शनिवार, 26 अक्टूबर 2013

ढूंढ रहे यूपी में,खजाना मिला हरियाणा में

हिसार। उत्तर प्रदेश स्थित उन्नाव के डौंडियाखेड़ा में खजाना मिले या न मिले, हरियाणा में तो निकल ही आया। हरियाणा पुलिस द्वारा इसी साल 14 अगस्त को नारनौंद पुलिस थाना के अंतर्गत आने वाले गांव सौथा माढ़ा के एक मजदूर से बरामद किए गए सोने और चांदी के दुर्लभ सिक्के मुगल काल की मुद्राएं हैं।
यह जानकारी पुरातत्व विभाग के अधिकारियों द्वारा इन सिक्कों की पड़ताल के बाद हासिल हुई हैं। सिक्कों को अब ऎतिहासिक धरोहर के रूप में पुलिस ने पुरातत्व विभाग को सौंप दिया है। ये ऎतिहासिक मुद्राएं एक मजदूर को पंजाब में खेतों की रखवाली के दौरान मिली थीं। इस मजदूर के खिलाफ इन मुद्राओं की चोरी का मामला दर्ज है।

पहली बार मुगलकालीन

पुरातत्व विभाग के क्षेत्रीय संग्रहालय के प्रभारी एसपी चालिया के आदेश पर नारनौंद के तहसीलदार राजबीर सिंह की मौजूदगी में सोने और चांदी की ये बेशकीमती दुर्लभ मुद्राएं गुरूवार को पुरातत्व विभाग के अधिकारियों के सुपुर्द कर दी गईं। इस मौके पर सीआईए के एएसआई भूप सिंह और अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
पुरातत्व विभाग के अधिकारियों का मानना है कि पहली बार मुगलकालीन सोना-चांदी की मुद्राएं मिली हैं।तीन मीटर और होगी खुदाई उन्नाव द्यउन्नाव में किले की खुदाई जारी है और पांच मीटर तक पहुंचने के बाद यह रहस्य खुल जाएगा कि जमीन के नीचे क्या छिपा है। क्या वाकई सोना है या कुछ और है?

पहले सील,अब कोर्ट में होगा पेश

मुद्राएं मिलने के मामले में पुलिस अभी अदालत में चालान पेश करने वाली है। कोर्ट में प्रस्तुत करने से पहले सील लगा दी गई है। अदालत के आदेशों के बाद ही आम लोगों के लिए पुरातत्व विभाग इन्हें प्रदर्शित करेगा।


हर साल 15-20 पत्र

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अपर महानिदेशक डॉ. बीआर मणि का कहना है कि उन्नाव के डौंडिया खेड़ा में पांच मीटर की खुदाई के बाद तय हो जाएगा की सोना जमीन में है की नहीं। यह तय है कि एक हजार टन सोना तो नहीं है। पहली बार है जब सपने को आधार बना कर जांच शुरू की गई। हर साल विभाग को ऎसे 15 से 20 पत्र हर साल आते हैं।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें