काबुल। अफगानिस्तान के पकतिका प्रांत में एक भारतीय लेखिका की गोली मार कर हत्या कर दी गई। इस लेखिका ने 18 साल पहले तालिबान के चंगुल से निकलने के बारे में अपना संस्मरण लिखा था।
लेखिका सुष्मिता बनर्जी (49) ने अफगानी व्यापारी से शादी की थी। सुष्मिता को उनके घर के बाहर गोली मारी गई। 1995 में चमत्कारिक रूप से तालिबान के चंगुल से निकलने के बारे में लिखी गई पुस्तक भारत में बेस्ट सेलर बन गई थी। इस पर बालीवुड में 2003 में एक फिल्म भी बनी थी। सुष्मिता पति के साथ रहने के लिए हाल ही अफगानिस्तान लौट आई थीं।
सुष्मिता को उनके वृतांत "अ काबुलीवालाज बेंगाली वाइफ" के कारण भारत में ख्याति मिली। इसमें उन्होंने अपने पति जांबाज खान के साथ अफगानिस्तान में अपनी जिंदगी तथा तालिबान के चंगुल से निकलने के बारे में लिखा।
इस पर बॉलीवुड फिल्म "एस्केप फ्रॉम तालिबान" भी बनी। इसमें मनीषा कोइराला ने मुख्य भूमिका निभाई थी। फिल्म में तालिबान को चुनौती देने वाली एक महिला के बारे में बताया गया।
लेखिका सुष्मिता बनर्जी (49) ने अफगानी व्यापारी से शादी की थी। सुष्मिता को उनके घर के बाहर गोली मारी गई। 1995 में चमत्कारिक रूप से तालिबान के चंगुल से निकलने के बारे में लिखी गई पुस्तक भारत में बेस्ट सेलर बन गई थी। इस पर बालीवुड में 2003 में एक फिल्म भी बनी थी। सुष्मिता पति के साथ रहने के लिए हाल ही अफगानिस्तान लौट आई थीं।
सुष्मिता को उनके वृतांत "अ काबुलीवालाज बेंगाली वाइफ" के कारण भारत में ख्याति मिली। इसमें उन्होंने अपने पति जांबाज खान के साथ अफगानिस्तान में अपनी जिंदगी तथा तालिबान के चंगुल से निकलने के बारे में लिखा।
इस पर बॉलीवुड फिल्म "एस्केप फ्रॉम तालिबान" भी बनी। इसमें मनीषा कोइराला ने मुख्य भूमिका निभाई थी। फिल्म में तालिबान को चुनौती देने वाली एक महिला के बारे में बताया गया।
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