न्यूयार्क। अमरीका की प्रसिद्ध हारवर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों के द्वारा की गई एक स्टडी के मुताबिक पीले और नारंगी फल "मर्दानगी" बढ़ाने में मददगार होते हैं।
स्टडी के दौरान "मर्दानगी" पर गाजर खाने का असर सबसे ज्यादा होता है। वहीं शकरकंदी और तरबूज खाने पर भी आदमी की मर्दानगी में चार चांद लग जाते हैं।
मालूम रहे कि अभी तक गाजर को "विटामिन ए" होने के कारण आंखों से संबंधित बीमारियों के लिए बेहतरीन माना जाता था।
लाल फल और सब्जियां जैसे कि टमाटर जिसमें कि एण्टी कैंसर कैमिकल "लाइकोपिन" भी है, भी मर्दानगी को काफी प्रभावित करते हैं।
ऎसा सुनने में आ रहा है कि पश्चिमी जगत की भागदौड़ और तनाव से भरी जिंदगी ने पुरूषों के स्पर्म काउंट को आधा कर दिया है।
स्टडी में यह सामने आया कि इन फलों और सब्जियों की इस खासियत में "कैरोटीन" पिगमेंट का योगदान है जिसे हमारा शरीर "एण्टीऑक्सीडेंट" में बदल देता है।
ये "एण्टीऑक्सीडेंट" उन "फ्री-रेडिकल्स" को खत्म कर देते हैं जो कि शरीर के डीएनए की संरचना और सेल स्ट्रक्चर को ही नुकसान पहुंचाते हैं।
एक और बात यह भी साबित हुई कि जो मर्द "ओमेगा 3 फैट्टी एसिड" जैसे अच्छे फैट खाते हैं उनमें भी स्पर्म क्वालिटी और मर्दों से ज्यादा होती है।
स्टडी के दौरान "मर्दानगी" पर गाजर खाने का असर सबसे ज्यादा होता है। वहीं शकरकंदी और तरबूज खाने पर भी आदमी की मर्दानगी में चार चांद लग जाते हैं।
मालूम रहे कि अभी तक गाजर को "विटामिन ए" होने के कारण आंखों से संबंधित बीमारियों के लिए बेहतरीन माना जाता था।
लाल फल और सब्जियां जैसे कि टमाटर जिसमें कि एण्टी कैंसर कैमिकल "लाइकोपिन" भी है, भी मर्दानगी को काफी प्रभावित करते हैं।
ऎसा सुनने में आ रहा है कि पश्चिमी जगत की भागदौड़ और तनाव से भरी जिंदगी ने पुरूषों के स्पर्म काउंट को आधा कर दिया है।
स्टडी में यह सामने आया कि इन फलों और सब्जियों की इस खासियत में "कैरोटीन" पिगमेंट का योगदान है जिसे हमारा शरीर "एण्टीऑक्सीडेंट" में बदल देता है।
ये "एण्टीऑक्सीडेंट" उन "फ्री-रेडिकल्स" को खत्म कर देते हैं जो कि शरीर के डीएनए की संरचना और सेल स्ट्रक्चर को ही नुकसान पहुंचाते हैं।
एक और बात यह भी साबित हुई कि जो मर्द "ओमेगा 3 फैट्टी एसिड" जैसे अच्छे फैट खाते हैं उनमें भी स्पर्म क्वालिटी और मर्दों से ज्यादा होती है।
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