गणपति बप्पा मोरिया अगले बरस तू जल्दी आ
बाड़मेर।
देश भर की तरह रेतीले बाड़मेर में भी गणपति बप्पा मोरिया की धूम रही और बाड़मेर शहर में अलग अलग मोहले गली और व्यापारियों ने गणपति बप्पा मोरिया अगले बरस तू जल्दी आ के जयकारे, ढोल की थाप पर नाचते युवक मंगल गाती महिलाएं और शान से चलती भगवान गणपति प्रतिमाओं की श्रंखला और उडते गुलाल ने मानो थार नगरी को महाराष्ट्र की धरा बना हो। शहर भर में विभिन्न मोहल्लों से दर्जनों गणपति की छोटी-बड़ी प्रतिमाओं की शोभायात्रा के साथ स्थानीय जसदेर तालाब में वैदिक मंत्रोंचार व विधान पूर्ण कर आरती के बाद गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया। इसे पहले शहर भर की प्रतिमाओं की शोभायात्रा प्रारम्भ हुई जो विभिन्न मोहल्लों एवं मुख्य मार्गो से होती हुई जसदरे घाम पहुंची ओर वहां पूजा अर्चना के बाद भगवान गणपति की प्रतिमाओं का विर्सजन किया गया। रंग बिरंगे लिबास के साथ सजे धजे युवक युवतियां ढोल की थाप पर नाचते युवा आगे बढ़ रहे और थोडे-थोडे अन्तराल के बाद भगवान गणपति के जयकारे गूंज रहे थे जो गणेश भक्तों ने जगह-जगह शीतल पेय की व्यवस्था की। शोभायात्रा का विभिन्न जगहों पर पुष्प वर्षा के साथ स्वागत हुआ 3 घण्टे से अधिक समय तक चली शोभायात्रा सांय पांच बजे जसदेर तालाब पहुंची जहां वैदिक मंत्रोचार के साथ विसर्जन का कार्यक्रम प्रारम्भ हुआ विसर्जन के समय गणपति बप्पा से अगले बरस जल्दी आने के वादे के साथ भगवान गणपति को विदाई और बाद में प्रसादी वितरण के साथ ग्यारह दिवसीय शोभायात्रा का समापन हुआ।
जसदेर तालाब मेले का माहौल : गणपति महोत्सव के विसर्जन महोत्सव के दौरान जसदेर तालाब पर मेले सा माहौल नजर आया वहां पर सैकडों महिलाएं एवं युवकों की भारी भीड़ नजर आई विसर्जन कार्यक्रम के दौरान जसदेर तालाब पर गणपति के खूब जयकारें गूंजें और ढोल की थाप के बाद मंगल गीत गाते हुए महिलाओं ने गणपति को विदाई दी।
आजाद युवा ग्रुप ने किया था आगाज: 2005 में पहली बार आजाद युवा ग्रुप ने पहली बार भगवान गणपति की ग्यारह दिवसीय महोत्सव की स्थापना की थी और नव वर्ष बाद वर्तमान में शहर भर में करीब 50-70 बड़ी और सैकड़ो छोटी गणपति की स्थापना शहर भर में हुई और ग्यारह दिवसीय महोत्सव के साथ बुधवार को जसदेर तालाब में विसर्जन हुआ।
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