शनिवार, 12 अक्तूबर 2013

"फैलिन" बरसाने लगा का कहर,20 गांव डूबे

"फैलिन" बरसाने लगा का कहर,20 गांव डूबे

भुवनेश्वर। महातूफान "फैलिन" ने ओडिशा के तटीय इलाकों पर कहर ढहाना शुरू कर दिया है। आंध्र के तटीय इलाकों में समुद्र की स्थिति भयंकर हो चुकी है और तटवर्ती गांवों में समुद्र का जल घुस चुका है। श्रीकाकुलम जिले के 20 गांव जलमग्न हो गए हैं।

तूफानी हवाओं के साथ भारी तटीय इलाकों में बारिश हो रही है। समुद्र में ऊंची लहरे उठने से कोई जहाज व नावें नजर नहीं आ रही। तटीय इलाके पर बसे लोगों को अन्यत्र भेजा गया है। भुवनेश्वर शहर में सड़कों गलियों तक सन्नाटा पसर गया है। तेज हवाओं के कारण जगह-जगह पेड़ों को नुकसान पहुंचा है। गोपालपुर में बिजली गुल हो जाने से अंधेरे का आगोश है।

एक मौत,18 मछुआरे फंसे

तूफान के चलते भुवनेश्वर में एक महिला की मौत हो गई है,जबकि 18 मछुआरों की जान अब भी तूफानी लहरों में फंसे हुए हैं। फैलिन का पहला शिकार बनी महिला की पहचान 42 साल की जयंती राउत के रूप में हई है। जयंती की मौत उसके घर के पास ही तेज हवाओं और बारिश के चलते एक पेड़ गिरने से हुई। उधर,मछली पकड़ने गए 18 मछुआरे के पारादीप के निकट तूफानी लहरों में फंसे होने की खबर है। राज्य राजस्व और आपदा मंत्री एसएन पात्रो के अनुसार सभी 18 मछुआरे समुद्र में पारादीप से लगभग 4 किलोमीटर की दूरी पर मछली पकड़ने वाले एक जहाज पर फंसे हुए हैं।


सहायता नहीं पहुंचा पा रहे तटरक्षक

आपदा मंत्रालय के अनुसार समुद्र में फंसे मछुआरों को बचाने के लिए राहत कार्य शुरू नहीं हो पाया है। तटरक्षक समुद्र के बेहद उग्र होने की वजह से राहत अभियान शुरू नहीं कर पा रहे हैं। इस मामले में आईओसी के अधिकारियों से संपर्क कर मदद मांगी है।

3.61 लाख को हटाया,जहाज के मालिक की तलाश

आपदा मंत्री के अनुसार मछुआरों के बचाव व राहत अभियान के साथ ही मछली पकड़ने वाले इस जहाज के मालिक का पता लगाकर उसे गिरफ्तार करने की कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है। महापात्रा ने कहा कि ओडिशा के छह तटीय जिलों से 3.61 लाख से ज्यादा लोग पहले ही निकाले जा चुके हैं।

3 राज्यों के 20 लाख लोग प्रभावित

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार इस तूफान से तीन राज्यों में 20 लाख से अधिक लोगों के प्रभावित होने की आशंका है। आंध्र प्रदेश और ओडिशा के खतरे वाले क्षेत्रों से लगभग चार लाख 40 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। तूफान से पैदा किसी भी स्थिति से निपटने की तैयारी पूरी कर ली गई है।

विभिन्न मंत्रालयों में खोले गए कंट्रोलरूम चौबीसों घंटे स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। पेट्रोलियम मंत्रालय ने ईधन की तंगी और संचार मंत्रालय ने टेलीफोन लाइनों के ठप पड़ने की आशंका को देखते हुए स्थिति से निपटने के लिए चाक चौबंद इंतजाम किए हैं। रेलवे ने 12 डीजल इंजनों को तैनात किया है ताकि बिजली कटनेकी स्थिति में भी ट्रेन सेवाएं जारी रहें।

प्रभावित राज्यों में कम से कम तीन दिन के लिए डीजल, पेट्रोल और रसोई गैस सिलिंडरों का भंडारण कर लिया गया है। इन इलाकों में खाने पीने के सामान और जरूरी दवाएं भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। तटीय इलाकों में तीनों सेनाओं के अलावा राष्ट्रीय आपदा कार्रवाई बल के दलों को बचाव और राहत कार्यो में इस्तेमाल किए जाने वाले साजो सामान के साथ तैनात किया गया है।

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