नवरात्र के पहले दिन मंदिर में छोड़ गए "देवी"
हरनावदाशाहजी (बारां)। शक्ति आराधना पर्व नवरात्र के पहले दिन ही एक मां ने अपनी नवजात बेटी को सड़क किनारे झाडियों में छोड़ दिया।
हरनावदाशाहजी-अकलेरा मार्ग स्थित भीलखेड़ा हनुमान मंदिर के निकट दोपहर करीब 2 बजे झाडियों से बच्चे के रोने की आवाज सुन कुछ लोग वहां पहुंचे। उन्हें प्लास्टिक कट्टे में नवजात बालिका नजर आई।
उन्होंने नवजात को संभाल तत्काल पुलिस को सूचना दी। बाद में नवजात को उपचार के लिए झालावाड़ भिजवाया गया। पुलिस ने अज्ञात महिला के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी। मौके पर कपड़ा भी मिला है, जिसके आधार पर पुलिस को सुराग लगने की उम्मीद है।
दस-बारह घंटे पूर्व जन्म
मौके पर पहुंचे चिकित्सा प्रभारी डॉ. मनोहर ने बताया कि नवजात का जन्म संभवतया 10-12 घंटे पूर्व हुआ है। मौसम सर्द होने से बालिका का शरीर ठंडा था। ऎसे में उसे तुरंत अकलेरा ले गए। जहां उसे वार्मर पर रखने एवं प्राथमिक उपचार के बाद झालावाड़ रैफर कर दिया गया।
हरनावदाशाहजी (बारां)। शक्ति आराधना पर्व नवरात्र के पहले दिन ही एक मां ने अपनी नवजात बेटी को सड़क किनारे झाडियों में छोड़ दिया।
हरनावदाशाहजी-अकलेरा मार्ग स्थित भीलखेड़ा हनुमान मंदिर के निकट दोपहर करीब 2 बजे झाडियों से बच्चे के रोने की आवाज सुन कुछ लोग वहां पहुंचे। उन्हें प्लास्टिक कट्टे में नवजात बालिका नजर आई।
उन्होंने नवजात को संभाल तत्काल पुलिस को सूचना दी। बाद में नवजात को उपचार के लिए झालावाड़ भिजवाया गया। पुलिस ने अज्ञात महिला के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी। मौके पर कपड़ा भी मिला है, जिसके आधार पर पुलिस को सुराग लगने की उम्मीद है।
दस-बारह घंटे पूर्व जन्म
मौके पर पहुंचे चिकित्सा प्रभारी डॉ. मनोहर ने बताया कि नवजात का जन्म संभवतया 10-12 घंटे पूर्व हुआ है। मौसम सर्द होने से बालिका का शरीर ठंडा था। ऎसे में उसे तुरंत अकलेरा ले गए। जहां उसे वार्मर पर रखने एवं प्राथमिक उपचार के बाद झालावाड़ रैफर कर दिया गया।
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