अमेरिकी सेना का एक पूर्व स्नाइपर हमेशा से एक महिला की तरह जिंदगी जीना चाहता था और अपनी इस इच्छा की खातिर उसने सेना को अलविदा कह दिया है. यह नहीं वह अब ब्रिटेन में अपनी लेस्बियन प्रेमिका के साथ एक महिला के तौर पर रह रहा है.
गर्लफ्रेंड मारिया के साथ ब्रिटेन में बसने के बाद 40 वर्षीय चार्ल्स पोन्टीरियो अपनी सेक्स सर्जरी करवाने के लिए पैसे बचा रहे हैं.
29 वर्षीय छात्रा मारिया से इंटरनेट के जरिए हुई मुलाकात के बाद चार्ल्स ने अपना नाम बदलकर एलिशिया रख लिया. यही नहीं उन्होंने एक अभिनेत्री के तौर पर अपना करियर बनाने के लिए अमेरिकी सेना से भी त्यागपत्र दे दिया.
उनका कहना है कि वह अब खुलेआम ब्रिटेन में एक महिला की तरह जिंदगी जी रही हैं क्योंकि अमेरिका की तुलना में यहां सेक्स बदलवाना ज्यादा आसान है.
आपको बता दें कि एलिशिया उर्फ चार्ल्स तीन बार शादी कर चुके हैं उनके दो बच्चे भी हैं. वे कहती हैं, 'मैं हमेशा से एक लड़के से ज्यादा लड़की की तरह महसूस करती थी. लेकिन जब मैं आर्मी में थी तो मुझे अपनी इस भावना को छिपाना पड़ता था.'
उन्होंने कहा, 'मेरे परिवार का मिलिट्री बैकग्राउंड है, इसलिए मुझे हमेशा से पता था कि मुझे आर्मी में ही जाना है. लेकिन यह मेरे लिए सही नहीं था. मेरा परिवार हमेशा से जानता था कि मैं एक पुरुष से ज्यादा महिला की तरह महसूस करती हूं, इसलिए जब मैंने उन्हें बताया कि मैं एक महिला की तरह जिंदगी बिताना चाहती हूं तो उन्हें जरा भी आश्चर्य नहीं हुआ.'
एलिशिया कहती हैं, 'मेरे परिवार ने हमेशा मुझे सहयोग दिया और आखिरकार अपना नाम बदलकर और मारिया को पाकर मैं बेहद खुश हूं. मैं हमेशा से अपना नाम बदलना चाहती थी, लेकिन ब्रिटेन के आने के बाद मुझे एहसास हुआ कि यहां नाम बदलना आसान है इसलिए मैंने यह फैसला ले ही लिया. इससे मुझे खुलेआम बतौर एलिशिया के नाम से जिंदगी जीने का आत्मविश्वास मिला.'
उन्होंने कहा, 'आजकल मैं एक्टिंग सीख रही हूं, ताकि एक अभिनेत्री के रूप में पहचान बना सकूं.'
आपको बता दें कि एलिशिया ने 15 सालों तक अमेरिकी सेना में अपनी सेवाएं दी हैं. उन्हें हथियार और विस्फोटक विशेषज्ञ के तौर पर मध्य पूर्व और सोमालिया में तैनात किया गया था.
एलिशिया का दावा है कि बचपन से ही उनके शरीर में एस्ट्रोजेन की मात्रा काफी ज्यादा थी. आपको बता दें कि एस्ट्रोजेन फीमेल सेक्स हार्मोन है.
वे कहती हैं, 'मेरे शरीर में हमेशा से एस्ट्रोजेन की बहुत ज्यादा मात्रा थी, इसलिए मैं महिला की तरह महसूस करती थी. मेरे हार्मोन्स इतने असंतुलित थे कि मुझे कभी जेंडर बदलवाने के लिए हार्मोन रिप्लेसमेंट ड्रग्स लेने की जरूरत ही नहीं पड़ी, मेरे शरीर में प्राकृतिक रूप से ही ऐसे हार्मोन बन रहे थे.'
उन्होंने कहा, 'जब मैं आर्मी में थी तो मुझे अपने असली व्यक्तित्व को छिपाना पड़ता था. हालांकि मैं अच्छी सैनिक थी.'
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