श्रीनगर। जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि भाजपा के पीएम पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी की उपेक्षा करना खतरनाक साबित होगा।
उन्होंने कहा कि यूपीए लोगों को विकल्प देने में नाकाम रही है। एक समाचार पत्र से बातचीत में उमर ने कहा कि मोदी फैक्टर की उपेक्षा करना हमारे लिए(यूपीए के घटक दलों) मूर्खतापूर्ण होगा। असल में यह खतरनाक गलती होगी। उन्होंने कहा कि अगर आप मुझसे छह महीने पहले पूछते तो मैं यही कहता कि मोदी फैक्टर का कोई असर नहीं है लेकिन अब मेरी ओर से ऎसा कहना मूर्खतापूर्ण होगा।
मोदी ने कैडर में जोश भर दिया है। जम्मू में भी लोगों को उम्मीद है कि मोदी के नेतृत्व में भाजपा सत्ता में आ सकती है। जोश से भरा कैडर चुनाव में मेक या ब्रेक फैक्टर साबित हो सकता है। भाजपा ने 13 सितंबर को मोदी को पार्टी का पीएम पद का उम्मीदवार घोषित किया था। उमर ने स्वीकार किया कि यूपीए के घटक,इसमें नेशनल कांफ्रेंस भी शामिल है, लोगों को अल्टरनेटिव डिस्कोर्स देने में नाकाम रही है। यह मेरी गलती है।
उमर ने पूर्व सेनाध्यक्ष वीके सिंह के उस सनसनीखेज खुलासे पर भी पहली बार प्रतिक्रिया दी कि सेना जम्मू कश्मीर के मंत्रियों को पैसा देती है। उन्होंने कहा कि हमें सेना के पेड एजेंट के रूप में पेश किया जा रहा है। आतंकवाद 1990 की पैदाइश है,इसलिए सवाल खड़ा होता है कि आर्मी इससे पहले किन्हें पैसे दे रही थी और किसलिए दे रही थी।
उन्होंने कहा कि यूपीए लोगों को विकल्प देने में नाकाम रही है। एक समाचार पत्र से बातचीत में उमर ने कहा कि मोदी फैक्टर की उपेक्षा करना हमारे लिए(यूपीए के घटक दलों) मूर्खतापूर्ण होगा। असल में यह खतरनाक गलती होगी। उन्होंने कहा कि अगर आप मुझसे छह महीने पहले पूछते तो मैं यही कहता कि मोदी फैक्टर का कोई असर नहीं है लेकिन अब मेरी ओर से ऎसा कहना मूर्खतापूर्ण होगा।
मोदी ने कैडर में जोश भर दिया है। जम्मू में भी लोगों को उम्मीद है कि मोदी के नेतृत्व में भाजपा सत्ता में आ सकती है। जोश से भरा कैडर चुनाव में मेक या ब्रेक फैक्टर साबित हो सकता है। भाजपा ने 13 सितंबर को मोदी को पार्टी का पीएम पद का उम्मीदवार घोषित किया था। उमर ने स्वीकार किया कि यूपीए के घटक,इसमें नेशनल कांफ्रेंस भी शामिल है, लोगों को अल्टरनेटिव डिस्कोर्स देने में नाकाम रही है। यह मेरी गलती है।
उमर ने पूर्व सेनाध्यक्ष वीके सिंह के उस सनसनीखेज खुलासे पर भी पहली बार प्रतिक्रिया दी कि सेना जम्मू कश्मीर के मंत्रियों को पैसा देती है। उन्होंने कहा कि हमें सेना के पेड एजेंट के रूप में पेश किया जा रहा है। आतंकवाद 1990 की पैदाइश है,इसलिए सवाल खड़ा होता है कि आर्मी इससे पहले किन्हें पैसे दे रही थी और किसलिए दे रही थी।
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