शनिवार, 28 सितंबर 2013

ओबामा ने मनमोहन को दिया दुर्लभ सम्मान

ओबामा ने मनमोहन को दिया दुर्लभ सम्मान

वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को दुर्लभ सम्मान दिया। राष्ट्रपति के अधिकृत कार्यालय ओवल आफिस में मनमोहन सिंह से मुलाकात के बाद वे उन्हें छोड़ने के लिए व्यक्तिगत रूप से व्हाइट हाउस के पोर्टिको तक चलकर आए।

व्हाइट हाउस के सख्त प्रोटोकॉल को जानने वाले लोग कहते हैं कि यह राष्ट्रपति का दुर्लभ से दुर्लभतम भाव प्रदर्शन है जो उन्होंने पहले कभी नहीं देखा।

अधिकारियों ने पहले भी इस बात पर गौर किया है ओबामा न केवल एक महान नेता और राजनेता के तौर पर प्रधानमंत्री सिंह का सम्मान करते हैं बल्कि एक अर्थशास्त्री के रूप में भी उनका आदर करते हैं।

दोनों नेताओं के बीच एक अच्छा निजी तालमेल है। ओबामा ने अपनी प्रेसीडेंसी का पहला राजकीय भोज नवंबर 2009 में मनमोहन सिंह को दिया था और उन्होंने भारत और अमेरिका को 21वीं सदी के अत्यावश्यक सहयोगी देश कहा है।

पहला व्यवसायिक करार
भारत और अमेरिका के बीच हुआ ऎतिहासिक असैन्य परमाणु समझौता क्रियान्वयन की दिशा में आगे बढ़ा है और भारतीय परमाणु विद्युत निगम लिमिटेड (एनपीसीआईएल) और वेस्टिंगहाउस इलेक्ट्रिक कंपनी ने एक प्रारंभिक व्यावसायिक करार पर हस्ताक्षर किए हैं।

पहले व्यावसायिक सौदे पर समझौते की घोषणा राष्ट्रपति बराक ओबामा ने शुक्रवार को भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ व्हाइट हाउस के ओवल कक्ष में अपनी शिखर बैठक के बाद स्वयं की। इस समझौते से भारत में एपी-1000 परमाणु रिएक्टर प्रौद्योगिकी का लाइसेंस देने की दिशा में तेजी आएगी।

साझा रक्षा परियोजनाओं की तैयारी
दोनों देश रक्षा सहयोग को आगे बढ़ाने के प्रयास के तहत अगले एक साल में आधुनिक रक्षा प्रौद्योगिकियों और प्रणालियों की सहयोगात्मक परियोजनाओं की पहचान करने के लिए सहमत हो गए हैं।

द्विपक्षीय रक्षा सहयोग की तारीफ और रक्षा संबंधों में हुई प्रगति पर संतुष्टि जाहिर करते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने संयुक्त बयान में दोनों पक्षों की ओर से और ज्यादा रक्षा सहयोग की जरूरत पर जोर दिया।

साझा घोषणा में कहा गया कि दोनों देशों के साझा सुरक्षा हित हैं और दोनों एक दूसरे को अपने करीबी सहयोगियों के रूप में देखते हैं।

जलवायु परिवर्तन पर कार्यकारी समूह
भारत और अमेरिका ने जलवायु परिवर्तन के वैश्विक मुद्दे के समाधान के उद्देश्य से द्विपक्षीय सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए एक संयुक्त कार्यकारी समूह बनाने की घोषणा की है।

भारत-अमेरिका जलवायु परिवर्तन कार्यकारी समूह स्थापित करने की घोषणा ओबामा और सिंह की बैठक के बाद जारी एक संयुक्त बयान के जरिये की गई। ओबामा और सिंह हाइड्रोफ्लोरोकार्बन पर भारत-अमेरिका कार्य बल की तत्काल बैठक बुलाने पर सहमत हुए ताकि बहुपक्षीय पहलों पर चर्चा की जा सके।

दोनों नेताओं ने वर्ष 2014 तक एक प्रोटोकॉल को मंजूरी देने, अन्य कानूनी उपायों या सीओपी21 के दौरान वर्ष 2015 तक सभी पक्षों पर लागू होने वाली संधि के तहत आने वाले कानूनी प्रावधान के साथ सहमत नतीजों पर राजनीतिक इच्छाशक्ति को गति देने के संरा महासचिव के प्रयासों का भी स्वागत किया।

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