पटना में 27 अक्टूबर को नरेंद्र मोदी की रैली और उसी दिन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के बिहार दौरे को लेकर पैदा हुए विवाद पर विराम लग गया है.
बीजेपी की मांग मानते हुए राष्ट्रपति ने अपना कार्यक्रम बदल दिया है, अब वो सिर्फ 26 अक्टूबर को पटना में होंगे और उसी दिन वापस लौट आएंगे. पहले राष्ट्रपति का बिहार दौरा 26 और 27 अक्टूबर के लिए तय था. राष्ट्रपति ने 27 अक्टूबर को आरा जाने का कार्यक्रम रद्द कर दिया है.
दरअसल, गुरुवार को बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन और राजीव प्रताप रुडी ने राष्ट्रपति से मुलाकात की और अपील की कि मोदी की रैली के मद्देनजर वे अपना कार्यक्रम बदल दें जिसे राष्ट्रपति ने मान लिया.
मुलाकात के बाद बीजेपी नेताओं ने बताया कि हम अपनी रैली की वजह से राष्ट्रपति को होने वाली दिक्कतों को लेकर चिंतित हैं, जिसके बाद प्रणब मुखर्जी ने हमारी मांग मान ली.
मोदी की रैली के लिए रास्ता साफ होने के बाद शाहनवाज हुसैन ने कहा, 'यह अच्छी बात है कि एक दिन राष्ट्रपति जा रहे हैं बिहार के दौरे पर तो उसके ठीक अगले ही दिन देश के पीएम इन वेटिंग.'
कार्यक्रम में बदलाव पर जेडीयू की प्रतिक्रिया भी आ गई है. पार्टी नेता वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि किसी राजनीतिक रैली के लिए राष्ट्रपति के आधिकारिक दौरे में बदलाव गलत मिसाल पेश करेगा.
क्या था विवाद?
दरअसल, बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने आरोप लगाया था कि नीतीश कुमार मोदी की हुंकार रैली को रोकने के लिए हर तरह के हथकंडे अपना रहे हैं. सुशील मोदी ने ट्वीट किया, 'पहले तो नीतीश कुमार ने मोदी की हुंकार रैली के लिए आधे गांधी मैदान की ही इजाजत दी और फिर जिस दिन मोदी की रैली है उसी दिन राष्ट्रपति को बिहार आने का न्योता दिया है. मोदी ने लिखा है कि 26 और 27 अक्टूबर को राष्ट्रपति पटना में होंगे.' इन आरोपों पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीजेपी पर पलटवार किया और कहा कि बीजेपी पब्लिसिटी के लिए सनसनी फैला रही है. राष्ट्रपति के बिहार दौरे से राज्य सरकार का कोई लेना-देना नहीं है.
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