गुरुवार, 5 सितंबर 2013

भावी पीढी के निर्माता हैं शिक्षक - राज्यपाल

राज्यपाल श्रीमती मार्ग्रेट आल्वा ने कहा है कि शिक्षक भावी पीढी के निर्माता हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों की सोच और उनके चरित्र् का निर्माण शिक्षकों के हाथों में होता है। राज्यपाल ने शिक्षकों का आव्हान किया कि शिक्षा बच्चों के जीवन भर काम आती है, इसलिए वे अपने दायित्वों को जिम्मेदारी से निभाये और देश को दुनिया की नजरों में ऊंचा बनाये रखने में अपना योगदान दें।
राज्यपाल श्रीमती आल्वा गुरूवार को यहां बिडला सभागार में शिक्षक दिवस पर आयोजित राज्यस्तरीय समारोह को सम्बोधित कर रहीं थीं। उन्होंने माँ सरस्वती और स्व.डॉ. राधाकृष्णन के चित्र् पर पुष्प अर्पित किये और दीप प्रज्ज्वलन कर समारोह का शुभारम्भ किया।


राज्यपाल ने कहा कि यह देश हम सभी का है। हम सब एक है। उन्होंने कहा कि हमारे बीच में भेदभाव नहीं होना चाहिए। राज्यपाल ने कहा कि शिक्षक अपने कर्त्तव्यों के लिए प्रतिबद्व रहें। उन्होंने कहा कि समाज के भविष्य बच्चों की सोच को निर्माण करने की बहुत बडी जिम्मेदारी का कार्य शिक्षकों द्वारा किया जाता है। श्रीमती आल्वा ने कहा कि शिक्षकों के बिना शिक्षा प्रदान करना संभव नही है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों का कार्य मात्र् नौकरी नही हैं बल्कि यह एक मिशन है।
श्रीमती आल्वा ने कहा कि शिक्षक बच्चों को प्यार से पढायें और उनके सवालों का धैर्य पूर्वक जबाब दें। राज्यपाल ने कहा कि समाज का दायित्व है कि शिक्षकों को पूरा सम्मान दें। राज्यपाल ने प्रदेश में चल रही योजनाओं की सराहना करते हुए कहा कि अभी भी इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किये जाने की जरूरत है।


समारोह में शिक्षा मंत्री श्री बृज किशोर शर्मा ने कहा कि प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र् में उत्तरोतर विकास हो रहा है। बालिका शिक्षा के लिए अग्रणी कदम उठाये जा रहे हैं। श्री शर्मा ने प्रदेश में चल रही शिक्षा की योजनाओं को विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि शिक्षा से ही उन्नति संभव है। उन्होंने समाज में शिक्षकों के योगदान को प्रेरणादायी बताया है।
कार्यक्रम में शिक्षा राज्य मंत्री श्रीमती नसीम अख्तर ने कहा कि बच्चों में मानवीय गुणों का समावेश ही उन्नति का आधार है। उन्होंने शिक्षकों से कहा कि वे अपने कार्य कौशल से शिक्षा की ज्योति को बनाये रखें। माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष प्रोफेसर पी.एस. वर्मा ने कहा कि शिक्षक स्वंय सदैव अध्ययनरत रहें और अपने विद्यार्थियों का निष्पक्ष मूल्यांकन करें। उन्होंने शिक्षा को सम्मानजनक व्यवसाय के साथ जीवन दर्शन बताया।
प्रारम्भ में प्रमुख शासन सचिव, विद्यालय शिक्षा, श्रीमती बीनू गुप्ता ने अपने स्वागत उद्बोधन में कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी दी। विद्यालय शिक्षा के सचिव श्री प्रवीण गुप्ता ने आभार ज्ञापित किया।
समारोह में राज्यपाल ने शिक्षकों को प्रशस्ती पत्र् भेंट कर सम्मानित किया। शिक्षा मंत्री श्री शर्मा ने शिक्षकों को स्मृति चिन्ह भेंट किये और शिक्षा राज्य मंत्री श्रीमती अख्तर ने शिक्षकों को शॉल ओढाकर सम्मानित किया।






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