इससे सेक्स लाइफ को बनाइएं बेहतर
लंदन। उम्र के साथ-साथ सेहतमंद और गर्मजोशी भरी सेक्स लाइफ बरकरार रखना आज की जीवनशैली में एक बड़ी चुनौती है।
खासतौर पर महिलाओं के लिए सेक्स लाइफ से लेकर मेनपॉज तक गर्मजोशी बनाए रखने के लिए सम्मोहन का इस्तेमाल वैकल्पिक चिकित्सा के तौर पर बहुत कारगर है।
वैसे तो सेक्स लाइफ को बहुत सी चीजें प्रभावित करती हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं रोजाना पहनी जाने वाली मोजे का आपकी सेक्स लाइफ से गहरा संबंध है।
एक शोध से पता चला है कि मोजे पहनकर से सेक्स क्षमता बढ़ जाती है। डेली मेल में प्रकाशित खबर के अनुसार नीदरलैंड के यूनिवर्सिटी ऑफ ग्रोनिंगन में किए गए एक शोध में पाया गया है कि सिर्फ एक जोड़ी मोजा आपके जीवन में बहार ला देगा।
शोध के तहत 80 फीसदी महिलाओं को मोजे पहनकर सुलाया गया तो 50 फीसदी को बिना मोजे। इसके परिणाम बहुत ही हैरानी भरे आए। पता चला कि जिन महिलाओं को मोजे पहनकर सुलाया गया उनकी सेक्स पावर बढ़ गई।
शोधकर्ता गर्ट के मुताबिक, इसका सीधा संबंध महिला के दिमाग से है। महिला असीम सेक्स सुख तक पहुंचे इसके लिए आवश्यक है कि उसके दिमाग के उस हिस्से को सुरक्षित महसूस कराया जाए जो असुरक्षित महसूस है। साथ ही उनका ये भी कहना है कि अच्छे क्लाइमेक्स तक पहुंचने में कमरे का वातावरण और तापमान भी बहुत मायने रखता है।
लंदन। उम्र के साथ-साथ सेहतमंद और गर्मजोशी भरी सेक्स लाइफ बरकरार रखना आज की जीवनशैली में एक बड़ी चुनौती है।
खासतौर पर महिलाओं के लिए सेक्स लाइफ से लेकर मेनपॉज तक गर्मजोशी बनाए रखने के लिए सम्मोहन का इस्तेमाल वैकल्पिक चिकित्सा के तौर पर बहुत कारगर है।
वैसे तो सेक्स लाइफ को बहुत सी चीजें प्रभावित करती हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं रोजाना पहनी जाने वाली मोजे का आपकी सेक्स लाइफ से गहरा संबंध है।
एक शोध से पता चला है कि मोजे पहनकर से सेक्स क्षमता बढ़ जाती है। डेली मेल में प्रकाशित खबर के अनुसार नीदरलैंड के यूनिवर्सिटी ऑफ ग्रोनिंगन में किए गए एक शोध में पाया गया है कि सिर्फ एक जोड़ी मोजा आपके जीवन में बहार ला देगा।
शोध के तहत 80 फीसदी महिलाओं को मोजे पहनकर सुलाया गया तो 50 फीसदी को बिना मोजे। इसके परिणाम बहुत ही हैरानी भरे आए। पता चला कि जिन महिलाओं को मोजे पहनकर सुलाया गया उनकी सेक्स पावर बढ़ गई।
शोधकर्ता गर्ट के मुताबिक, इसका सीधा संबंध महिला के दिमाग से है। महिला असीम सेक्स सुख तक पहुंचे इसके लिए आवश्यक है कि उसके दिमाग के उस हिस्से को सुरक्षित महसूस कराया जाए जो असुरक्षित महसूस है। साथ ही उनका ये भी कहना है कि अच्छे क्लाइमेक्स तक पहुंचने में कमरे का वातावरण और तापमान भी बहुत मायने रखता है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें