अजमेर। जब रक्षक ही बन जाएं भक्षक तो फिर उम्मीदों के दिए बुझ जाते हैं। लेकिन जरूरी नहीं कि हमेशा ऎसा ही हो। कुछ ऎसा ही वाक्या तब देखने में आया जब जिले की स्थानीय जेल में कार्यरत सहायक जेलर राणाराम को 7,000 रूपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया।
उपलब्ध जानकारी के मुताबिक परिवादी सूरज निवासी रामगंज मंडी ने रिपोर्ट दर्ज कराई कि उसका भाई राहुल धारा 307 में जेल में बंद है। उससे मुलाकात करवाने तथा मारपीट नहीं करने की एवज में रामगंज मंडी के सहायक जेलर राणाराम ने एलसीडी देनेे की मांग की जिस पर युवक ने मांग पूरी करने में अपनी असमर्थता जताई। इस पर सौदा 7,000 रूपये में तय हुआ।
बाहर आकर परिवादी ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के अधिकारी विवेक सोनी को पूरा मामला बताया और अधिकारी की मदद से सहायक जेलर को गिरफ्तार कराने के लिये जाल बिछाया। इसके बाद केमिकल लगे नोट युवक ने आरोपी जेलर को दिये जिसके तुरंत बाद इंस्पेक्टर सोनी ने जेलर को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया और उसकी जेब से केमिकल लगे नोट बरामद कर लिये। मामले की प्राथमिक दर्ज कर आवश्यक कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
उपलब्ध जानकारी के मुताबिक परिवादी सूरज निवासी रामगंज मंडी ने रिपोर्ट दर्ज कराई कि उसका भाई राहुल धारा 307 में जेल में बंद है। उससे मुलाकात करवाने तथा मारपीट नहीं करने की एवज में रामगंज मंडी के सहायक जेलर राणाराम ने एलसीडी देनेे की मांग की जिस पर युवक ने मांग पूरी करने में अपनी असमर्थता जताई। इस पर सौदा 7,000 रूपये में तय हुआ।
बाहर आकर परिवादी ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के अधिकारी विवेक सोनी को पूरा मामला बताया और अधिकारी की मदद से सहायक जेलर को गिरफ्तार कराने के लिये जाल बिछाया। इसके बाद केमिकल लगे नोट युवक ने आरोपी जेलर को दिये जिसके तुरंत बाद इंस्पेक्टर सोनी ने जेलर को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया और उसकी जेब से केमिकल लगे नोट बरामद कर लिये। मामले की प्राथमिक दर्ज कर आवश्यक कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
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