गई होगी जब यहां रॉक फोर्ट, तिरनेल्लाराई (श्री पुंडरिकक्षा पेरमल मंदिर) और तिरप्पंजिली (शिव मंदिर) में भी ऐसी ही मंदिर बनाए गए थे।
उन्होंने कहा कि इस गुफा के निर्माण की कोशिश के समय के बारे में कोई निश्चित संकेत नहीं मिला है, लेकिन ऐसी संभावना है कि यह काम उसी समय जब किया गया होगा जब तिरचिरापल्ली समेत निकटवर्ती इलाकों में गुफा मंदिर बनाए गए थे। दयालन ने कहा कि वह शिला मंदिरों का अध्ययन कर रहे थे तभी उन्हें अधूरा गुफा मंदिर मिला।
दिलचस्प बात है कि इस स्थल के निकट मंदिर को भूमि दान करने संबंधी 11वीं सदी के चोला काल का एक शिलालेख मिला है।
दयालन ने कहा कि इस मंदिर के निर्माण की योजना सातवीं या आठवीं सदी में बनाई गई होगी जब यहां रॉक फोर्ट, तिरनेल्लाराई (श्री पुंडरिकक्षा पेरमल मंदिर) और तिरप्पंजिली (शिव मंदिर) में भी ऐसी ही मंदिर बनाए गए थे।
उन्होंने कहा कि इस गुफा के निर्माण की कोशिश के समय के बारे में कोई निश्चित संकेत नहीं मिला है, लेकिन ऐसी संभावना है कि यह काम उसी समय जब किया गया होगा जब तिरचिरापल्ली समेत निकटवर्ती इलाकों में गुफा मंदिर बनाए गए थे। दयालन ने कहा कि वह शिला मंदिरों का अध्ययन कर रहे थे तभी उन्हें अधूरा गुफा मंदिर मिला।
दिलचस्प बात है कि इस स्थल के निकट मंदिर को भूमि दान करने संबंधी 11वीं सदी के चोला काल का एक शिलालेख मिला है।
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